मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ -3 राधे - मीरा

राधे ने उसे रात की सारी बात बताई तो नीरज का लौड़ा फुंफकार मारने लगा।
नीरज- अरे यार बस कर.. पानी निकल जाएगा मेरा.. साली को कल मैंने देखा.. तभी मेरे लौड़े में झंझनाहट हो गई थी.. अब तू कैसे भी संभाल ले यार..
राधे- मेरे 5 लाख कहाँ है साले.. वो दे मुझे वहाँ नहीं रहना.. कल तो मैंने कैसे भी अपने आप पर काबू कर लिया.. मगर ज़्यादा नहीं रुक पाऊँगा.. कहीं उसका बलात्कार ना कर दूँ..
नीरज- अरे शुभ-शुभ बोल यार.. एक काम कर ना.. उसको पटा ले.. उसके बाद आराम से चोद लेना और रात को ये नकली मम्मों को लगाने का झंझट भी ख़त्म हो जाएगा।
राधे- अबे साले चूतिए.. तू मुझे यहाँ उसकी बहन बना कर लाया है.. अब मैं उसको क्या कहकर पटाऊँ? मीरा देखो तुम्हारी दीदी का लौड़ा.. देखो प्लीज़ अपनी चूत में अपनी दीदी का लौड़ा ले लो.. साला चूतिया…
नीरज- अरे सॉरी यार.. भूल गया था.. लेकिन तुम ऐसे भाग जाओगे तो उनको शक होगा और हम फँस जाएँगे.. कुछ दिन कैसे भी संभाल ले ना यार.. उसके बाद हम कुछ सोच ही लेंगे ना..
राधे- ठीक है.. ठीक है.. चल मेरा हिस्सा दे.. साला कहीं सारे पैसे रंडियो पर उड़ा देगा तो मेरा क्या होगा.. मैं तो हिलाता ही रह जाऊँगा..।
नीरज- अरे यार मुझे ऐसा समझा है क्या.. ले देख ले ये रसीद मैंने तेरे पैसे तेरे खाते में डाल दिए है.. साला कब का खुला हुआ खाता आज काम आया है.. अब मैं जाता हूँ तू संभल कर रहना और हाँ फ़ोन करते रहना.. मैं फ़ोन करूँगा तो किसी को शक हो जाएगा.. तू ही मौका देख कर फ़ोन कर लेना।
राधे- चल ठीक है.. जा साले मज़ा कर.. उस साले मास्टर को क्या कहेगा.. मेरे बिना तो उसका धन्धा ही बंद हो जाएगा।
नीरज- कुछ भी बोल दूँगा.. तू यहाँ का देख.. मैं वहाँ संभाल लूँगा यार..
नीरज के जाने के बाद राधे वापस घर आ गया। उस समय ममता दोपहर का खाना बना रही थी।
ममता- अरे आ गई बीबी जी.. आप कहाँ चली गई थीं?
राधा- कहीं नहीं बस ऐसे ही थोड़ा घूम कर आई हूँ।
ममता की आदत थी ज़्यादा बात करने की मगर राधे ने ज़्यादा बात करना ठीक नहीं समझा और अपने कमरे में जाकर कमरा बन्द करके सारे कपड़े निकाल कर बिस्तर पर लेट गया।
राधे- साला कहा फँस गया.. नाटक के समय लड़की बनना आसान था.. यहाँ तो दिन-रात लड़की की ड्रेस में रहना पड़ेगा.. ऐसे-कैसे काम चलेगा.. कुछ करना पड़ेगा यार.. अब करूँ तो क्या करूँ?
बस राधे इसी सोच में पड़ा रहा कि इस मुसीबत से कैसे पीछा छूटेगा.. तभी ममता ने दस्तक दी।
ममता- बीबी जी सो गईं क्या.. जल्दी बाहर आओ.. हॉस्पिटल से फ़ोन आया था.. साहब की तबियत खराब हो गई है उनको हॉस्पिटल लेकर गए हैं.. जल्दी बाहर आओ।
राधा- बस 5 मिनट में आई.. रूको..
राधे ने फटाफ़ट अपना रूप बदला और बाहर आ गया।
जब राधे बाहर आया.. तब तक ममता ने स्कूल में फ़ोन करके मीरा को भी बता दिया था।
राधा- क्या हुआ पापा को.. किसका फ़ोन था बताओ?
