असली या नकली -6

दूसरी तरफ 
सिचुएशन काफी चेंज हो चुकी है पर हम वहीं से शुरू करते है जहाँ छोड़ा था, 
अपनी चाची की मस्त चुत मारने के बाद आनंद तो खुशी के मारे फुले ही नही समा रहा था, आज उसने अपने जीवन की पहली चूत जो हासिल कर ली थी, और पहली चूत का तो मजा ही कुछ और होता है और यहाँ तो उसकी पहली चूत ही उसकी अपनी सगी चाची की थी और इस बात ने उसे और भी ज्यादा उत्तेजित कर दिया था, भरपूर सेक्स के बाद आनंद और प्रभा दोनों एक दुसरे की बाँहों में सो गये 
सुबह घडी की सुई 6 बजा रही थी, आनंद की न जाने क्यूँ आँखे खुल गयी, उसने आँखे मसलते हुए अपने बाजु में देखा तो अपनी नंगी चाची को अपने साथ सोता देखकर सुबह सुबह ही उसका लोडा बगावत करने पर उतर आया, पर वो जानता था कि ये टाइम सही नही है, वैसे भी कल रत तीन बार जमकर चुदाई करने के बाद उसे और उसके लोडे दोनों को आराम की शख्त जरूरत है, 
आनंद अभी ये सोच ही रहा था कि उसके दिमाग की बत्ती जली और उसे यद् आया की उसे तो ऑफिस भी जाना है, चपरासी बनकर, एक बार तो उसने सोचा कि रहने दो यार पर फिर उसकी नजरो के सामने चांदनी का खूबसूरत चेहरा आ गया था, इसलिए आनंद फटाफट खड़ा हुआ और लगभग 1 घंटे में वो नहा धोकर पूरी तरह तैयार था , फिर उसने बेसुध सी सोयी अपनी चची को उठाया और उसको एक डीप किस देकर जाने का बोलने लगा 
पर तभी अचानक प्रभा की आँखे खुल गयी, उसने देखा कि आनंद उसे छोड़कर सुबह सुबह ना जाने कहाँ जाने को तैयार हो रखा था, जैसे ही आनंद आगे बढने लगा तुरंत प्रभा ने बिस्तर पर बैठकर आनंद के हाथ को पकड़ लिया और खिंच कर उसे अपने उपर गिरा लिया,
अपनी चाची के गदराये बदन पर गिरते ही आनंद के शरीर में फिर से उत्तेज़ना की एक मीठी लहर दौड़ गयी क्यूंकि आनंद का चौड़ा सीना अपनी चाची के दुधिया मम्मो को बुरी तरह मसल रहा था, आनंद अभी इस हमले से उबर की नही था कि प्रभा ने तुरंत अपने कोमल होठों से आनंद के होठों को दबोच लिया और बुरी तरह उनका रस चूसने लगी 
दोनों लोग बुरी तरह एक दुसरे में गुथम गुथा होए पड़े थे और एक दुसरे के होठों को खा जाने वाले तरीके से चूस रहे थे, थोड़ी देर बाद वो दोनों इस लम्बे चुम्बन से अलग हुए और फिर प्रभा ने अपनी आँखों और बातो में हवस की चाशनी लपेट कर आनंद की तरफ देखा और कहा
प्रभा – “क्या हुआ मेरे राजा, एक ही दिन में अपनी चाची से मन भर गया जो सुबह सुबह मुझे यूँ अकेला छोडकर जाने की सोच रहे थे???”
आनंद – “नही मेरी जान, तुम्हे छोडकर मैं कहाँ जाऊंगा, एक तुम ही तो जो हो जो मुझे और मेरे इस लोडे को तकलीफ से राहत देती है, वरना बिचारा सारे दिन खड़ा रहकर खुद भी परेशान रहता है और फिर मुझे भी करता है”

प्रभा – “ अच्छा तो फिर मुझे छोडकर क्यूँ जा रहे हो सुबह सुबह, मैंने तो सोचा था कि रात तक जब बाकि घर वाले आयेंगे तब तक हम पुरे दिन भर मजे ले सकते है, पर तुमने तो अभी से पानी फेर दिया मेरे मंसूबो पर”

