जीवन एक संघर्ष है 6

संध्या की नींद सुबह 6 बजे खुलती है, सूर्या अभी गहरी नींद में सो रहा था, दोनों माँ बेटे नंगे ही सो गए थे,संध्या की नज़र सूर्या पर पड़ती है जो अभी भी सो रहा था लेकिन उसका लंड पुरे जोर शोर से तना हुआ था,संध्या को रात की चुदाई याद आती है,वर्षो से प्यासी चूत और उसके बदन को चुदाई का आनंद मिलने से उसका रोम रोम खिल सा गया था, संध्या सूरज का गठीला जिस्म और उसके मोटे लंड से ताबड़ तोड़ चुदाई से उसकी दीवानी हो गई थी,ऐसा लग रहा था जैसे जीवन में पहली बार चुदी हो और जीवन में वास्तविक चुदाई क्या होती है उससे परिचित हुई हो, संध्या की चूत फिर से फड़कने लगती है,सूर्या के तने हुए लंड को हाँथ में लेकर उसकी लंबाई और चौड़ाई का मापन करने लगती है, उसका लंड विकराल रूप धारण कर चूका था,लंड झटके मार रहा था।संध्या देख कर मुस्कराती है और मन ही मन बोलती है ।
संध्या-" थोडा सब्र तो रख, चूत को देखते ही झटके मारने लगता है, आज से तू मेरे बस में रहेगा,मेरी चूत तेरे लिए ही बनी है लंडेश्वर महाराज, आज तुझे चूस चूस कर ठंडा कर दूंगी, मेरी प्यासी चूत तेरा सारा पानी निचोड़ लेगी, बहुत अकड़ रहा है न,आज तेरी अकड़ ढीली कर दूंगी" इतना कहते ही संध्या मुस्कराती है और लंड को मुह में लेकर चुसने लगती है, संध्या लंड को दोनों हांथो से मुठ्याते हुए मुह में लंड ऐसे चूस रही थी जैसे छोटा बच्चा लोलीपोप चुस्त है। लंड को बड़ी तेजी से चूसने के कारण सूरज की नींद खुल जाती है, माँ लंड चूसते देख जिस्म में उत्तेजना भड़क जाती है, 
सूरज -" ओह्ह्ह्ह माँ चूसो इसे, आपने तो आज मेरा मन खुश कर दिया, माँ बड़ी कामुक औरत हो आप, आज में आपकी चूत की धज्जियाँ उड़ा दूंगा, ओह्ह्ह मेरी जान चूसो मेरा लंड"
संध्या-" सूर्या तू भी मेरी चूत चाट,बहुत देर से बह रही है,तेरे चाटने से बड़ा मजा आता है मुझे, तेरे लंड ने मेरी चूत की प्यास बढ़ा दी है सूर्या, अब हर रौज मेरी प्यास बुझाना बेटा,अपनी माँ को खूब प्यार करना बेटा,वर्षो से प्यासी रही है मेरी चूत" संध्या अपनी चूत सूरज के मुह पर रख देती है,सूर्या अपनी जीव्ह चूत में डाल कर बड़ी तेजी से चूत चौदने लगता है,संध्या लंड चाटने लगती है, काफी देर दोनों लोग मुह से एकदूसरे के अंगो को काटते हैं चूसते हैं,संध्या पर रहा नहीं जाता, और उठ कर सूरज के लंड पर बैठ कर उछालने लगती है, सूरज भी नीचे से धक्के मारता है, दोनों लोग हवस के इस खेल में अंधे होकर एक दूसरे के जिस्म से खेलते हैं,सूरज संध्या के बूब्स को मसलता है तो कभी उसकी मोटी गांड को भींचता है ।
सूर्या-'माँ तुम्हारी गांड बड़ी मस्त है,मन करता है लंड घुसेड़ दू" 
संध्या-"गांड भी मार लेना बेटा, अब सब कुछ तेरा है,ये जिस्म भी तेरा है,आह्ह्ह्ह अभी तू सिर्फ मुझे चौद उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़"
सूरज-" माँ तुम्हारी चूत बड़ी टाइट है, लंड को कस कर जगड लिया है तुम्हारी चूत ने, आह्ह्ह्ह माँ तुम्हारी चूत में जन्नत है"
संध्या तेज तेज उछलती है लंड पर और झड़ जाती है, झड़ते ही सूरज संध्या को नीचे लेटा कर चौदने लगता है, उसकी टांगो को फैला कर तेज तेज धक्के मारता है, 
उसके बूब्स को मसलने लगता है,थोड़ी देर बाद सूर्या भी चूत में झड़ जाता है, दोनों लोग एक दूसरे के ऊपर लेटे रहते हैं । तभी तान्या की कॉल सूरज के मोबाइल पर आता है । सूरज और संध्या जल्दी से उठकर फ्रेस होते हैं ।सूरज तान्या के पास जाता है ।
तान्या-" आ गए जनाब, कब से तेरा इंतज़ार कर रही थी, मुझे टॉयलेट आ रही है जल्दी से मुझे बाथरूम में छोड़ कर आ" तान्या बेड पर बैठी गुस्से में बोली, 
सूरज-"ओह्ह्ह दीदी सॉरी में तो भूल ही गया,चलो जल्दी से बरना कहीं बेड गिला न हो जाए" सूरज मजाक उड़ाते हुए गुस्से में बोला, तान्या को जैसे ही गोद में उठाया,तान्या ने बड़ी तेजी से सूरज के कान मरोड़ दिए।
तान्या-"क्या कहा बच्चू बेड गिला हो जाएगा,एक तो लेट आता है ऊपर से मजाक उडाता है,मेरा पैर ठीक हो जाने दे फिर तुझे सबक सिखाउंगी" सूरज तान्या को कस कर दबा लेता है । बाथरूम में छोड़ कर बहार जाने लगता है तभी तान्या बोलती है ।
तान्या-"सूर्या 20 मिनट बाद मुझे लेने आ जाना, तब तक तू तैयार हो जा" सूर्या अपने रूम में तैयार हो जाता है,20 मिनट बाद सूरज तान्या को लेने बाथरूम में जाता है,
सूरज-"दीदी फ्रेस हो गई क्या? सूरज जैसे ही बाथरूम में प्रवेश करता है सूरज की साँसे अटक जाती हैं।तान्या बिलकुल नंगी खड़ी होकर फब्बारे के पानी से नहा रही थी, तान्या का एक पैर जिसमे चोट की बजह से पट्टी बंधी हुई थी उस पैर को कुर्सी पर रखा हुआ था और एक पैर फर्स पर था जिसके कारण उसकी हलके बालो बाली चूत खुली हुई साफ़ दिखाई और उसके बूब्स एक दम शिखर की तरह तने हुए थे,लाल निप्पल चार चाँद लगा रहे थे, सूरज एक पल में पूरा मुयायना कर चूका था तान्या के जिस्म का" 
तान्या जैसे ही सूरज को देखती है शर्म के कारण अपना एक हाँथ से चूत को छुपा लेती है और एक हाँथ से दोनों चूचियों को छुपाने का असफल प्रयास करती है।
तान्या-"सूर्या अभी में नहा रहीं हूँ, अभी जा यहाँ से" सूरज तुरंत बाथरूम से निकल जाता है, कुछ पल में ही सूरज तान्या के जिस्म अंगो को देख चूका था,सूरज की धड़कन तेज हो गई थी, सूरज अपनी साँसे कंट्रोल करते हुए बोलता है ।
सूरज-"सॉरी दीदी मुझे लगा आप फ्रेस हो चुकी हो, आपने 20 मिनट बाद आने के लिए कहा था,इसलिए में बाथरूम में घुस गया" सूरज अपनी सफाई देता है ।
तान्या-"कोई बात नहीं सूर्या, आखिर तू मेरा छोटा भाई ही तो है, अब आगे से आवाज़ देकर ही आया करना" 
तान्या जल्दी से नहा कर कपडे पहनती है और सूर्या को फिर से आवाज़ देकर बुलाती है, सूरज को बड़ी शर्म आ रही थी नज़रे मिलाने में,यही हाल तान्या का भी था, सूरज इस बार तान्या को कंधे के सहारे से बेड पर लेकर आता है । थोड़ी देर बाद नास्ता करने के बाद कंपनी चला जाता है।कुछ दिन तक समय ऐसे ही कटता गया।
सूरज प्रतिदिन समय निकाल कर संध्या को चौदता, कंपनी जाता और तान्या के साथ समय भी बिताता, अब तान्या भी ठीक से चलने फिरने लगती है और सूरज के साथ रोज कंपनी जाने लगी थी, सूरज और तान्या की नज़दीकियां काफी बढ़ चुकी थी और दोनों में नोक झोक भी बहुत होती थी । इधर सूरज तनु और पूनम से भी कभी कभार मिल आता था । 
एक दिन तान्या को "कंपनी एसोसिएसन बोर्ड" से ईमेल आता है की आपकी कंपनी के के द्वारा कम समय में टेंडर पूरा होने से पूरी असोसिएस की तरफ से अमेरिका में सम्मान समोरोह में आपको सम्मान किया जाएगा, आपका आना अनिवार्य है मिस तान्या" यह पढ़ कर तान्या बहुत खुश होती है और सूरज की केबिन में जाकर सूरज को गले लगा लेती है और पूरी बात बताती है ।
सूरज इस बात से खुश था की इस सम्मान समारोह में हमारी कंपनी को सम्मलित किया गया है सूरज पूछता है ।
सूरज-"दीदी अमेरिका कब जाना है?' 