ममता- बीबी जी आप जानती नहीं.. साहब को दिल की बीमारी है.. कभी-कभी उनको सीने में तकलीफ़ हो जाती है तो हॉस्पिटल में भरती करना पड़ता है।
राधा ने ज़्यादा बात करना ठीक नहीं समझा और उसको लेकर हॉस्पिटल के लिए निकल गई।

उधर मीरा भी स्कूल से वहाँ पहुँच गई।
सॉरी दोस्तो, कहानी के बीच में आने के लिए.. आप सोच रहे होंगे.. यह कैसी कहानी है जिसमें सेक्स ही नहीं.. तो दोस्तों कहानी बन रही है.. सेक्स भी आएगा.. थोड़ा सब्र रखो..
मीरा- डॉक्टर क्या हुआ पापा को..? वो ठीक तो है ना? प्लीज़ बताओ मुझे?
डॉक्टर- घबराने की कोई बात नहीं है.. मैंने कहा था ना ज़्यादा टेंशन और कभी-कभी ज़्यादा ख़ुशी भी इंसान के दिल पर असर करती है।
मीरा- अब तो दीदी भी आ गईं.. अब हम दोनों मिलकर इनको एकदम ठीक कर देंगे।
डॉक्टर- हाँ बेटी.. अब इनको घर ले जाओ.. ये ठीक हैं.. मगर ध्यान रखना बड़े सालों के बाद इनके चेहरे पर मुस्कुराहट आई है.. अगर अब कोई बड़ी टेंशन इनके सामने आई तो इनके लिए खतरा भी हो सकता है।
राधा- आप चिंता मत करो.. डॉक्टर हम पापा को हमेशा खुश रखेंगे।
एक घंटा वहीं रहने के बाद सब घर आ गए। दिलीप जी को उनके कमरे में लेटाकर मीरा और राधा उनके पास ही बैठ गई।
ममता ने खाने के लिए पूछा.. मगर दोनों का मन नहीं था.. वो बस वहीं बैठी रहीं। फिर ममता अपने काम में लग गई।
देर शाम तक वो पापा के साथ रहीं.. ममता ने ज़ोर देकर दोनों को खाना खिलाया.. थोड़ा हल्का सा दिलीप जी को भी दिया।
दिलीप जी- बेटी मैं अब ठीक हूँ.. जाओ तुम दोनों सो जाओ.. मुझे कुछ नहीं होगा.. अब मेरी राधा बिटिया आ गई है.. देखना बहुत जल्दी मैं ठीक हो जाऊँगा।
वो दोनों अपने कमरे में चली गईं।
मीरा- दीदी मैं अकेले ही पापा को सम्भालती आई हूँ.. अब आप आ गई हो.. तो हम दोनों मिलकर पापा को खुश रखेंगे।
मीरा की आँखों में आँसू आ गए.. वो राधे के सीने से चिपक गई।
राधे के हाथ मीरा की पीठ पर थे.. वो उसको तसल्ली दे रहा था और उसका लौड़ा मीरा के जिस्म की गर्मी से अकड़ने लगा था।
राधे- अरे रो मत.. कुछ नहीं होगा.. तू कपड़े बदल ले पहले.. बाद में आराम से बैठ कर बातें करेंगे।
मीरा- नहीं बदलने मुझे.. मैं बस आपसे ऐसे ही चिपक कर सोऊँगी.. चलो बिस्तर पर चलते हैं।
राधे- हाँ मीरा.. जैसा तुमको अच्छा लगे.. आ जाओ बिस्तर पर ही चलते हैं। वहाँ आज मैं तुमसे ढेर सारी बातें करूँगी.. मगर यह स्कूल ड्रेस तो निकाल दे.. सुबह से पहनी हुई है।
मीरा- एक शर्त पर कपड़े बदलूँगी..
राधा- कैसी शर्त है बोलो?
मीरा- आप मेरी बड़ी दीदी हैं.. इतने साल मुझे आपका प्यार नहीं मिला.. आज आप मुझे कपड़े बदली करवाओ..
राधा- अरे तू बच्ची है क्या.. जो मैं कपड़े पहनाऊँ?