आनंद –“क्या करूं चाची, दादाजी ने बड़ी सख्ती से आर्डर दिया था कि मुझे सात दिन तक लगातार ऑफिस जाना होगा, अब उनका कहना तो नही टाल सकता ना”

प्रभा – “ठीक है जैसी तुम्हारी मर्ज़ी” प्रभा ने मायूस होते हुए कहा 

इस तरह चाची को उदास देखकर आनंद का दिल पसीज गया, 

आनंद –“आप ऐसे उदास ना हो चाची, आपकी वजह से तो मुझे इतनी खुशी मिली है, तो मैं आपको कैसे दुखी देख सकता हूँ, आप चिंता मत कीजिये , मैं कोई भी बहाना बनाकर वहां से जल्द से जल्द घर आ जाऊंगा”
प्रभा – “सच्च.....” प्रभा के चेहरे की खुशी देखते ही बनती थी
आनंद – हाँ मेरी प्यारी चाची 
ये कहकर आनंद ने फिर से प्रभा के होठों को चूम लिया 
प्रभा – “तुम मेरा कितना ख्याल रखते हो, और एक तुम्हारे चाचा है जिन्हें हमारी कोई प्रवाह ही नहीं है”
आनंद – “आप चिंता मत कीजिये चाची आज से आपको खुस रखने की जिम्मेदारी मेरी”
प्रभा – “अच्छा तुमने ये पुराने से कपडे क्यूँ पहन रखें है, तुम तो हमेशा बहुत ही सुंदर और नए कपड़े पहनते हो”
आनंद – “वो ....बस .....यूँ ही पहन लिए....चाची” अब आनंद क्या बताता कि वो एक चपरासी की तरह अपने ऑफिस में जा रहा है ना की बोस की हसियत से 
प्रभा –“ह्म्म्म....वैसे तुम मेरा जो ख्याल रख रहे हो इसका इनाम मैं आज तुम्हे जरुर दूंगी जब तुम घर आ जाओगे,,,,”
आनंद – “कैसा इनाम मेरी जान”
प्रभा –“ ये तो एक सरप्राइज होगा मैं अभी तुम्हे नही बता सकती “\
आनंद – “जैसा तुम्हे ठीक लगे मेरी रानी, अच्छा अब मैं चलता हूँ, बाय “
प्रभा – “बाय”

आनंद ने सोचा कि आखिर ऐसा क्या सरप्राइज देने वाली है चाची उसे, पर उसे भी आप लोगो की तरह इस बात की बिलकुल भनक नही थी कि आखिर आज क्या होने वाला है उसकी जिंदगी में 