तान्या-" हमें आज रात में ही अमेरिका निकलना है सूर्या" 
सूरज-"हमें क्यों दीदी आपको निकलना है" 
तान्या-"हमें ही निकलना है सूर्या,तू मेरे साथ चलेगा समझे, कंपनी की तरफ से दो लोगों के पास आएं हैं" सूरज ने कभी नहीं सोचा था की एक गाँव का लकड़हारा छोरा एक दिन अमेरिका जाएगा।सूरज भी बहुत खुश होता है । शाम को घर जाकर तान्या यह बात संध्या को बताती है ।संध्या बहुत खुश होती है लेकिन सूर्या के अमेरिका जाने से दुखी भी होती है, तान्या अपना सामान पैक करती है,इधर सूरज भी अपनी पेकिंग कर लेता है । रात के 9 बजे सूरज संध्या से मिलने जाता है उसे गले लगा कर लिप्स किस करता है,संध्या सूरज को चूमने लगती है और गर्म हो जाती है।

संध्या-" सूर्या अब रहा नहीं जा रहा है जल्दी से मुझे चोद दे" सूरज संध्या की मेक्सी को उठा कर चौदने लगता है, 10 मिनट में संध्या दो बार झड़ चुकी थी,थोड़ी देर बाद सूरज भी झड़ जाता है। 10 बज चुके थे तान्या अपना बेग लेकर नीचे आती है और सूर्या को लेकर निकल जाती है एयर पोर्ट ।

सूरज और तान्या एअरपोर्ट पर पहुँचते है, प्लेन का समय 10 बजे का था, सूरज और तान्या काफी लेट हो गए इसलिए भागते हुए काउंटर पर जाकर अपनी सीट कन्फर्म करके तुरंत अमेरिका जाने बाले प्लेन में बैठ जाते हैं।
तान्या-"थैंक गॉड! अगर थोड़े से और लेट हो गए होते तो हम नहीं जा पाते" तान्या गहरी सांस लेती है,तभी एयर होस्टेज आ कर सीट बेल्ट आकर बाँधती है और एक अलाउंस के साथ प्लेन आसमान की ओर रवाना हो जाता है,सूर्या बहुत ही अचिम्भित व उत्सुकता से प्लेन को उड़ता हुआ देख रहा था,अमेरिका जाने का सपना हर व्यक्ति का होता है आज वाही सपना सूर्या का पूरा होने जा रहा था, तान्या भी पहली बार आज अमेरिका की यात्रा कर रही थी, आज से पहले अमेरिका के बारे में कहानी और किस्सों की तरह सुना ही था।तान्या और सूरज अपनी धुन में मस्त थे सूरज प्लेन में बैठे लोगों को देख रहा था तो कभी एयर होस्टेज वाली लड़की को देख रहा था,जो यात्रियों को जूस और नास्ता दे रही थी, तान्या सूरज की ओर देखती है और कहती है।
तान्या-" ओये सूर्या इधर उधर क्या देख रहा है, सीधे बैठ न, तुझे देख कर लोग देहाती समझेंगे" 
सूर्या-" दीदी ये एयर होस्टेज वाली लड़की को पैसे देने पड़ेंगे क्या,अगर कुछ खाने के लिए मंगवाए तो?" तान्या हँसती है।
तान्या-"नहीं सब कुछ फ्री में है,अगर तुझे कुछ चाहिए तो बोल सकता है" 
सूरज-"दीदी अगर टॉयलेट आई तो लोग कैसे करते होंगे प्लेन में? इस बार फिर से सूर्या की मासूमियत बाले सवालो पर हँसती है।
तान्या-"टॉयलेट भी होती है प्लेन में,तुझे जाना है क्या" 
सूरज-"नहीं दीदी बस पूछ रहा था" काफी देर तक दोनों भाई बहन आपस में बात करते रहे, थोड़ी देर बाद सूरज और तान्या सो जाते हैं,जब आँख खुलती है तो देखते हैं अमेरिका आ चूका था,सूरज और तान्या प्लेन से निकल कर बहार आते हैं, कंपनीज एसोसिएसन की तरफ से एक अमेरिकन लेडी उन्हें रिसीव करने आती है, तान्या उस लेडी को अपना परिचय देती है और सूरज भी, लेडीज भी अपना नाम हेलिना बताती है, सूरज तो उस 40 वर्षीया हेलिना की खूबसूरती देखने में व्यस्त था, उसके बूब्स उसकी टीशर्ट से आधे से ज्यादा बहार निकले हुए थे, आज से पहले सूरज ने ऐसी महिलाओं को सिर्फ पोर्न फिल्मो में ही देखा था, सूरज की हार्दिक इच्छा थी की एक दिन अंग्रेजिन् महिला को जरूर चोदूंगा, और लगभग यह सोच प्रत्येक भारतीय पुरुष की होती है की अंग्रेजिन महिला के साथ सेक्स करने की, हेलिना की कामुक गोलाकार नितम्ब और फुटबॉल जैसे बूब्स को देख कर सूरज उसके जिस्म का एक्सरा कर चूका था, अपने मन की कल्पनाओं में तीन चार पोजीसन में चौद चूका था, तान्या सूर्या को आवाज़ देती है, तब सूरज अपने असली बर्तमान में आता है,और तीनो लोग एक लग्जरी गाडी में बैठकर एक आलीसान होटल में आते हैं, सूरज अमेरिका की चकाचोंध और वहां के महिला पुरुष के कपड़ो पर अपना फोकस किए हुए था, प्रत्येक महिला के कपडे उसके जिस्म के आकर से छोटे थे, जिसमे उनके आधे बूब्स पेट और टाँगे नंगी ही होती हैं ।
हेलिना एक शानदार होटल में जाती है और एक रुम को खोलती है जो बड़ा ही सुन्दर था और जरुरत का हर सामान था, तान्या रूम को देख कर खुश हो जाती है। 
हेलिना सूरज और तान्या को होटल में खाना खिलबाती है। खाना खाने के बाद हेलिना अपना मोबाइल नम्बर देती है और कहती है।
हेलिना-" मिस्स तान्या अब आप अपने रूम में आराम कीजिए,कोई भी परेसानी हो तो मुझे कॉल कीजिए, में आपके बराबर बाले रूम में ही हूँ, सुबह 10 बजे मीटिंग में चलना है आपको" यह कह कर हेलिना तान्या को गले लगा कर किस्स करती है फिर सूरज को जैसे ही गले लगाती है सूरज भी कस कर गले लगाता है जिससे हेलिना के बड़े बूब्स दब जाते है और सूरज का खड़ा लंड उसकी चूत पर दबाब बन जाता है, हेलिना समझ जाती है सूरज का लंड खड़ा है,हेलिना मुस्करा जाती है और एक किस्स करके अपने रुम में चली जाती है, इधर तान्या और सूरज रुम में आकर बेड पर लेट जाते हैं, 19 घंटे का सफ़र करके थक चुके थे, तान्या फ्रेस होने के लिए और कपडे बदलने के लिए उठती है तभी उसे याद आता है की वो बेग लाना तो भूल ही गई जिसमे उसके कपडे थे।
तान्या-"ओह्ह सुर्या कपड़ो का बेग तो गाड़ी में ही रह गया,प्लेन पकड़ने के चक्कर में मेरा और तेरा बेग तो गाडी में रह गया, अब क्या पहनेंगे, मुझे तो नहाना है अभी और रात में ये जीन्स पहनकर में कैसे सोऊँगी" तान्या परेसान हो जाती है,इधर सूरज को भी झटका लगता है चूँकि उसका बेग भी गाड़ी में रह गया,और उसके पास भी पहनने के लिए कोई वस्त्र नहीं थे,इधर तान्या रात में नायटी या लोअर टीशर्ट पहन कर ही सोती है,और उसकी ब्रा पेंटी सब बेग में रह गई,
सूरज-"अब क्या करेंगे दीदी,कल मीटिंग ख़त्म होने के बाद हम लोग शॉपिंग कर लेंगे,अभी तो आप कैसे भी अपना काम चलाओ" तान्या मूड पर हाँथ रख कर सोचती है की अभी क्या पहन कर सोऊँगी, और कल मीटिंग में यही कपडे पहनने पड़ेंगे,यदि रात में इन कपड़ो को पहन कर सोई तो कपडे ख़राब हो जाएंगे ।
सूरज के दिमाग में एक आयडिया आता है।
सूरज-" दीदी क्यूँ न हेलिना से मदद मांगी जाए, आप उसके कपडे पहन लेना?" तान्या सोचती है की ये सूर्या भी पागल है अब इसे कैसे समझाऊं की हेलिना के जिस्म में और मेरे जिस्म में थोडा सा अंतर है,उसके कपडे मेरे कैसे आ सकते हैं, 
तान्या-" तू भी पागल है सूर्या हेलिना आंटी के कपडे मेरे नहीं आएँगे,और उनके कपडे तूने देखे हैं न, कितने शार्ट हैं में कैसे पहनुगी उनके कपडे" 
सूरज-'हाँ यह बात तो ठीक है दीदी लेकिन आज रात में पहनने के लिए कोई नायटी या लोअर तो मिल सकता है उनके पास" तान्या इस बात से सहमत हो जाती है, 