मीरा- मैं कुछ नहीं जानती.. बस आपको आज मेरे कपड़े बदलने ही होंगे.. प्लीज़ दीदी प्लीज़..
राधे का लौड़ा तो पहले ही बगावत कर रहा था.. अब उसकी बातों से वो फुंफकारने लगा था- ठीक है.. अब तू ऐसे मानेगी तो है नहीं.. जा ले आ अपने कपड़े..
मीरा अलमारी से कपड़े निकालने लगी और राधे धीरे-धीरे बड़बड़ाने लगा।
राधे- साला मैं जितना इससे बच रहा हूँ.. ये मुझे उतना ज़्यादा बहका रही है.. आज साली का महूरत कर ही देता हूँ.. जो होगा देखा जाएगा।
मीरा एक पतली सी पिंक नाईटी हाथ में लेकर आई- लो दीदी आज ये पहनूँगी मैं.. अब चलो निकालो मेरे कपड़े..
राधे कुछ नहीं बोला और मीरा की शर्ट के बटन खोलने लगा। 
एक-एक बटन के साथ राधे की धड़कनें बढ़ती जा रही थीं.. जब सारे बटन खोल दिए तो नीली ब्रा में जकड़े हुए मीरा के सख्त चूचे.. राधे की आँखों के सामने आ गए।
राधे- मीरा तेरे चूचे तो बड़े कड़क हैं आकार भी बहुत प्यारा है इनका..
मीरा- ओह थैंक्स दीदी कल तो आप मुझे बेशर्म बोल रही थीं.. आज खुद ऐसी बातें कर रही हो।
राधे- अरे नहीं.. ऐसी बात नहीं है.. तुम बहुत अच्छी हो.. मैंने तो ऐसे ही कहा था।
मीरा- अरे दीदी इसमें ‘सॉरी’ की क्या बात है आजकल 3जी का जमाना है.. ये सब आम बात है। मैंने बताया था ना.. स्कूल में कई बार हम लड़कियां एक-दूसरे के सामने नंगी हो जाती हैं।
राधे- हाँ बताया तो था.. चलो अब स्कर्ट भी निकाल देती हूँ।
राधे ने मीरा की स्कर्ट भी निकाल दी.. नीली पैन्टी में उसकी फूली हुई चूत देख कर राधे का मन हुआ कि उसको छू ले.. मगर उसने अपने आप पर काबू रखा।
मीरा- दीदी अब ब्रा और पैन्टी भी निकाल दो.. अपनी छोटी बहन का जिस्म पूरा देखो.. मेरी सहेलियाँ बहुत तारीफ करती हैं।
राधे- अच्छा ऐसी बात है.. चलो कल तो मैंने नहीं देखा था.. आज देख कर बताऊँगी कि तुम्हारा जिस्म कैसा है?
राधे ने ब्रा का हुक खोल कर मीरा के संतरे आज़ाद कर दिए और एक ही झटके में उसकी पैन्टी भी निकाल दी। 
जैसा मैंने पहले बताया था मीरा की चूत डबल रोटी जैसी फूली हुई थी, राधे की जीभ लपलपा गई।
राधे को देख कर मीरा को हँसी आ गई।
मीरा- हा हा हा हा.. दीदी आप तो ऐसे देख रही हो.. जैसे कभी किसी लड़की को देखा ना हो.. हा हा.. अब बताओ मैं बिना कपड़ों के कैसी लगती हूँ?
राधे- मीरा तुम तो ‘सेक्स-बॉम्ब’ लग रही हो.. कोई लड़का तुझे देख ले.. तो खड़ा-खड़ा पानी-पानी हो जाए।
मीरा- ओह थैंक्स दीदी.. अब नाईटी पहना दो.. हम बिस्तर पर बातें करेंगे.. मुझे आपसे कुछ जरूरी बात करनी है।
राधे- हाँ मीरा.. बात तो मुझे भी करनी है.. लो पहन लो ये नाईटी।
मीरा नाईटी पहनते ही खड़ी हो गई और अलमारी के पास जाकर खड़ी हो गई।
राधा- अरे क्या हुआ मीरा.. वहाँ क्यों चली गई.. यहाँ आओ ना?