सोचते सोचते आनंद जल्दी ही अपने ऑफिस में पहुंच चूका था, ऑफिस के अंदर घुसते ही उसके सामने काउंटर पर मीना खड़ी थी , आनंद ने जब उसे देखा तो देखता ही रह गया 
मीना ने आज एक ऑरेंज कलर का चूड़ी दार सलवार सूट पहन रखा था, वो एक सेक्सी आइटम लग रही थी, उसके बदन से चिपका हुआ कुरता जिसमे से उसके बोबे बाहर की तरफ निकल रहे थे, जिनको उसने अपनी चुन्नी से ढक रखा था , उसकी जांघों और गांड से चिपकी हुई उसकी टाइट और चूड़ी दार सलवार जिसमे से उसकी सेक्सी टांगो और जांघो की सुन्दरता साफ़ नजर आ रही थी, उसकी काजल लगी हुई आँखें, नाक में छोटी सी नोज रिंग, बाल ढीले से रबर से से बंधे हुए जिसके साइड से सामने के बालो की 2 लम्बी लम्बी लटें जो बार बार आकर उसके गालों पे गिरती जिन्हें मीना बार 2 अपनी उँगलियों से अपने कान के पीछे करती, कुल मिलाकर बहुत ही सेक्सी और हॉट लग रही थी मीना, उसकी सलवार उसकी टांगो से इतनी चिपकी हुई थी की उसकी गांड तक का शेप साफ़ साफ नजर आ रहा था, बस उसे देखने वाली आँखे चाहिए थी जो आनंद के पास तो बिलकुल थी 
जब मीना ने आनंद को इसे खुद को घूरते हुए देखा तो वो थोड़ी शर्मा सी गयी और फिर बोली 
मीना – “ क्या हुआ आनंद ऐसे क्यूँ देख रहे हो मुझे”
आनंद –“नही तो .....मैं कहाँ देख रहा था....वो तो बस यूँ ही ....” आनंद मीना की बात सुनकर थोडा झेंप गया 
आनंद को इस तरह हडबडाता देखकर मीना के होठों पर हलकी सी हंसी आ गयी, जिसे आनंद ने भी देख लिया और वो भी थोडा मुस्कुरा दिया, थोड़ी देर तक ऐसे ही बात करने के बाद आनंद अपने काम में लग गया था, आज उसने देखा कि चांदनी नही आई थी. उसने मीना से पूछा तो पता चला कि चांदनी आज नही आएगी, फिर वो दोबारा अपने कामो में लग गया 
जब दोपहर के 12 बजने को आये तो आनंद ने सोचा कि अब उसे किसी तरह घर चले जाना चाहिए वरना चाची नाराज़ हो जाएगी, ये सोचकर उसने शर्मा जी के पास बहाना बनाकर किसी तरह छुट्टी ली और फिर घर की तरफ रवाना हो गया 
थोड़ी ही देर में आनंद अपने घर पहुंच गया था ,उसने अपनी चाबी से घर का दरवाज़ा खोला और सीधा अंदर चला गया, उसने नोटिस किया कि आज घर में कोई भी नोकर चाकर यहाँ तक कि कोई ड्राईवर भी नही दिखाई दे रहा था, आनंद को समझते देर नही लगी कि ये जरुर उसकी चाची की करतूत है, ताकि आज पूरा दिन वो जी भरकर मस्ती कर सके,

आनंद तुरंत घर के अंदर आ गया, और अपनी प्यारी प्रभा चाची को ढूँढने लगा, पर उसकी चाची तो दिखाई ही नही दे रही थी, आनंद ने पुरे घर में ढूँढा पर प्रभा थी कि उसे दिखाई देने का नाम ही नहीं ले रही थी, आनंद ने सोचा कि शायद चाची कहीं बाहर चली गयी होगी और थोड़ी देर में वापस आ जाएगी , ये सोचकर आनंद अपने कमरे की तरफ बढ़ने लगा, और जैसे ही उसने अपने कमरे के दरवाजे को थोडा सा धकेला तो अंदर का नज़ारा देखकर उसके होश ही उड़ गये, क्यूंकि अंदर उसकी चाची एक मदमस्त और बेहद ही सेक्सी किस्म कि साड़ी लपेटे बेड पर बैठी थी और आनंद को देखकर उसे अपनी ओर आने का इशारा अपनी ऊँगली से कर रही थी,

आनंद का लंड तो ये नज़ारा देखकर ही झटके मारने लगा, आनंद धीरे धीरे चलकर अपनी चाची की तरफ बढ़ने लगा, अब आनंद प्रभा के बिलकुल करीब आ चूका था, और फिर उसने एक झटके में प्रभा को खीचकर अपनी तरफ ले लिया, 

आनंद की नाक में उसके सेंट और उसके बदन की मादक गंध भी समा रही थी, मालिनी का बदन बेहद गठा हुआ था और प्रभा का मुलायम बदन थोड़ा चरबी लिए हुए था ,आनंद ने अपना हाथ प्रभा के पेट पर ले जाते हुए धीरे से उसकी पतली गदरायी चिकनी कमर पर रख दिया और उसके गाल सहलाकर बोला: वाह चाची, आज तो खतरनाक माल लग रही हो, आज तो मन कर रहा है कि आपको कच्चा खा जाऊ,