तान्या-" हाँ सूर्या हेलिना आंटी के पास रात में पहनने के लिए नायटी जरूर मिल सकती है,जा तू लेकर आ,जब तक में फ्रेस होती हूँ" सूरज उठकर तुरंत हेलिना के दरवाजे पर दस्तक देता है,लेकिन दरबाजा नहीं खुलता है सूरज थोडा सा धक्का देता है तुरंत दरवाजा खुल जाता है, लेकिन हेलिना कहीं दिखाई नहीं देती है, तभी बाथरूम से पानी की आवाज़ सुनाई देती है,सूरज समझ जाता है की हेलिना नहा रही है, सुरज कमरे में पड़े सोफे पर बैठ कर इंतज़ार करने लगता है, सूरज का तो मन कर रहा था की बॉथरूम में जाकर हेलिना के करिश्माई जिस्म को देखे लेकिन अजनबी देश और पराई संस्कृति के डर के कारण सोफे पर इंतज़ार करना ही उचित समझता है, इधर हेलिना बाथरूम में नहाने के पश्चात नंगी ही बाथरूम से निकलती है, जैसे ही हेलिना नंगी निकलती है सूरज की नज़र उसके गोरे सफ़ेद जिस्म और फुटबॉल की आकर के बूब्स जो एक दम तने हुए थे और उनके लाल निप्पल खड़े हुए थे, बूब्स के बाद सूरज की नज़र चिकनी चूत पर पड़ती है और उसके गोलाकार गांड पर पड़ती है जो बहार की ओर निकली हुई थी,हेलिना के जिस्म पर पानी की बुंदे और भीगे बाल चार चाँद लगा रहे थे, हेलिना की नज़र जैसे ही सूरज पर पड़ती है तुरंत अपनी चूत हाँथ से छुपा लेती है और बाथरूम में जाकर टॉवल बाँध लेती है, तोबल भी उसके जिस्म को छुपा नहीं प् रहा था, हेलिना के आधे बूब्स और जांघे साफ़ चमक रही थी, हेलिना बाथरूम से निकल कर सूर्या के पास आती है,सूरज के दिल की धड़कन तो अभी भी तेज चल रही तो,उसका लंड पेंट में तम्बू बना हुआ था ।सूरज हेलिना के आते ही माफ़ी मांगता है ।( अमेरिका में सब लोग अंग्रेजी में ही बार्तालाप करेंगे,लेकिन में हिंदी में ही लिखूंगा) 
सूरज-" माफ़ कीजिए हेलिना जी,मुझे नहीं पता था की आप बिना कपड़ो के ही होगी" हेलिना की नज़र सूरज के खड़े लंड पर जाती है जो पेंट में तम्बू बना हुआ था, हेलिना समझ जाती है की सूरज का लंड मेरे नंगे जिस्म को देख कर खड़ा हो गया है, उसके चेहरे पर एक कामुक मुस्कान तैर जाती है, सूरज के मोटे और लंबे लंड की कल्पना करते ही उसकी चूत में खुजली मचने लगती है और सूरज से चुदवाने का मन बना लेती है, 
हेलिना-'सर कोई बात नहीं, कोई काम था आपको मुझसे, मेरे लिए कोई सेवा हो तो बोलिए" सूरज सब बता देता है की उसका बेग गाडी में ही रह गया, अब पहनने के लिए कपडे नहीं है,
सूरज-" हेलिना जी यदि आपके पास कोई नायटी या कपडे हो तो तान्या के लिए दे दीजिए" 
हेलिना-" सूर्या जी आप फ़िक्र मत कीजिए मेरे पास जो भी कपडे आपको पसंद है ले लीजिए" हेलिना अपने कपड़ो की ड्रॉल(अलमारी) खोलती है और उनमे से कई सेक्सी पारदर्शी व् हाफ नायटी निकालती है सूरज ने इतनी सेक्सी और हॉट नायटी सिर्फ पोर्न फिल्मो में ही देखि थी, हेलिना तीन चार जोड़ी नायटी निकालती है जो छोटी थी और पारदर्शी भी थी, बिना ब्रा और पेंटी के पूरा जिस्म देख सकते हैं इस प्रकार नायटी थी ।
सूरज-"हेलिना जी कोई ऐसी नायटी नहीं है जिसमे जिस्म दिखाई न दे,और थोड़ी बड़ी भी हो,इसमें तो पूरा जिस्म दिखाई देगा" हेलिना यह सुनकर हँसती है चूँकि अमेरिका में इसी प्रकार के कपडे पहने जाते हैं ।
हेलिना-" नायटी के अंदर ब्रा पेंटी पहन कर इस्तेमाल कर सकती है तान्या जी,अगर ब्रा पेंटी चाहिए तो मेरी ले जा सकते हो" हेलिना अपनी स्टाइलिस ब्रा और पेंटी दिखाते हुए बोली।
सूरज-"आपके कपडे तान्या जी को नहीं आएँगे,छोटा साइज़ हो तो दे दीजिए" सूरज का इशारा ब्रा की तरफ था ।
हेलिना-" तान्या जी का साइज़ छोटा है मुझसे, मेरा साइज़ 42 है,मेरी ब्रा उनके आएगी नहीं" जैसे ही हेलिना यह बात बोलती है सूरज की नज़र तोबल में आधे ढके 42 साइज़ के बूब्स पर जाती है।
सूरज-" हाँ आपका साइज़ बहुत बढ़ा है" 
हेलिना यह सुन कर मुस्करा जाती है, हेलिना के दिमाग में सूरज को उकसाने का ख्याल आता है तभी हेलिना नीचे झुक कर ड्रॉल खोलती है और उसमे कुछ कपडे निकलने लगती है,नीचे झुकने के कारण तोबल ऊपर खिसक जाती है हेलिना की गांड और चूत की किनारी और चूत का लाल दाना साफ़ दिखाई देने लगता है,सूरज का लंड झटके मारने लगता है और उसका मन करता है की गांड और चूत को अच्छी तरह से चाट ले, सूरज पास जाकर गांड और चूत को देखने लगता है,हेलिना घोड़ी की तरह खड़ी थी,कभी कभी जानबूझकर गांड को और ज्यादा झुकाती,सूरज पर रहा नहीं जाता है और अपना लंड मसलने लगता है। हेलिना यह भांप जाती है की उसका जादू चल चूका है, हेलिना खड़ी होती है तो जानबुझ कर अपना तोबल खोल देती है, सूरज जैसे ही हेलिना के जिस्म और चूत को देखता है तो लंड मसलने लगता है। हेलिना बेशर्मी की हद पार करने पर मजबूर हो जाती है।सूर्या के लंड को ऊपर से देख कर बोलती है 
हेलिना-" सूर्या जी कोई परेसानी है क्या आपके लंड में? लाइए इसका इलाज मेरे पास है" हेलिना बेड पर लेजाकर सूरज की पेंट उतार कर लंड चूसने लगती है,मोटा और लंबा लंड देख कर बड़ी प्रसन्न होती है ।सूरज हेलिना के पांच किलो के एक बूब्स को दोनों हांथो से मसलता है,उनके निप्पल को काटता है दांतो से, हेलिना लंड की चुसाई बड़ी तेजी से कर रही थी, सूरज हेलिना की चूत में एक ऊँगली डालकर अंदर बहार मसलता है,हेलिना बडे जोश में आ जाती है और सूरज से चूत चटवाती है।
सूरज हेलिना की लाल गुलाबी चूत को जीव्ह से अच्छी तरह चाटता है। काफी देर दोनों लोग एक दूसरे के लिप्स को चूसते हैं फिर जिस्म को चाटते हैं। हेलिना सूर्या के ऊपर बैठ कर बड़ी तेजी से धक्के मारने लगती है उसके बड़े बूब्स उछालने लगते हैं। हेलिना सूर्या के मोटे लंड के घर्षण से चीखने लगती है। सूरज हेलिना को डौगी स्टायल में चोदने लगता है उसकी गांड में तमाचे मारता है। 
हेलिना-"ohhjhhuffff fuck me, oh my god. Fuck hard, ohhh my son fuck me" इतना बोलते ही हेलिना बुरी तरह से झड़ जाती है,और सूरज जैसे झडने को होता है अपना लंड चूत से निकाल कर हेलिना के मुह में लंड डाल देता है और एक जोर दार पिचकारी के साथ झड़ जाता है । हेलिना सारा वीर्य चाट लेती है ।
सूरज को तान्या की याद आती है,काफी लेट हो चूका था,सूरज जल्दी से हेलिना की दो नायटी और एक पेंटी लेकर अपने रूम में पहुँचता है,तान्या नहा कर फ्रेस हो चुकी थी, अभी बाथरूम में बैठी इंतज़ार कर रही थी,
सूरज-"दीदी आप फ्रेस हो चुकी क्या, हेलिना जी ने दो नायटी भेजी हैं,आप ले लीजिए" पेंटी की नहीं बोलता है ।
तान्या-"ओह्ह्ह सूर्या तू भी इतनी देर लगाता है,में कब से तेरा इंतज़ार कर रही थी, ला जल्दी से मुझे नायटी पकड़ा दे"तान्या बॉथरूम का गेट खोलकर एक हाँथ निकलती है,सूरज नायटी के अंदर पेंटी रख कर पकड़ा देता है ।

सूरज तान्या को नायटी देने के लिए बाथरूम के गेट पर जाता है,तान्या गेट से सिर्फ एक हाँथ बहार निकाल कर नायटी ले लेती है और दरबाजा बंद कर लेती है । तान्या जैसे ही नायटी को खोल कर देखती है उसे झटका लगता है क्योंकि एक तो नायटी बहुत शॉर्ट थी और ऊपर से उसमे एक बहुत बड़ी पेंटी रखी थी जिसका साइज़ काफी बड़ा था,चूँकि हेलिना की गांड का साइज़ काफी बड़ा था, अब तान्या हैरान थी की आखिर कैसे इन कपड़ो को पहने? 