मीरा कुछ नहीं बोली और अलमारी से एक काली नाईटी निकाल कर ले आई- दीदी आप ये पहन लो.. इन तंग कपड़ों में आपको कैसे नींद आती है.. आज दोनों बहनें चिपक कर सोएंगे.. मज़ा आएगा।
राधे के तो होश उड़ गए.. उसको लगा अब उसका भांडा फूट जाएगा।
राधे- न..नहीं मीरा.. मैं ये नहीं पहन सकती.. तू यहाँ आ.. मैं तुझे आज वो मज़ा दूँगी कि सारी ज़िंदगी याद रखोगी..
मीरा- नहीं दीदी आपको ये पहनना ही होगा.. मुझे भी आपका जिस्म देखना है।
राधे आगे बढ़ा और मीरा को अपनी बाँहों में ले लिया।
राधे- मेरी जान मैं अपना सब कुछ दिखा दूँगी.. तू यहाँ आ तो सही.. चल बिस्तर पर आ जा.. आज तुझे जन्नत के नजारे दिखाती हूँ।
मीरा बेचारी नादान ही तो थी.. जल्दी मान गई और राधे के साथ बिस्तर पर चली गई। 
अपना राधे भी एकदम गर्म हो गया था उसका लौड़ा अकड़ा हुआ था, आज उसने सोच लिया था कि वो मीरा की कुँवारी बुर का मज़ा लेकर ही रहेगा। 
राधे- अच्छा मीरा.. एक बात बता तू.. इतनी बेशर्म कैसे हो गई..? मेरे सामने नंगी हो जाती है.. क्या तेरा कोई ब्वॉय-फ्रेण्ड है क्या? सही बताना मुझे..
मीरा- ओह दीदी.. आप कौन सी दुनिया से आई हो.. मैंने बताया था ना.. ये 3जी का जमाना है.. आजकल शर्म कौन जानता है.. अब तो जमाना लड़कों के कन्धों से कंधा मिलाकर चलने का है।
राधे- बस बस ज्ञान मत दे मुझे.. मैंने जो पूछा है.. उसका सीधा जवाब दे बस..
मीरा- ओके दीदी बताती हूँ.. देखो आज से दो साल पहले हमारे स्कूल में एक प्रोग्राम था.. तो मैं और मेरी कुछ सहेलियां उसमें शामिल थीं.. अब हुआ यूं कि जब हम ड्रेसिंग रूम में थे.. तब हमें कपड़े चेंज करने थे.. मुझे शर्म आ रही थी.. तब मेरी फ्रेण्ड मोना ने कहा कि अरे हम सब लड़की हैं तो है शर्माना क्या.. लेकिन मैं नहीं मानी तो सब ने मिलकर मुझे नंगा कर दिया.. कमीनियों ने ब्रा और पैन्टी भी नहीं छोड़ी.. बस उस दिन उन्होंने मुझे इतना छेड़ा कि मेरी सारी शर्म हवा हो गई। अब तो हम अक्सर पिकनिक में एक-दूसरे के सामने नंगे हो जाते हैं.. साथ नहा लेते हैं..
राधे- ओह ये बात है.. अच्छा लड़कों के बारे में क्या ख्याल है.. कोई लव-अव का चक्कर है क्या..?
मीरा- नहीं दीदी.. अभी तक तो ऐसा कोई मिला नहीं.. जो मुझे पसन्द आए.. हाँ पहले लड़के कमेन्ट करते थे.. तो गुस्सा आता था मगर जब से मोना ने नेट पर xxx फिल्म दिखाई है.. तब से लड़कों के कमेन्ट अच्छे लगने लगे हैं। उनका हथियार जब पैन्ट के ऊपर से दिखता है तो मन मचल जाता है।
राधे मन ही मन खुश हो रहा था और अपने आप से बोल रहा था- अबे साले तेरी तो किस्मत खुल गई ये साली तो एकदम तैयार माल है.. इसकी चूत तो खुद लौड़े को तलाश कर रही है.. बोल दे अपने दिल की बात.. दिखा दे अपना लौड़ा इसे..
मीरा- दीदी कहाँ खो गईं आप.. अपने बारे में कुछ बताओ ना?
राधे- अरे बताऊँगी.. पहले मेरी बातों का जवाब तो दे…
मीरा- अच्छा पूछो?
राधे- लड़कों का वो कभी देखा है तुमने?