अब प्रभा की एक चूची आनंद की बाँह से पूरी तरह सट गयी थी, उसका सिर आनंद के कंधे पर था, प्रभा की आँखें बंद थीं, उसके होंठ खुले थे मानो कह रहे हों मुझे चूस लो, 
प्रभा ने धीरे से अपने अधरो को खोला और कहा – आनंद एक तुम ही तो हो जिसे अपनी इस चाची कि इतनी परवाह है वरना तेरे चाचा तो मेरी तरफ देखते भी नहीं, 
ये कहते हुए प्रभा थोड़ी सी भावुक हो गयी और उसके आंखे भी थोड़ी सी नम हो चली,

वो अब उसके ऊपर झुका और उसकी आँख को चूमा और बोला: चाची प्लीज़ रोना बंद करो, मैं आपको हमेशा प्यार करूँगा, फिर वो उसकी दूसरी आँख को भी चूमा , अब वो नीचे आकर उसके गाल चूमा और बोला: मेरे रहते आपको कभी आँसू नहीं बहाना पड़ेगा, फिर वो कसकर प्रभा को अपनी बाँह में भींच लिया और प्रभा भी उसकी छाती में अपना मुँह घुसा दी, अब आनंद उसकी नंगी पीठ को सहला रहा था जहाँ ब्लाउस के नाम पर एक छोटा सा पट्टा भर था, अब वो उसके कंधे को चूमने लगा, प्रभा भी मस्ती में आ गयी थी और उसने आनंद के पैंट में तने हुए तंबू को साफ़ साफ़ देख लिया था, अपना हाथ प्रभा ने उसकी जाँघ पर रखा जो कि तंबू के काफ़ी पास ही था, 

आनंद का अब अपने आप पर क़ाबू नहीं रहा और वो प्रभा के सिर पर हाथ रखकर उसके मुँह को ऊपर किया और अपने होंठ उसके होंठ से चिपका दिया, प्रभा आऽऽऽऽह कर उठी, 
आनंद उसे और ज़ोर से जकड़ के उसके होंठ और गाल चूमने लगा, प्रभा अब भी विरोध कर रही थी, तभी आनंद ने उसकी छातियों पर अपना मुँह घुसेडा और उनको ब्लाउस जे ऊपर से ही चूमने लगा, 

प्रभा: उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ धीरे दबाओ ना दुखता है, 

अब आनंद जोश में आकर उसकी एक चूचि को ब्लाउस के अंदर हाथ डालकर निकाल लिया और उसे दोनों हाथों से दबाने लगा, वो बोला: आऽऽऽऽऽह क्या मस्त चूची है चाची आपकी, , मैं हमेशा चाहता था कि ऐसी बड़ी बड़ी चूची दबाऊँ और चूसूँ, अब वो उसकी चूची चूसने लगा, निपल में जीभ भी रगड़ने लगा, 

अब प्रभा चिल्लाई: आऽऽऽऽऽऽह मरीइइइइइइइ , उइइइइइइ , 

आनंद अब दूसरी चूची भी ब्लाउस से बाहर निकाला और उसे भी दबाया और चूसा, प्रभा उसकी जाँघ दबाए जा रही थी, आनंद ने मस्ती में आकर उसका हाथ अपने तंबू पर रख दिया, प्रभा ने भी बिना देर किए उसे मूठ्ठी में भर लिया और उसको दबाने लगी, अब कुछ बचा नहीं था छिपाने को,

प्रभा: आऽऽऽऽऽह मजा आ रहा है मेरी जान 

आनंद उठा और उसको अपनी गोद में उठाने लगा,

प्रभा हँसकर बोली: कहाँ ले जा रहे हो मुझे, मैं हल्की फुलकि नहीं हूँ , मैं अच्छी ख़ासी भारी हूँ, तुम मुझे उठा नहीं पाओगे, गिर जाऊँगी तो हड्डी टूट जाएगी, 