तान्या नहाने के पस्चात अपनी ब्रा और पेंटी को धोकर डाल चुकी थी ताकि सुबह उनको पहन सके, अब नायटी के अंदर ब्रा और पेंटी नहीं पहनती है तो अंदर का हर अंग दिखाई देगा, अब करे तो क्या करे? 
तान्या इस बात पर भी हैरान थी की सूरज मेरे लिए ऐसी नायटी लेकर आया है जो बिलकुल पारदर्शी है और पेंटी भी लाया है, तान्या-"(मन में) ये सूर्या भी पागल है,कितनी शॉर्ट नायटी लाया है मेरे लिए,और पेंटी भी, उसको पता नहीं है क्या में इस तरह के कपडे नहीं पहनती हूँ,और सूर्या के सामने तो कैसे भी नहीं पहन सकती हूँ, लेकिन अब पुरी रात क्या पहन कर सोऊँ, जीन्स और टॉप तो पहन नहीं सकती क्योंकि सुबह इन्ही कपड़ो को पहनना है,अब क्या करू समझ नहीं आ रहा है' तभी बहार से सूरज की आवाज़ आती है चूँकि सूरज को भी तैयार होना था।तान्या काफी देर सोच विचार करके मजबूरन पेंटी और नायटी पहन लेती है, और शीशे में खुद को देखती हओ तो हैरान रह जाती है,उसकी चुचिया और पेंटी साफ़ दिखाई दे रही थी, 
तान्या खुद को कोसती है की अपना बेग कैसे गाडी में भूल गई, अगर इन कपड़ो में बहार गई तो सूर्या क्या सोचेगा,इसी बात की उधेड़बुन उसके दिमाग में चल रही थी।
सूरज पुनः आवाज़ लगाता है, सूरज भी समझ चूका था की दीदी शायद नायटी पारदर्शी होने के कारण शर्मा रही है और भला एक भाई के सामने कैसे आ सकती है, और सूरज खुद शर्म महसूस कर रहा था दीदी ऐसे कपडे पहन कर मेरे साथ कैसे सोएंगी, जरूर दीदी मेरे सामने आने में शर्मा रही होंगी इसलिए अभी तक बाहर नहीं आई हैं। सूरज खुद इस दुविधा से बचने के लिए एक फैसला लेता है की वो कमरे के बहार पड़े सोफे पर सो जाएगा ।
कमरे के बाहर बड़ा सा लॉन था जिसमें कई सोफे पड़े थे,इस लिए बहार सोने में कोई परेसानी नहीं थी ।
सूरज-"दीदी आप फ्रेस हो गई क्या?" 
तान्या-"हाँ सूर्या हो गई, तुझे कुछ काम था क्या" 
सूरज-'दीदी क्या में बहार लॉन में पड़े सोफे पर सो जाऊं? तान्या सोचने लगती है की सूर्या बहार क्यूँ सोना चाहता है, कहीं मेरी बजह से तो नहीं,या मेरी नायटी की बजह से कह रहा हो।
तान्या-" सूर्या बहार अकेले क्यूँ सोना चाहते हो, यहीं सो जाना" 
सूरज-"दीदी आज में बहार ही सो जाता हूँ,कल सो जाऊँगा में रूम में"तान्या समझ चुकी थी की सूर्या शायद इस नायटी के कारण बहार सोना चाहता है, सूर्या के इस फैसले से तान्या बड़ा गर्व होता है सूर्या पर, 
तान्या-" ठीक है सूर्या,लेकिन तुम अपना ध्यान रखना" 
सूरज-" दीदी में जा रहा हूँ,अब आप बाथरूम से निकल सकती हो,bye good night दीदी" जैसे तान्या सूरज की यह बात सुनती है की दीदी अब आप बाथरूम से निकल सकती हो, उसे पक्का यकीन हो जाता है की सूर्या सिर्फ मेरे इन कपड़ो के कारण ही बहार पड़े सोफे पर सोने गया है,उसे पता चल गया की में इतनी देर से बाथरूम से बहार क्यूँ नहीं निकली हूँ।
सूर्या के जाने के बाद ही तान्या बाथरूम से निकलती है और बेड पर आकर सो जाती है,रात का काफी समय हो चूका था,लंबे सफ़र के कारण तान्या भी सो जाती है और बहार सोफे पर सूरज भी सो जाता है,लम्बे सफ़र और हेलिना को दमदार चुदाई करने के कारण सूरज भी सो चूका था।
सुबह 7 बजे सुरज की नींद खुलती है तो सबसे पहले अपने रूम के दरबाजे की ओर देखता है, एक वेटर खड़ा हुआ था, सूरज को लगा शायद तान्या दीदी ने कुछ आर्डर किया होगा,सूरज वेटर के पास जाता है।
सूरज-" hi कुछ काम था आपको? 
वेटर-" सर कुछ आर्डर चाहिए क्या?
कोफ़ी, या विस्की ? 
सूरज-'सिर्फ कोफ़ी और नास्ता ले आना,15 मिनट बाद,अभी आप जा सकते हो" वेटर चला जाता है,सूरज दरबाजा खोलता है तो देखता है की तान्या अभी भी लेटी हुई थी, तान्या पीठ के वल एक तकिया को सीने से लगा कर सोई हुई थी जिसके कारण नायटी अस्त व्यस्त हो गई थी,तान्या की दोनों झांघे बिलकुल नंगी थी, और नितम्ब बिलकुल साफ़ दिखाई दिए,सूरज को बड़ी शर्म सी आई तान्या दीदी को देख कर, सूरज तान्या को चादर से ढक देता है,ताकि कोई वेटर या हेलिना तान्या के बदन को न देख पाए, चादर से ढकने के पस्चात सूरज होटल को देखने लगता है,तभी सांध्य की कॉल आती है,सूरज काफी देर बात करता है। इधर जब तान्या की आँख खुलती है तो हैरान रह जाती है की चादर किसने उड़ाई उसे, चादर उठाकर खुद की नायटी देखती है उसकी नायटी पेट पर थी और गांड पूरी तरह से नंगी थी,पेंटी होना न होना एक ही बात थी चूँकि पेंटी गांड की दरार फसी हुई थी,तान्या समझ चुकी थी शायद सूर्या ने मुझे इस हालात में देखा होगा इसलिए चादर उड़ा कर बहार चला गया ।तान्या बड़ा ही अफ़सोस जाहिर करती है की इतनी लेट क्यूँ उठी वो,सूरज की समझदारी की दाद देती है। 8 बज चुके थे तान्या जल्दी से फ्रेस होकर रूम से बाहर आती है तो देखती है सूर्या सोफे पर बैठकर फोन से बात कर रहा था । जैसे ही सूरज और तान्या की नज़रे मिलती है, सूरज फोन काट कर तान्या के पास जाता है।
सूरज-"गुड मॉर्निंग दीदी,आप उठ गई,और फ्रेस भी हो गई" 
तान्या-"हाँ सूर्या तू भी जल्दी से फ्रेस हो जा" सूरज बाथरूम में जाकर नहाता है,सूरज के पास कोई अंडर वियर नहीं था इसलिए बिना कच्चे के ही जीन्स और शर्ट पहन कर वापिस आता है। तान्या रूम में बैठी सूर्या के निकलने का इंतज़ार कर रही थी ।
सूरज-"दीदी चाय नास्ता आर्डर कर दो फोन से,हमें जल्दी निकलना है मीटिंग के लिए,हेलिना जी आती ही होंगी" 
तान्या फोन से नास्ता मंगवाती है,वेटर नास्ता ले आता है दोनों बहन भाई नास्ता करते हैं तभी तान्या सूरज से बोलती है ।
तान्या-" थेंक्स सूर्या" सूरज सोचता है दीदी ने थेंक्स क्यूँ बोला ।
सूरज-"थेंक्स किस लिए दीदी" अब तान्या कैसे बोले की रात में सूर्या मेरी नायटी के कारण बहार सोना पड़ा,और सुबह नंगी नायटी अस्त व्यस्त होने के कारण चादर उड़ाई।
तान्या-" वो रात में तुम्हे बाहर सोना पड़ा, मेरी बजह से, और सुबह चादर उड़ाने के लिए" तान्या सर झुका कर धीरे से बोलती है ।
सूरज-" इसमे थेंक्स की क्या बात है आप मेरी दीदी हो" सूरज हँस कर बोलता है।
तान्या-" सुबह चादर तूने ही उड़ाई थी या कोई और आया था? तान्या कन्फर्म करने के लिए पूछती है।
सूरज-" चादर मैंने ही उड़ाई थी दीदी" 
तान्या-" सॉरी मुझे जल्दी उठना चाहिए था, कल बहुत थक चुकी थी इसलिए देर तक सोती रही" 
सूरज-" कोई नहीं दीदी, लेकिन आज आप अपने लिए कपडे जरूर खरीद लेना और एक सही सा नाईट सूट भी" 
तान्या-" हाँ सूरज आज हम दोनों मार्केट चलेंगे कपडे लेने, ये हेलिना आंटी भी कैसे कैसे कपडे पहनती है,मुझे तो पहनने में भी शर्म आ रही थी" तान्या अपना दुःख जाहिर करती है।
सूरज-"दीदी ये अमेरिका है,ऐसे कपडे इनके कल्चर में हैं, हेलिना आंटी ही नहीं सभी अंग्रेजिन ऐसे ही कपडे पहनती हैं" 
तान्या-" तुझे कैसे पता सभी अंग्रेजीन ऐसे ही कपडे पहनती हैं,तू तो पहली बार आया है अमेरिका" 
सूरज-" ओह्ह्ह दीदी मैंने अमेरिका की होलीबुड मूवी देखि हैं, उसमे ऐसे ही कपडे देखें हैं" 
तान्या-"क्या सभी अंग्रेजिन मूवी में ऐसी नायटी पहन कर फिल्में बनाती है? ऐसी मूवी देखता है तू" अब सूरज बेचारा क्या बोलता ।
सूरज-" एक दो मूवी में मैंने ऐसे कपडे देखें हैं" 
तान्या-"ऐसी मूवी मत देखा कर जिसमे ऐसे गंदे कपडे पहने जाते हो" 
सूरज-"दीदी आपने कभी होलीबुड मूवी नहीं देखी है क्या?" 