मीरा- नहीं दीदी.. रियल देखने का कभी मौका नहीं मिला.. बस ब्लू-फिल्म में देखा है।
राधे- ओह अच्छा देखने का मन है तुम्हारा?
मीरा- हाँ दीदी मन तो है.. मगर डरती हूँ आजकल एमएमएस का बड़ा चर्चा है.. इसी डर से मैं किसी लड़के को भाव नहीं देती.. ये हरामी हैं ना.. भोली-भाली लड़कियों का फायदा उठा कर उनका एमएमएस बना कर ब्लैकमेल करते हैं।
राधे- हाँ सही कहा तुमने.. हर किसी पर भरोसा नहीं करना चाहिए.. अच्छा ये बता xxx देख कर क्या होता है.. तूने कभी अपनी दोस्त के साथ लेसबो किया है.. या तूने कभी अपनी फुद्दी में उंगली की है?
मीरा- धत दीदी.. आप भी ना.. मैंने आपके सामने कपड़े बदले तो मुझे अपने बेशर्म कहा.. अब आप तो मुझसे कितनी गंदी बातें कर रही हो।
राधे- अरे शर्मा गई तू तो… मैंने तो इसलिए पूछा क्योंकि अब मैं तुम्हारी दीदी नहीं दोस्त हूँ.. चल मुझे सब सच-सच बता..
मीरा- ओके दीदी.. वी आर फ्रेण्ड.. हाँ दीदी जब xxx देखती हूँ ना.. तो पूरे जिस्म में आग लग जाती है.. हाथ अपने आप नीचे चला जाता है… मोना ने बताया था जब नहाओ तो उंगली किया करो.. मगर मैंने एक बार की तो दर्द हुआ.. तब से बस फुद्दी को ऊपर से ही रगड़ कर मज़ा ले लेती हूँ और उस समय xxx में जो आदमी होता है.. उसके मेन पार्ट को याद करती हूँ।
राधे- गुड मेरी मीरा.. ये हुई ना दोस्तों वाली बात..
मीरा- दीदी आप भी हमसे कितने सालों तक दूर रहीं.. अपने कभी सेक्स किया है.. या आपका कोई ब्वॉय-फ्रेण्ड है?
राधे- नहीं मीरा.. मैंने ऐसा कुछ नहीं किया मैं एक गरीब घर में थी.. वहाँ ऐसा सोचना भी मुमकिन नहीं था। ये सब जाने दे.. चल आज मैं तुझे मज़ा देती हूँ और ऐसा मज़ा कि तू सोच भी नहीं सकती।
मीरा- सच दीदी क्या करोगी आप?
राधे- मैं तेरे इन मदमस्त चूचों को चुसूंगी.. तेरे जिस्म के हर एक हिस्से पर अपने होंठों की छाप छोड़ दूँगी.. तेरी कमसिन चूत को चाट-चाट कर पानी निकाल दूँगी।
मीरा- छी.. दीदी.. आप तो लड़कों की बोली बोल रही हो.. फुद्दी से सीधे आप च..चूत पर आ गई हो।
राधे- अरे मीरा.. फुद्दी से ज़्यादा चूत बोलना अच्छा लगता है.. चल अब ये नाईटी निकाल दे और अपनी राधा का कमाल देख।
मीरा- दीदी आप भी नंगी हो जाओ ना.. प्लीज़ हमें ज़्यादा मज़ा आएगा।
राधे- ओके हो जाऊँगी.. मगर एक शर्त पर.. तुमको अपनी आँखों पर पट्टी बांधनी होगी।
मीरा- नहीं दीदी.. ये क्या बात हुई? ऐसे में मैं आपको कैसे देख पाऊँगी?
राधे- अरे पूरी बात तो सुनो.. पहले तुम पट्टी बाँध लो.. मैं नंगी होकर तुमसे चिपक जाऊँगी.. तुम्हें मज़ा दूँगी.. उसके बाद तुम आँखें खोल लेना और मुझे देख लेना।
मीरा- ओके दीदी.. ये सही रहेगा.. मज़ा आएगा.. मैं अभी आई मेरे पास अलमारी में काली पट्टी है.. मैं लेकर आती हूँ..