आनंद : चाची, मैं आपको बस इसी बिस्तर पर लेटाना चाहता हूँ पर अपनी गोद में भरने के बाद,और देखो कैसे बच्ची की तरह आपको उठा लेता हूँ, ये कहते हुए उसने उसकी टांगों के नीचे और पीठ के नीचे भी हाथ डाला और उसे आराम से उठा लिया और बोला: देखो आपको इतने आराम से उठा लिया ना, अब वो झुककर उसकी चूचि चूसने लगा, और बिस्तर की ओर बढ़ा, वहाँ पहुँचकर उसने प्रभा को बिस्तर पर लिटा दिया, प्रभा बिस्तर पर पीठ के बल लेटीं थी और उसकी चूचियाँ ब्लाउस के बाहर थी और उनपर आनंद का गीला थूक लगा हुआ था ,

आनंद के हाथ अब उसकी चूचियों पर आ गए थे , वो बोला: आऽऽऽऽऽह चाची कितने सॉफ़्ट और वो अब अपनी क़मीज़ उतारा और फिर बेल्ट खोला और पैंट भी उतार दिया , चड्डी में से उसके लौड़े का उभार देख कर प्रभा की बुर गीली होने लगी, 
उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या मस्त हथियार है - वो सोची, चड्डी में सामने का हिस्सा थोड़ा सा गीला हुए जा रहा था उसके प्रीकम से,

अब वो उसके ऊपर आया और उसके होंठ चूसने लगा, प्रभा भी अब उसका साथ देने लगी, आनंद ने अपनी जीभ उसके मुँह में डाली और प्रभा उसको चूसने लगी, फिर आनंद ने अपना मुँह हटाया और खोल दिया अनुभवी प्रभा ने अपनी जीभ उसके मुँफ़र्म है आपके दूध, म्म्म्म्म्म चूसने में बहुत मज़ा आ रहा है, फिर वो उसकी चूचि चूसते हुए उनको दबाने लगा, 

प्रभा: आऽऽऽऽऽह बेएएएएएएटा क्या माआऽर ही डालेगाआऽऽ, बहुत मज़ाआऽऽऽऽऽऽ आऽऽऽऽ रहाआऽऽऽऽ है, उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ , 

आनंद अब नीचे आया और उसके चिकने पेट को चूमा और नाभि में जीभ डालकर चाटने लगा, 

प्रभा: उइइइइइइ माँआऽऽऽऽऽ क्याआऽऽऽऽ कर रहे हो, उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ , 

अब आनंद और नीचे खिसका और उसने कमर से लिपटी साड़ी को निकाल दिया , पूरी साड़ी खुल गयी थी, उसने उसे निकाल दिया,प्रभा ने अपनी क़मर उठाकर उसको निकालने में उसकी मदद की, पेटिकोट में वो बहुत मस्त दिख रही थी, अब उसने उसकी नाभि को जीभ से चाटा और पेटिकोट का नाड़ा खोला और उसको नीचे करने लगा, प्रभा ने भी पूरी बेशर्मी से अपनी क़मर उठाकर उसे निकालने में पूरी मदद की, वो आज पैंटी नहीं पहनी थी, उसकी जाँघें चिपकी हुईं थीं ,उसकी बुर का थोड़ा सा ऊपरी हिस्सा ही दिखाई दे रहा था, वो उसकी जाँघों को सहलाने लगा और फिर उसकी पेड़ू को सहलाया, प्रभा हम्म कर उठी, अब उसने जाँघों को फैलाया और प्रभा ने इसमे भी सहयोग किया,अब मदमस्त जाँघों के बीच कचौरी की तरह फूली हुई बुर और उसकी फाँक की ग़हरी लकीर साफ़ दिखाई पड़ रही थी और उसके लौड़े ने और प्रीकम छोड़ दिया ,

आनंद अब उसकी जाँघों को चूमने लगा और फिर उसकी बुर को भी नाक डालकर सूँघा वो बोला: चाची आऽऽऽह क्या मस्त गंध है आपकी बुर की, वो उसे सहलाता रहा,फिर वो उसकी फाँकों को फैलाया और वहाँ के गुलाबी हिस्से को देखा और उसमें जीभ डाला और उसे जीभ से मानो चोदने लगा, 