तान्या-" होलीबुड को छोड़ मैंने बोलीबुड की दो चार ही फिल्म देखी हैं बस, बिजनेस की बजह से कभी समय नहीं मिला मुझे" 
सूरज-"ओह्ह्हो दीदी आप तो बिजनेस के चक्कर में अपनी लाइफ को जीना भूल गई हो" 
तान्या-" कैसी है मेरी लाइफ? 
सूरज-" दीदी बिजनेस से बाहर निकल कर देखो बहुत खूबसूरत है ये दुनिया, आपने शादी के बारे में क्या सोचा है दीदी" 
तान्या-" शादी के बारे में मुझे क्या सोचना माँ जहाँ कहेगी कर लुंगी शादी,लड़का अच्छा बिजनेस मैन होना चाहिए बस" 
सूरज-"ओह्ह्ह दीदी शादी भी बिजनेस बाले लड़के से, कितनी बोर लाइफ हैं न आपकी' सूरज की इस बात से तान्या को दुःख होता है, तान्या सोचती है क्या बाकई में मेरी लाइफ बोर है, सूरज मेरे साथ बोरियत तो महसूस नहीं करता है, क्या मुझे अपनी लाइफ स्टायल बदलनी चाहिए।
तान्या-" सूर्या मुझे नहीं पता मेरी लाइफ कैसी है, क्या तुझे मेरे साथ बोरियत महसूस होती है" 
सूरज-" नहीं दीदी मेरा मतलब वो नहीं था, अन्य लड़कियां जैसे मौज मस्ती करती हैं,ब्यूटी फैसन, घूमना फिरना,बॉय फ्रेंड बनाना ये चीज मैंने आपके अंदर नहीं देखा है" तान्या भी यह बात जानती थी ।

तान्या-"हाँ सूर्या ये सच है मैंने कभी फैसन नहीं किया, हमेसा पुरे बदन के कपडे पहने, और न ही कहीं घूमने गई आज तक, बॉय फ्रेंड बनाने का तो कभी सोचा ही नहीं" 
सूरज-'दीदी आपने कभी अपने जीवन के बारे में नहीं सोचा है, आपकी लाइफ बाकई में बोरियत रही है, में चाहता हूँ आप खुल कर जिओ, हर प्रकार के कपडे पहनो और मस्ती करो" 
तान्या-" क्या मुझे अपनी लाइफ स्टायल बदलनी चाहिए?" 
सूरज-"हाँ दीदी मेरे हिसाब से बदल कर देखो,शायद आपको अच्छा लगे" 
तान्या-" तू मेरी मदद करेगा,मेरी लाइफ स्टायल बदलने में" 
सुरज-" हाँ दीदी आप मुझसे सलाह ले सकती हो" 
तान्या-" तो ठीक है सूर्या आज से तू मेरा गुरु है,मुझे बता क्या करना चाहिए,में भी देखना चाहती हूँ की तू कौनसी लाइफ स्टायल पसंद करता है" 
सूरज-" ठीक है दीदी आज हम दोनों अमेरिका में घूमते हैं" 
तान्या-"okk सूर्या" तभी हेलिना तान्या और सूर्या को बुलाने आती है मीटिंग में जाने के लिए, तीनो लोग गाडी से मीटिंग हॉल में पहुँचते हैं,बहुत ही आलीसान हॉल था,बहुत से अमेरिकन बिजनेस मैन तान्या का स्वागत करते हैं। सूरज अमेरिकन लेडीज को देखता है जो बहुत शॉर्ट और हॉट ड्रेस पहनी हुई थी। मीटिंग की सुरुआत होती है,सभी अमेरिकन लोग हम दोनों को ही देख रहे थे क्यूंकि हम भारतीय थे,और इस भीड़ में सबसे अलग भी थे ।
तान्या और मुझे मंच पर बुलाते हैं।
अमेरिका में रहने बाले दो चार भारतीय बिजनेस मैन भी हमारा स्वागत करते हैं कुछ लोग हमारा परिचय भी करबाते हैं ।
तान्या दीदी को मंच पर बुला कर एक भारतीय बिजनेस मैन के द्वारा दीदी को शील्ड देकर सम्मान किया जाता है।दीदी के चेहरे पर बहुत ख़ुशी थी, वो बार बार मुझे ही देख रही थी । दीदी मुझे अपने पास बुला कर अपनी शील्ड मुझे देती हैं ।
तान्या-" इस शील्ड का असली हकदार तुम हो सूर्या, कंपनी को इस मुकाम पर लाने के लिए तूने दिन रात एक कर दिया" 
सूरज-"दीदी इस शील्ड की आप ही हकदार हो,मैंने तो सिर्फ थोड़ी मदद की आपने तो अपना पूरा जीवन ही कंपनी को ऊँचा उठाने में लगा दिया" सभी लोग तालिया बजाते हैं।
जिस भारतीय बिजनेस मैन के द्वारा शील्ड दी गई उन्होंने भी हमारी काफी प्रसंसा की और हमारे साथ सभी ने फोटो खिचबाए ।
भारतीय बिजनेस मैन ने अपना परिचय दिया।
फिर उन्होंने हम दोनों को अपने घर बुलाने का निमंत्रण दिया। 
मीटिंग ख़त्म होने के बाद सभी लोग ड्रिंक करते हैं और म्यूजिक के साथ डांस भी करते हैं ।
हेलिना मुझे पकड़ कर मेरे साथ डांस करती हैं, तान्या दीदी मुझे देख कर हंस रही थी, में भी दीदी को पकड़ कर डांस करने के लिए बोलता हूँ लेकिन वो मना कर देती हैं क्यूंकि उन्हें डांस नहीं आता था । काफी देर मस्ती करने के बाद तान्या मार्केट जाने के लिए बोलती है, हेलिना और हम दोनों मार्केट के लिए निकल जाते हैं ।

हेलिना एक बहुत ही शानदार मॉल में लेकर जाती है जहाँ अमेरिकन स्टायल के बहुत ही सेक्सी ड्रेस के फोटो लगे हुए थे, बहुत सी डमी खड़ी हुई थी जो सिर्फ ब्रा और पेंटी पहनी हुई थी, तान्या ये सब देख कर बहुत शर्म महसूस कर रही थी,मॉल में सभी सेलर लड़कियां भी हॉट कपडे पहने हुए थी। तान्या शर्मा रही थी क्यूंकि उसका भाई सूर्या भी उसके साथ था ।
तान्या-"सूर्या ये जगह अच्छी नहीं है,कहीं ओर दुकान से कपडे खरीद ले" 
सूरज-"अरे दीदी ये अमेरिका है यहाँ सभी दुकाने और मॉल ऐसे ही मिलेंगे" 
तान्या-"मुझे नहीं लगता यहाँ मेरे हिसाब के कपडे मिलेंगे यहाँ" पास खड़ी हेलिना दोनों को बातें समझ नहीं पा रही थी क्यूंकि दोनों हिंदी में बात कर रहे थे।
सूरज-'दीदी अब अमेरिका में हो तब तक तो आपको यहाँ के कपडे पहनने ही पड़ेंगे" 
तान्या-"ठीक है, चलो फिर देख लेती हूँ कपडे" दोनों लोग एक शॉप पर जाते हैं।
हेलिना अपने परिचित लोगों से मिलने चली जाती है ।
तान्या-" मेरे लिए कुछ ड्रेस दिखाओ"

सेल्स गर्ल-" मेडम अपना बॉडी साइज़ बताइए" तान्या यह सुनकर चोंक जाती है,सूरज भी यह सुनकर शर्मा जाता है।
अमेरिका में कपडे बॉडी के साइज़ के हिसाब से मिलते हैं ।
तान्या को समझ नहीं आ रहा था की सूरज के सामने बॉडी साइज़ कैसे बताए।
सूरज यह बात समझ जाता है, 
सूरज-"दीदी आप अपने लिए कपडे देख लो,जब तक में इसी मॉल में अपने लिए कपडे देख लेता हूँ" सूरज वहां से जाने लगता है तभी सेल्स गर्ल रोकती है ।
सेल्स गर्ल-" सर जेंट्स के कपडे आपको इस मॉल में नहीं मिलेंगे, यहाँ सिर्फ लेडीज के कपडे मिलेंगे, पहले आप अपनी वाइफ के कपडे पसंद कर लीजिए,उसके बाद चले जाना" 
सूरज अब फस चूका था, जैसे ही सेल गर्ल तान्या को सूरज की वाइफ बोलती है,दोनों लोग शर्मा जाते हैं, सेल्स गर्ल तान्या को सूरज की वाइफ समझती है। तान्या तुरंत बोलना चाहती थी लेकिन उससे पहले सूरज बोल देता है ।
सूरज-' मेम यह मेरी वाइफ नहीं है" 
सेल्स गर्ल-" ओह्ह लवर हो,गुड़ चॉइस सर, 
आप जल्दी से बॉडी साइज़ बता दीजिए मे इनके लिए कपडे निकाल देती हूँ" 
इस बार फिर से दोनों लोग चोंक जाते हैं, अब वो लड़की दोनों को लवर समझती है, इस बार तान्या बिना शर्म किए धीरे से अपना साइज़ बोल देती है।
तान्या-"34 30 34" तान्या शर्माती हुई बोलती है,सूरज भी शर्मा रहा था ।