मीरा पट्टी ले आई राधे ने अच्छी तरह उसकी आँखें बन्द की और उसे इन्तजार करने को कहा।
थोड़ी ही देर में राधे ने अपने सारे कपड़े निकाल दिए.. उसका 8″ का लौड़ा तनकर एकदम फुंफकार मार रहा था।
मीरा सीधी लेटी हुई थी.. राधे उस पर सवार हो गया और मीरा के होंठों को चूसने लगा। उसने अपना बदन ऐसे मोड़ा हुआ था कि उसका लौड़ा मीरा के जिस्म से दूर रहे ताकि उसको शक ना हो और मीरा तो वैसे भी होंठ चुसवाने में बिज़ी थी.. उसको इतना ध्यान कहाँ था।
राधे मीरा के होंठ चूस रहा था और हाथों से उसके छोटे-छोटे चीकू जैसे मम्मों को सहला रहा था, मीरा जल बिन मछली की तरह छटपटा रही थी।
अब राधे होंठों से गर्दन पर आ गया और चुम्बन करता हुआ नीचे आने लगा।
मीरा- आह्ह.. आईई.. दीदी आह.. आप तो बहुत मज़ा दे रही हो.. आह्ह.. ऐसे साइड में क्यों लेटी हो.. आह्ह.. आ जाओ मेरे ऊपर.. आ जाओ.. अपने बड़े मम्मों को और मेरे मम्मों का मिलन करवा दो.. आह्ह.. अपनी चूत से मेरी चूत टकरा दो.. आह्ह..
राधे- आऊँगी मेरी जान.. जरा सब्र कर.. पहले तुझे बराबर गर्म तो कर दूँ.. उसके बाद मेरे जिस्म का मिलन तेरे जिस्म से करवा दूँगी।
राधे उसके मम्मों को बड़े प्यार से दबा रहा था और चूस रहा था। मैंने आपको पहले भी बताया था कि मीरा दिखने में एकदम आलिया भट्ट जैसी दिखती है.. वही शक्ल.. वही फिगर.. सब उसके जैसा.. फ़र्क बस ये है.. आपने आलिया को नंगा नहीं देखा और मीरा को मैं आपको नंगा दिखा रही हूँ।
राधे कभी ये निप्पल चूसता.. तो कभी दूसरा.. मीरा की साँसें तेज़ होने लगी थीं।
मीरा- आह्ह.. आह.. दीदी प्लीज़ आह्ह.. कुछ करो उइ.. मेरा पूरा जिस्म जल रहा है.. आह्ह.. कभी सोचा ना था.. आह्ह.. अपनी दीदी के साथ ऐसा करूँगी..
राधे कुछ ना बोला और बस अपना काम करता रहा। उसका लौड़ा अकड़ कर दुखने लगा था.. किसी भी पल वो पानी की धार मार सकता था।
राधे अब नीचे आ गया.. गुलाब की पंखुड़ी जैसी गुलाबी चूत की फाँकें खोल कर वो उसे चाटने लगा।
मीरा- आह दीदी आह्ह.. अपने ये क्या कर दिया आह.. उईईइ..
राधे ने अपनी जीभ चूत में पेल दी और बेसब्रों की तरह उसे चाटने लगा। 
मीरा बहुत गर्म हो गई थी.. उसका बाँध टूट गया और राधे ने पूरा पानी चाट लिया।
मीरा कमर को उठा-उठा कर झड़ रही थी.. ऐसे तो कई बार नहाते समय वो झड़ी होगी.. मगर आज तो उसे कुछ अलग ही मज़ा मिला.. वो सुकून की लंबी साँसें लेने लगी।
मीरा तो ठंडी हो गई थी.. मगर राधे का हाल बुरा था.. वो चाहता था कि एक ही झटके में पूरा लौड़ा मीरा की चूत में घुसा दे मगर वो जल्दबाज़ी करके मीरा को दुखी नहीं करना चाहता था।
मीरा- दीदी अब पट्टी निकाल दूँ क्या.. आपने सच में मुझे बड़ा मज़ा दिया.. अब मैं आपको देखना चाहती हूँ.. प्लीज़ दीदी ना मत कहना..
राधे- हाँ रूको.. देख लेना बस दो मिनट रुक जाओ..
राधे बिस्तर पर लेट गया और कंबल अपने ऊपर डाल लिया।
राधे- हाँ अब आँख खोल लो।
मीरा ने पट्टी हटाई और राधे को देख कर थोड़ा गुस्सा हो गई।
मीरा- ये क्या दीदी.. आपने तो सब छुपा लिया.. मैं कैसे देखूँगी?