प्रभा: आऽऽऽऽऽऽऽह कर उठी,

अब वो उसे चाटने लगा, प्रभा की सिसकियाँ निकलने लगी, अब उसने उसकी जाँघों को और ऊपर उठाया और उसकी गाँड़ के छेद को देखकर मस्ती से ऊँगली से सहलाया और एक ऊँगली अंदर किया , उसने देखा कि ऊँगली आसानी से अंदर चली गयी, वो अब दो ऊँगली डाला और वो भी आराम से चली गयीं, वो बोला: चाची जी आपकी गाँड़ बहुत मस्त है और खुली हुई है, क्या चाचाजी गाँड़ भी मारते है? 

प्रभा: आऽऽऽंह अच्छा लग रहा है बेटा, हाँ मारते हैं, पर अब कई महीनों से नहीं मारी, 
आनंद : चाची आपके चूतर तो मुझे भी बहुत पसंद हैं , वो उनको चूमकर बोला और फिर जीभ से गाँड़ भी कुरेदने लगा, प्रभा: आऽऽऽऽऽहाह , 

आनंद मुँह उठाकर बोला: चाची मैंने भी अभी तक किसी की गाँड़ नहीं मारी है, आज आपकी मारूँगा दूसरे राउंड में ठीक है ना? 

प्रभा: आऽऽऽह मार लेना बेटा आऽऽऽऽह अब बुर तो मार पहले हाय्य्य्य्य्य्य्य, बहुत खुजा रही है,

आनंद अब उसने उसकी क्लिट को जीभ से छेड़ा तो वो उछल पड़ी और उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़्फ़ करके उसके मुँह को हटाई और बोली: वहाँ हमला किया तो एक मिनट में ठंडी पड़ जाऊँगी झड़कर, 
आनंद मुस्कुराते हुए उठा और आकर उसके बग़ल में लेटा और उसकी चूचियाँ दबाकर चूसने लगा, अब प्रभा भी उठी और उसके ऊपर आ कर उसके निपल्ज़ को दाँत और जीभ से छेड़कर उसे मस्त कर दी फिर नीचे जाकर उसके पेट और नाभि को चूमते हुए उसकी चड्डी तक पहुँची, 

उसने वहाँ नाक रखी और प्रीकम को सूँघा और फिर उसकी जीभ से चाटकर मस्ती में आकर बोली: आऽऽऽंब तुम्हारी गंध भी बहुत मस्ती ले आने वाली है बेटा, अब वो उसकी चड्डी निकाली और उसका लौड़ा देखकर बोली: आऽऽऽऽहहहह क्या मस्त हथियार है उगफफ कौन ना पागल हो जाए इसको देखकर, म्म्म्म्म्म्म, कहकर वो उसको पूरी लम्बाई में चुमी और चाटी, फिर उसके एक एक बॉल को भी चूम और चाट कर मस्ती से बोली: उम्म्म्म्म्म्म बहुत मस्त है ये , पुच पुच करके उसको चुमी, अब वो अपनी जीभ लेज़ाकर उसके लौड़े के सुराख़ को चाटी और प्रीकम को खा गयी और फिर अब वो उसके सुपाडे को मुँह में लेकर चूसने लगी, 

आनंद अब मस्ती में आकर बड़बड़ाया: आऽऽऽऽऽऽह चाची आऽऽऽऽऽहहह क्या चूसती हो आऽऽऽऽऽप, वाआऽऽऽऽऽऽऽहहह,

प्रभा अब उसको डीप थ्रोट दे रही थी, पहली दफ़ा आनंद ये अनुभव प्राप्त कर रहा था, वो अब कमर उछालकर अपना लौड़ा उसके मुँह को नीचे से चोदने लगा, प्रभा अब मज़े से उसको चूसे जा रही थी,