सेल्स गर्ल-" Nice figure,एक मिनट रुकिए अभी दिखाती हूँ" 
सेल्स गर्ल एक बहुत ही हॉट ड्रेस लेकर आती है,जो सिर्फ जांघो तक थी और ऊपर बड़ा गला था । इस प्रकार उसने 10-12 प्रकार की ड्रेस दिखाई,तान्या ने ऐसे कपडे कभी नहीं पहने,उसे समझ नहीं आ रहा था की क्या पहने, 
तान्या-"सूर्या क्या करू यहाँ तो सभी ड्रेस शार्ट ही मिलती हैं,मैंने ऐसी ड्रेस कभी नहीं पहनी" 
सूरज-"दीदी आप एक बार पहन कर तो देखो, हो सकता है आप पर ये कपडे बहुत अच्छे लगें" 
तान्या-"लेकिन सूर्या मुझे शर्म आएगी बहुत, तेरे सामने कैसे पहन पाउंगी में" 
सूरज-"ओह्ह्हो दीदी ये 21वीं सदी चल रही है और आप कपडे पहनने में शर्मा रही हो, आप ले लीजिए दीदी"
तान्या दो ड्रेस ले लेती है और तीन चार टीशर्ट ले लेती है ।
सूरज-"दीदी एक नायटी या कैपरी भी लेलो रात में पहनने के लिए" 
तान्या एक केपरी भी खरीद लेती है।सूरज पेमेंट करता है और जाने लगता है तभी सेल्स गर्ल रोकती है ।
सेल्स गर्ल-" मेम ब्रा और पेंटी चाहिए क्या,हमारे पास लेटेस्ट ब्रा और पेंटी आई हैं" जैसे ही सेल्स गर्ल ने बोला,तान्या तो शर्म से मरी जा रही थी, पेंटी तो चाहिए लेकिन सूरज के सामने कैसे ख़रीदे, सूरज भी अब तक काफी बहुत शर्मिंदगी महसूस कर चूका था।
सूरज-" दीदी आप लेलो,में बाहर आपका इंतज़ार कर लूंगा" तान्या समझ जाती है की सूर्या भी बहुत शर्मिंदगी महसूस कर रहा है।
तान्या-" ठीक है सूर्या तुम जाओ,में अभी आती हूँ" 
सूरज-"ok दी" इतना कह कर सूरज चला जाता है"
तान्या-" ब्रा और पेंटी दिखा दीजिए" सेल्स गर्ल बहुत सी ब्रा और पेंटी दिखाती है, बहुत ही स्टायलिस और हॉट टायप की, ब्रा ऐसी थी जिसमे सिर्फ निप्पल ढक सकते हैं और पेंटी में सिर्फ चूत ढक सकते हैं,तान्या मजबूरन ब्रा और पेंटी खरीद लेती है, दो तीन जोड़ी ब्रा और पेंटी खरीदने के बाद तान्या सूर्या के पास जाती है और जेंट्स शॉप में जाकर सूरज के लिए कपडे खरीदती है, सूरज तान्या के पसंद के दो जीन्स और टीशर्ट खरीद लेता है, 
तान्या-"अपने लिए अंडर वियर भी खरीद ले" 
सेल्स मैन दो तीन प्रकार के अंडर वियर दिखाता है जिसमे सिर्फ लंड वाले स्थान पर कपडा था बाकी खुला हुआ,लड़कियों की पेंटी की तरह,तान्या कच्छा देख कर मुस्कराती है, सूरज शर्मा जाता है और जल्दी से दो फ्रेंची खरीद लेता है, दोनों लोग मार्केट से निकलते हैं ।
तान्या-" अब होटल चले या कहीं और" 
सूरज-"दीदी पहले होटल चलते हैं,कपडे चेंज करके तब घूमने चलेंगे, ये कपडे तो बहुत गंदे हो चुके हैं" 
तान्या-"हाँ होटल ही चलो" तान्या हेलिना को फोन करके गाडी मंगबाती है और तीनो लोग होटल पहुँच जाते हैं, सूरज बाथरूम जाकर फ्रेस होकर फ्रेंची और नए कपडे पहनता है, सूरज ने पहली बार फ्रेंची कच्छा पहना था उसे अंदर बहुत खुला सा लग रहा था, सूरज बाहर निकल कर आता है तो तान्या सुरज को नए कपड़ो में देखती रह जाती है।
तान्या-"वाह्ह्ह् सूर्या एक दम हीरो लग रहा है" 
सूरज-"हीरो तो में हूँ ही, अब आप भी जल्दी से हेरोइन बन जाओ" सूरज नजाकत से बोलता है ।
तान्या-" में तो बैसे भी हेरोइन लगती हूँ, बनने की जरुरत ही नहीं है" तान्या भी नजाकत से बोल कर हँसाने लगती है ।
सूरज-"दीदी आप भी नए कपडे पहन लो" 
तान्या-" मुझे कपडे पहनने में शर्म आ रही है सूर्या, ऐसे कपडे कभी पहने नहीं है मैंने" तान्या मायूस होते हुए बोली ।
सूर्या-"दीदी आपने कहा था न की अब अपना स्टायल बदलना है, और मुझे आपने अपना गुरु बनाया है,फिर जल्दी से पहनो,ये अमेरिका है दीदी, यहाँ शर्म करने की क्या जरुरत" 
तान्या-" शर्म तो मुझे तुझसे लग रही है सूर्या,तेरे सामने कैसे पहनूँगी ऐसे कपडे" 
सूरज-" ओह्ह्हो दीदी कपड़ो में कैसी शर्म, जबकि मैंने तो आपको बिना कपड़ो के भी देखा है" सूर्या जल्दबाजी में बोल जाता है लेकिन फिर शर्मा जाता है,तान्या पहले चोंकती है फिर शर्मा जाती है ।
तान्या-" बो तो तूने मुझे धोके से देख लिया, चल तू बोलता है तो अब पहन ही लेती हूँ" तान्या अपने कपडे लेकर बॉथरूम जाती है,पहले फ्रेंस होती है फिर नई बाली ब्रा और पेंटी पहनती है, तान्या खुद अपने आपको देख कर शर्मा जाती है, ब्रा में सिर्फ उसके निप्पल ही ढके हुए थे और पेंटी में उसकी चूत ढकी हुई थी,पेंटी बहुत टाईट थी,तान्या गांड की तरफ देखती है पेंटी की लास्टिक गांड की दरार में घुस गई थी,ऐसा लग रहा था जैसे गांड बिलकुल नंगी है,तान्या ने ऐसी पेंटी पहली बार पहनी, गांड की दरार में पेंटी घुसने से उसे बहुत आरकस सा लग रहा था, तान्या मिनी स्कर्ट पहनती है और ऊपर टॉप पहनती है,जिसमे उसकी चुचियो का उभार साफ़ दीखता है, बूब्स के बीच बाली दरार दिखाई देती है,और स्कर्ट झांघो तक होने के कारण उसकी मांसल झांघे साफ़ दिखाई देती है । तान्या खुद को शीशे में देखती है तो हैरान रह जाती है, एक सेक्सी कामुक लड़की लग रही थी, तान्या रूम में जाने से शर्मा रही थी, लेकिन सूरज आवाज़ लगाता है तो तान्या बाथरूम से जैसे ही बाहर निकलती है सूरज आँखे फाड़े तान्या को देखता है, सूरज को भी यकीन नहीं था की तान्या इतनी खूबसूरत लगेगी, सूरज तान्या को ऊपर से निचे तक देखता है ।तान्या सूरज के इस तरह से देखने से शर्मा रही थी ।
तान्या-" मैंने बोला था न, ये कपडे मुझ पर अच्छे नहीं लगेंगे" 
तान्या सूरज की प्रतिक्रिया जानने के लिए बोलती है।
सूरज- wowww दीदी गज़ब लग रही हो, कौन कहता है दीदी ये कपडे आप पर अच्छे नहीं लग रहे हैं, आप तो कमाल की लग रही हो, आप लग ही नहीं रही हो की मेरी दीदी हो, अमेरिकन गर्ल लग रही हो" तान्या शर्मा जाती है । 
तान्या-"अब घुमने चले गुरु जी" तान्या मुस्करा कर बोलती है ।
सूरज-" चलिए शिष्या, आज तुम्हे अमेरिका की संस्कृति का ज्ञान दिलबाता हूँ" हँसते हुए।
तान्या-" चलिए गुरु जी" दोनों लोग हँसते हुए होटल से बहार निकलते हैं ।सूरज 
होटल बाले से पूछता हैं यहाँ घूमने लायक स्थान कहाँ है । होटल वाला सब बता देता है ।
सूरज-" दीदी चलो बीच और फन सिटी पर चलते हैं, उसके बाद पार्क, और फिर वाइट हॉउस" 
तान्या-"ok सूर्या" सूरज एक केब पकड़ता है और बीच पर पहुँच जाते हैं।
तान्या और सूरज जैसे ही बीच पर जाते हैं तो दोनों की आँखे फटी की फटी रह जाती हैं, बीच पर सभी लड़कियां ब्रा और पेंटी में थी, तान्या तो शर्म के मारे मरी जा रही थी और यही हाल तान्या का भी था ।