राधे- मीरा मुझे देख कर तुम गुस्सा हो जाओगी.. इसलिए पहले 5 मिनट मेरी बात सुन लो.. उसके बाद ये कंबल हटा देना..
मीरा को कुछ समझ नहीं आया.. मगर उसने राधे की बात मान ली।
राधे- अच्छा मीरा ये बताओ इस वक़्त कोई लड़का यहाँ आ जाए और तुमको ऐसे नंगी देख ले तो तुम क्या करोगी?
मीरा- अरे ऐसे-कैसे कोई यहाँ आ जाएगा.. आप भी ना कुछ भी बोल देती हो?
राधे- अरे मान लो आ गया तो?
मीरा- ओके अगर आ गया तो मुझे ऐसे देख कर ‘उसका’ खड़ा हो जाएगा और मेरी तमन्ना पूरी हो जाएगी कि ‘किसी का’ मैं भी देखूँ बस..
राधे- ‘उसका’ क्या.. सीधे बोल ना लंड खड़ा हो जाएगा.. तुम बस देखोगी उसको.. अरे लौड़े को चूसने में बड़ा मज़ा आता है।
मीरा- छी: छी:.. दीदी आप कितने गंदे शब्द बोल रही हो.. वैसे मैंने फिल्म में देखा है उसको चूसने में लड़की को बड़ा मज़ा आता है।
राधे- हाँ मीरा उसको मज़ा आता है.. तभी तो कह रही हूँ.. तुम भी मज़ा लोगी क्या?
मीरा- दीदी आप तो ऐसे बोल रही हो जैसे कई बार चूस चुकी हो और मैं कहाँ से मज़ा लूँगी.. कौन सा सही में कोई लड़का यहाँ आने वाला है?
राधे- हाँ आने वाला है.. बस तुम प्लीज़ चिल्लाना मत.. नहीं तो पापा जाग जाएँगे उनकी तबियत ठीक नहीं है ना.. समझी..
मीरा- ओह माय गॉड.. सच्ची..! कौन आने वाला है दीदी.. आप मरवाओगी क्या.. प्लीज़ बताओ.. कौन आने वाला है?
राधे- अच्छा मीरा ये बताओ तुम पापा को कितना चाहती हो.. उनके लिए क्या कर सकती हो?
मीरा- अरे यह कोई पूछने की बात है.. क्या पापा के लिए तो मैं जान भी दे सकती हूँ मगर इस वक़्त आप ये क्यों पूछ रही हो और कौन आने वाला है? बताओ ना प्लीज़ प्लीज़?
राधे का लौड़ा अब भी खड़ा था और राधे को अब लगा कि मीरा को सच बताने का..यही सही मौका है.. 
राधे- ओके सब बताती हूँ.. यहाँ मेरे पास आओ।
मीरा जब राधे के एकदम करीब हो गई तो राधे ने उसके मुँह पर अपना हाथ रख दिया ताकि वो शोर ना मचा सके।
राधे- हिलो मत.. मैंने तुम्हारा मुँह बस सेफ्टी के लिए बन्द किया है ताकि शॉक के कारण तुम चिल्लाओ नहीं.. अब अपने हाथ से कंबल हटाओ। 
मीरा को कुछ भी समझ नहीं आ रहा था.. हाँ वो थोड़ा डर जरूर गई थी।
उसने जब कंबल को पकड़ कर खींचा.. तो राधे ने पैर सीधे कर दिए उसका 8″ लंबा और काफ़ी मोटा लौड़ा मीरा की आँखों के सामने आ गया। उसकी आँखें फटी की फटी रह गईं.. उसकी साँसें तेज हो गईं।
राधे- मीरा प्लीज़ चीखना मत.. पहले मेरी पूरी बात सुन लो.. मैं लड़की नहीं लड़का हूँ प्लीज़ प्लीज़.. मैं मुँह से हाथ हटा रहा हूँ ज़ोर से बोलने से पहले अपने पापा के बारे में सोच लेना.. उनको ये सदमा बर्दास्त नहीं होगा.. डॉक्टर ने कहा था वो मर भी सकते हैं।
मीरा को राधे की बात समझ आ गई… उसने गर्दन हिला कर ‘हाँ’ में इशारा किया तब जाकर राधे ने हाथ हटाया।
मीरा एकदम नंगी एक लड़के के साथ बैठी हुई थी और अभी कुछ देर पहले अपने जिस्म को वो उस लड़के से चुसवा रही थी। इस अहसास से वो सिहर गई.. उसने जल्दी से कंबल अपने ऊपर डाला और रोने लगी।
राधे- मीरा प्लीज़ रो मत.. प्लीज़.. आई एम सॉरी.. प्लीज़ मेरी बात तो सुनो प्लीज़..।
मीरा- चुप रहो.. तुम बहुत गंदे हो.. मुझे और मेरे पापा को धोखा दिया है.. हमारे पैसे ले लिए.. मेरी इज़्ज़त खराब कर दी..