अब प्रभा उठी और आकर उसके ऊपर बैठी और उसके होंठ चूसने लगी, वो भी उसकी बड़ी बड़ी छातियाँ दबाने लगा, अब वो अपनी कमर उठाई और उसके लौड़े को पकड़कर अपनी बुर के मुँह पर रखी और नीचे दबाकर अपनी बुर में उसको अंदर करते हुए उइइइइइइइ कहकर अपनी कमर को पूरा दबा दी और लौड़े को जड़ तक अपने अंदर कर लिया, अब वो अपनी कमर उछालकर उसे चोदने लगी, आनंद भी नीचे से धक्के मारकर ह्म्म्म्म्म्म कहते हुए मस्तीसे उसका साथ देने लगा, 

प्रभा : आऽऽऽऽऽहहह बेएएएएएटा आऽऽऽऽऽऽऽह फाऽऽऽऽऽड़ दोओओओओओओओ मेरीइइइइइइइइ बुर, 

आनंद : ह्म्म्म्म्म्म चाची क्या मज़ा आ रहा है, प्रभा की कमर हिले जा रही थी, फिर वो बोली: बेटा अब मैं थक गयी हूँ, तुम ऊपर आ जाओ, 

आनंद उसको अपनी बाहों में भरकर उसे लिए हुए ही पलट गया और ख़ुद ऊपर आ गया, अब वो उसकी टाँगों को अपने कंधे पर रखकर बुरी तरह से चोदने लगा , अब तो कमरा प्रभा की आऽऽऽऽऽह उइइइइइइइ ऊम ऊम ऊम की आवाज़ों से भर गया, पलंग की चरमराहट अब अपनी चरम सीमा पर था जो बुरी तरह से हिल रहा था,

प्रभा सोची कि जवान लड़के की चुदाई अलग ही होती है, उफफफफ क्या ताक़त है इस लड़के में, फिर वो चिल्ला कर उइइइइइइइइइ मॉआऽऽऽऽ कहकर झड़ने लगी, आनंद भी ह्म्म्म्म्म कहकर झड़ने लगा, अब वो आकर उसकी बग़ल में लेट गया,

अब वो प्रभा के गाल चूमकर बोला: चाची आपको पता नहीं है कि आपने आज मुझे किआनंद भी गरम हो चुका था और उसने प्रभा को लुढ़का कर पेट के बल लिटाया और वो उसके मस्त चूतरों को सहलाया और दबाया , दिर वो उनको चूमने लगा, अब प्रभा ख़ुद ही चौपाया बन गयी और अपनी गाँड़ बाहर कर उसे चोदने का मानो आमंत्रण दी, प्रभा बोली: बेटा थोड़ा सा क्रीम लगा ले, और डाल दे, सच बहुत खुजा रही है, 

आनंद मस्त होकर क्रीम लेकर उसकी गाँड़ में और अपने लौड़े पर लगाया और उसके चूतरों को फैलाया और अपने लौड़े को उसके छेद में लगाकर धक्का दिया, अब लौड़ा उसकी गाँड़ में धँसता चला गया, प्रभा आऽऽऽहहह मरीइइइइइइइ चिल्लाई, 

आनंद अब मस्ती में आकर उसकी गाँड़ मारने लगा, उफ़्फ़्फ़्फ़्फ़ क्या मज़ाआऽऽऽ आऽऽऽऽ रहाआऽऽऽऽऽ है, वो अब पिस्टन की तरह आगे पीछे होकर उसकी गाँड़ मार रहा था प्रभा की चीख़ें निकल रही थी, आनंद हाथ नीचे कर के उसकी चूचियाँ दबाए जा रहा था , जल्दी ही प्रभा भी आऽऽऽंहहह करके अपनी बुर की क्लिट मसलने लगी, फिर उसने आनंद का हाथ पकड़ा और उसे अपनी क्लिट में रगड़ने लगी, आनंद अब ख़ुद उसकी क्लिट रगड़ने लगा और गाँड़ में धक्के भी मारता रहा, जल्दी ही दोनों चिल्ला कर झड़ने लगे,



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