तान्या जैसे ही बीच पर नहाती लड़कियों को देखती है जो सिर्फ दो कपड़ो में ही नहा रही थी, कई लड़कियों के तो सिर्फ निप्पल ही ढके हुए थे बाकी पूरा स्तन दिखाई दे रहा था, गांड में पेंटी फंसी होने के कारण गांड तो नंगी ही दिखाई दे रही थी ।
जवान लड़कियां और काफी उम्र दराज की महिलाएं भी अपने पार्टनर के साथ पानी में मस्ती कर रही थी। कुछ लेडीज रेत पर लेट कर बहां के खुशनुमा वातावरण का आनंद ले रही थी। सूरज की नज़र तो प्रत्येक महिलाओं के जिस्म का जायजा लेने में व्यस्त थी, आसपास ऐसी कोई महिला नहीं छोड़ी जिसके सम्पूर्ण बदन का एक्सरा न किया हो । तान्या तो शर्म के कारण नीचे सर झुका कर चल रही थी, लेकिन सूरज को तो ऐसा लग रहा था जैसे मानो स्वर्ग यही है। 
तान्या-"सूर्या ये कैसी जगह है, ये अमेरिका में तो शर्म नाम की कोई चीज ही नहीं है, मुझे तो यहाँ बड़ी शर्म आ रही है, कहीं ओर चलते हैं" 
सूरज-" दीदी जो लोग नहा रहें हैं,उनकी तरफ ध्यान मत दो,ये देखो यहाँ का मौसम कितना अच्छा है, कितनी सुन्दर जगह है ये"
तान्या-" सूर्या थोडा आगे चलते हैं, मुझसे यह सब देखा नहीं जा रहा है" तान्या और सूरज घूमते घूमते काफी आगे निकल जाते हैं, सुनसान जगह पर आकर तान्या और सूरज रेतीली जमीन पर बैठकर समुद्र की आती जाती लहरो को देखते हैं ।
तान्या की स्कर्ट छोटी होती है,जमीन पर बैठते ही सूरज को तान्या की पेंटी दिख जाती है, सूरज शर्म के मारे तान्या के बराबर आकर बैठ जाता है, तान्या भी अपनी स्कर्ट को ठीक करते हुए बैठती है और समुन्दर की लहरो को देखती है,
तान्या-" बाकई सूर्या बहुत सुन्दर जगह है ये, ये ठंडी हवा का झोंका, समुद्र से उठती लहरों को देख कर मन चंचल हो जाता है, कितनी शान्ति है यहाँ" तान्या आँखें बंद करके ठंडी हवा को महसूस करते हुए बोलती है, हवा चलने के कारण उसके बालो की जुल्फे चहरे पर लहरा रही थी, 
सूरज-" वाह्ह दीदी क्या बात कही है आपने, जगह तो बाकई में बहुत खूबसूरत है बस यहाँ का कल्चर ठीक नहीं है" 
तान्या-" हाँ सूर्या सही कहा" 
सूरज-" दीदी मेरा तो मन कर रहा है की में भी इस समुद्र के पानी में नहा लू, आप भी नहा लो" 
तान्या-" नहीं सूर्या तू नहाना चाहता है तो नहा ले,में नहीं नहाउंगी, इतनी खुली जगह में" 
सूरज-" ठीक है दीदी में नहा कर आता हूँ" सूरज जैसे ही पेंट उतारता है उसे फ्रेंची दिख जाती है जिसमे लंड का आकार और उभार साफ़ दिखाई देता है,तान्या भी सूरज की ओर देख रही थी, सूरज शर्म के कारण वापिस पेंट पहन लेता है। तान्या समझ जाती है सूरज फ्रेंची पहने हुए है इसलिए मेरे सामने शर्म के कारण पेंट पहन ली और नहाने का मन अब त्याग चूका है,
तान्या यह देख हँसने लगती है।
तान्या-"क्या हुआ नहा ले,रुक क्यूँ गया" हँसते हुए बोली।
सूरज-"अब नहीं नहाउंगा दीदी" शर्मा कर बोलता है ।
तान्या-" तू लड़का होकर शर्मा रहा है तो में भला यहाँ कैसे नहा सकती थी"
सूरज-" हाँ दीदी सही कहा आपने"
सूरज और तान्या आपस में बात कर ही रहे थे तभी उन दोनों के पास दो महिलाऐं और एक लड़का आता है, एक लेडीज की उम्र लभभग 45 वर्ष होगी और लड़की 26 वर्ष की और लड़का भी 24 वर्ष का था, दोनों लेडीजो ने ब्रा और पेंटी पहन रखी थी और लड़का फ्रेंच कच्छे में था।
तीनो लोग सूरज और तान्या के पास आते हैं, तान्या तो लेडीज और लड़की को देख कर शर्मा रही थी,उसकी ब्रा से उसके आधे से ज्यादा बूब्स बहार निकल रहे थे,और पेंटी में उसकी फूली हुई चूत का उभार साफ़ दिखाई दे रहा था, और लड़के का लंड भी कच्छे में साफ़ झलक रहा था।
लेडीज-" hi guy यू आर इंडियन टूरिस्ट? 
सूरज-"यस आई एम् इंडियन" (हिंदी में अनुवाद)
लेडीज-" वाह्ह मुझे भारतीय लोग बहुत पसंद हैं,आप दोनों का परिचय?" 
सूरज-" में सूर्या और ये मेरी बहन तान्या" लेडीज तान्या से हाँथ मिलाती है और अपना परिचय देती है ।
लेडीज-" मेरा नाम नैला है और ये मेरी बेटी सैला और ये मेरा बेटा लकी है" सभी लोग एक दूसरे से हाँथ मिलाते हैं,नैला सबके साथ एक सेल्फ़ी लेती है,सूरज भी अपने मोबाइल से सेल्फ़ी ले लेता है ।
नैला-" क्या आप हमारे साथ इंजॉय करोगे सूर्या" नैला सूरज को देख कर कामुकता के साथ बोली, लकी की नज़र भी तान्या के ऊपर थी, सूरज तान्या की तरफ देखता है,तान्या मना कर देती है, तीनो लोग बहां से चले जाते हैं ।
तान्या-" कैसी माँ बेटी हैं जो अपने बेटे और भाई के सामने ऐसे दो कपड़ो में घूम रही है, मुझे तो देख कर ही शर्म आ रही थी"
सूरज-" दीदी ये अमेरिका है, यहाँ सब चलता है, यहाँ के लोग खुले बिचारो के होते हैं" 
तान्या-" खुले बिचारो? मतलब" 
सूरज-" दीदी ये लोग अपनी हर बात अपनी माँ और बहन से शेयर कर लेते हैं, हर विषय पर" 
तान्या-"हर विषय पर मतलब ?" हैरानी से बोलती है, अब सूरज कैसे बताता की ये अमेरिकन लोग आपस में सेक्स के विषय पर भी चर्चा कर लेते हैं।
सूरज-" दीदी फिर कभी बताऊंगा, चलो आगे और घूम कर आते हैं" तान्या समझ जाती है सूरज बात को क्यूँ टाल रहा है, जरूर कोई बात मुझे बताने के लायक नहीं होगी। दोनों लोग समुद्र के उठकर चल देते हैं। 
सुरज और तान्या दोनों लोग बीच से काफी आगे तक घूमने निकल जाते हैं, तान्या की पेंटी गांड में फसी होने के कारण उस पर चला नहीं जा रहा था। 
तान्या-" सूर्या अब और चला नहीं जा रहा है, थोड़ी देर यहीं बैठ जाते हैं" सूरज और तान्या पहाड़ के एक चट्टान के पास आकर बैठ जाते हैं, तभी उनको किसी के चीखने और सिसकी की आवाज़ सुनाई देती है, तान्या इधर उधर देखने लगती है।
तान्या-"सूर्या कोई चिल्ला रहा है" 
सूर्या-"हाँ दीदी किसी के चीखने की आवाज़ तो मैंने भी सुनी है" 
तान्या-" चलो देखते हैं, हो सकता है कोई मुसीबत में हो" सूरज और तान्या थोड़ी दूर जाकर एक चट्टान के पास पहुँचते हैं,जहां से आवाज़े आ रही थी, जैसे ही तान्या और सूरज चट्टान के पीछे जाते हैं तो दंग रह जाते हैं। नैला और सैला दोनों माँ बेटी लकी से चुदाई करबा रही थी । लकी नीचे लेटा हुआ था और उसकी बहन सैला उसके लंड पर बैठ कर उछल उछल कर धक्के मार रही थी और लकी की माँ नैला लकी के मुह पर बैठी थी,लकी नैला की चूत में जीव्ह डालकर चाट रहा था।तीनो लोग नंगे होकर चुदाई में मस्त थे ।
सैला-"ohhh bro fuck me" तेज तेज चिल्ला रही थी सैला।