राधे- अरे प्लीज़ चुप हो जाओ.. मैंने क्या किया है.. तुम ऐसी बात मत करो.. मेरी पूरी बात सुनो.. तुम्हारी इज़्ज़त वैसी की वैसी है मैंने क्या किया है?
मीरा ने थोड़ा गुस्सा दिखाते हुए कहा- शर्म करो.. एक लड़की को नंगा कर दिया.. उसके पूरे जिस्म पर अपने होंठ घुमा दिए और कहते हो ‘क्या किया है?’
राधे- देखो मीरा मैं ऐसा करना नहीं चाहता था। तुम ठंडे दिमाग़ से सोचो तुमने मुझे ऐसा करने पर मजबूर कर दिया। अब मैं जवान हूँ लड़की ऐसा मौका देगी तो मेरा मन तो मचलेगा ही ना..
मीरा- चुप रहो.. मैंने अपनी दीदी समझ कर ये सब करने दिया.. मगर तुम तो लड़के हो और देखो अब भी बेशर्मों की तरह नंगे बैठे हो.. अपने ‘उस’ को तो ढक लो..
मीरा बात के साथ-साथ लगातर लौड़े को देख रही थी। हाँ अभी उसका कड़कपन कुछ कम हो गया था.. मगर अब भी उसमें जान थी.. वो हल्की झाँटों के पास एक डंडा जैसा लग रहा था।
राधे ने अपने लौड़े को सहलाया और होंठों पर जीभ फेरते हुए कहा- देखो मीरा तुम्हारी इच्छा आज पूरी कर लो.. लौड़ा ऐसा होता है प्लीज़.. बुरा मत मानो.. तुम आज के जमाने की मॉर्डन लड़की हो.. जो हुआ उसे भूल जाओ.. माना मैंने पैसे के लालच में तुम्हें धोखा दिया है मगर मेरा इरादा उस समय भी गलत नहीं था.. अब भी नहीं है.. सुबह होते ही मैं चुपचाप चला जाऊँगा। तुम अपने कपड़े पहन लो.. मैं ऐसा लड़का नहीं हूँ जो किसी लड़की की जिंदगी बर्बाद कर दे.. हाँ जाने से पहले मेरी बात जरूर बता कर जाऊँगा ताकि तुम समझ सको कि ऐसा करना मेरी मजबूरी थी।
मीरा- ओ हैलो.. माना कि मैं इस जमाने की लड़की हूँ.. मगर अपनी मान-मर्यादा जानती हूँ और ऐसी क्या मजबूरी थी जो तुम्हें ऐसा करना पड़ा? ये जानना जरूर चाहूँगी।
राधे ने अपनी दु:ख भरी कहानी सुनाना शुरू की। अब राधे ने भी लौड़े पर कंबल डाल लिया था.. वो बस बोल रहा था और मीरा सुन रही थी।
दोस्तों राधे को अपनी कहानी सुनाने दो.. चलो हम ज़रा नीरज का हाल जान लेते हैं.. वो इस वक़्त कहाँ है और क्या कर रहा है।
सॉरी आपको गुस्सा आ रहा होगा कि ऐसे मौके पर मैं कहाँ कहानी को दूसरी जगह ले जा रही हूँ.. मगर मेरा स्टाइल आप जानते ही हो.. अब मीरा चुदेगी या नहीं.. ये आकर बताऊँगी.. चलो नीरज को देख लेते हैं।



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