नैला-" ohhh my son मेरी चूत चाट, जल्दी से अपनी बहन को चोद कर मेरी चुदाई कर" तान्या और सूरज जैसे यह सुनते है और देखते हैं दोनों शर्म से पानी पानी हो जाते हैं, तान्या ने आज जीवन में पहली बार चुदाई करते हुए देखा था, अब तक सिर्फ चुदाई के बारे मे थोडा बहुत सुना था, तान्या को समझ नहीं आ रहा था की क्या करे, तान्या तुरंत चट्टान के पास खड़ी होकर जोर जोर से सांस लेमे लगती है तभी नैला की नज़र सूरज पर पड़ती है,नैला उठकर सूरज के पास आती है।
नैला-"hi सूर्या क्या तुम मुझे चोदोगे,ग्रुप सेक्स करोगे हमारे साथ"नैला सूरज से आकर बोलती है, बिलकुल नंगी हालात में,बूब्स तने हुए, गुलाबी चूत, सुरज का लंड खड़ा हो जाता है,लेकिन तान्या के कारण, घबरा कर जाने लगता है।
सूरज-" नो नो नो" सूरज तान्या का हाथ पकड़ कर चट्टान से भाग आते हैं, काफी दूर आने पर सूरज तान्या को देखता है जो बड़ी ही घबराई हुई और सहमी हुई थी, तान्या अपनी साँसे कंट्रोल करते हुए सूरज से बोली ।
तान्या-"सूर्या अब यहाँ से चल, यह बहुत गन्दी जगह है और यहाँ के लोग भी" तान्या इस बात से हैरान थी की एक माँ अपने बेटे से और एक बहन अपने भाई के साथ कैसे सेक्स कर सकती है, सूरज और तान्या बीच से चल देते हैं और होटल आ जाते हैं, तान्या पुरे रास्ते खामोश रही,सूरज भी खामोस था। रूम में आकर तान्या फ्रेस होकर आती है,सूरज भी फ्रेस होकर तान्या के पास सोफे पर बैठ जाती है ।
दोनों लोग खामोश थे,

तान्या और सूरज खामोस बैठे हुए थे, तान्या के दिमाग में अभी तक भाई बहन और माँ बेटा की चुदाई और उनकी अस्लील बातें घूम रही थी, तान्या ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था की एक बहन अपने भाई के साथ सेक्स कर सकती है, 
तान्या-"(मन ही मन सोचती है) नैला के बारे में सोचती है की कितने गंदे लोग हैं अमेरिका के, अपने ही घर में सेक्स, जिस माँ ने पैदा किया उसी के साथ सेक्स, और वो उसकी बहन कैसे उस लड़के के पेनिस पर बैठ कर उछल रही थी, और उस लड़के का पेनिस उसकी बहन की वेजिना में पूरा घुसा हुआ था, क्या बहन भाई में आपस में सेक्स करना उचित है, और उसकी माँ तो कितना गन्दा काम कर रही थी अपनी वेजिना अपने लड़के से चटवा रही थी, भला ये भी कोई चाटने की चीज है, कितनी गन्दी होती है वेजिना, वहां से पिसाब निकलती है और उसी को चटवा रही थी, कितने गंदे शब्द बोलकर सेक्स का आनंद ले रहे थे, और वो नैला तो सूरज से सेक्स करने का निमंत्रण दे रही थी और हम दोनों को ज्वाइन करने के लिए भी बोल रही थी, मुझे तो सेक्स के बारे में सोचकर ही डर लगता था आज अपनी आँखों से भी देख लिया,ओह्ह्ह्ह छी छी ये में क्या सोच रही हूँ, सूर्या भी खामोस है वो भी आज की घटना को सोच रहा होगा, कैसे बात करू सूर्या से समझ नहीं आ रहा है,सूर्या से सामान्य व्यवहार करना होगा मुझे ताकि वो मेरे साथ बोरियत महसूस न करे,जो गया सो हो गया इसमें सूर्या की क्या गलती,ऊसर थोड़ी न पता था की अमेरिका में इस प्रकार का खुले में लोग सेक्स करते हैं""


इधर सूरज भी यही सोच रहा था की तान्या दीदी ने इतना कुछ देख लिया,में ही दीदी को बीच पर लेकर गया,कहीं फिर से नाराज न हो जाए मुझसे, दीदी से माफ़ी मांग लेनी चाहिए मुझे । सूरज खामोसी तोड़ते हुए बोला ।
सूरज-" दीदी सॉरी, मुझे नहीं पता था की अमेरिका के बीच पर ऐसा भी होता है,बरना में आपको वहां कभी नहीं ले जाता" सूरज मायूस होते हुए बोलता है।
तान्या-"अरे कोई बात नहीं सूर्या,तू सॉरी क्यूँ बोल रहा है, इसमें तेरी कोई गलती नहीं है,गलती तो यहाँ की संस्कृति की है, कितने गंदे लोग हैं यहाँ के, एक माँ और एक बहन अपने बेटे और भाई के साथ इस तरह....... मैंने तो कभी सोचा भी नहीं था....." तान्या आवेश में आकर अपनी भड़ास निकालती हुई बोली ।
सूरज-" दीदी अमेरिका के सभी लोग ऐसे नहीं होते बस कुछ लोगों की बजह से पूरा अमेरिका बदनाम हो जाता है, अपना इंडिया भी कुछ कम नहीं है....." सूरज पूरी बात बोलना चाहता था की अब इंडिया में भी इन्सेस्ट सेक्स होने लगा है । चूँकि सूरज खुद भुक्तभोगी था,अपनी ही सगी बहन तनु और संध्या माँ के साथ सेक्स कर चूका था।
तान्या जैसे ही यह सुनती है की अपना इंडिया भी कुछ कम नहीं वो सोच में पड़ जाती है,इंडिया में भी बहन भाई और माँ बेटा आपस में सेक्स करते हैं।
तान्या-" क्या अपने इंडिया में भी ऐसा होता है, मुझे यकीन नहीं हो रहा है सूर्या" हैरानी से चोंकते हुए बोली।
सूरज-" हाँ दीदी यह सच है"
तान्या-"तुझे कैसे पता, तूने किसी को देखा है क्या?" अब सूरज परेसान हो जाता है की दीदी को कैसे बताए, की आजकल इंटरनेट के माध्यम से सब देखा और पढ़ा भी जा सकता है, सूरज ने कई बार इन्सेस्ट रिलेसन के बारे में सर्च करके पढ़ा है।
सूरज-" दीदी इस विषय को बंद कर दो,में आपको बता नहीं पाउँगा" तान्या यह सुनकर थोड़ी बैचेनी होती है, वो सबकुछ जानना चाहती थी, तान्या के दिमाग मे इन्सेस्ट सेक्स के बारे में जानने की उत्सुकता बढ़ गई थी, तान्या अब तक बिजनेस में रह कर सिर्फ क्रय-विक्रय ही सीख पाई थी,उसे दुनियादारी से कभी कोई मतलब ही नहीं रहा,आज पहली बार सूर्या के साथ रह कर उसने जीवन का दूसरा पहलु को महसूस किया था, 
तान्या-" ठीक है सूर्या, में तो बस थोड़ी हैरान थी , चल छोड़ इस बात को" तान्या का चेहरा लटका हुआ था, सूरज ने कभी तान्या के बारे में गलत नहीं सोचा।
सूरज-" दीदी एक बात पुछु?" 
तान्या-" हाँ बोल सूर्या" 
सूरज-"दीदी आपका कोई बॉय फ्रेंड नहीं बना आज तक" तान्या सुनकर चोंकती है।
तान्या-" नहीं सूर्या, कभी समय ही नहीं मिला, bf तो छोड़ मैंने कभी किसी लड़के को दोस्त तक नहीं बनाया" 
सूरज-"दीदी मुझे यकीन नहीं होता है,आप इतनी सुन्दर हो,कभी किसी लड़के ने आपको प्रपोज भी नहीं किया" अपनी तारीफ सुनकर खुश होती है।
तान्या-" प्रपोज तो दो तीन लड़को ने किया था मुझे स्कूल में,लेकिन मुझे इन सब बातों में डर लगता था,घर के हालात भी ठीक नहीं थे इसलिए हमेसा मेरा व्यवहार उखड़ा-उखडा सा रहता था" तान्या मायूस होती हुई अपने जीवन की कड़वी सच्चाई को याद करके बोली, 
सूरज-" घर के हालात कैसे थे दीदी,मेरी यादास्त जाने से पहले मेरा व्यवहार कैसा था दीदी" 
तान्या-"अब क्या बताऊँ सूर्या, तेरा अतीत कैसा था, तुझमे और उस सूर्या में जमीन आसमान का फर्क है, तेरी यादास्त जाने से पहले तू हमेसा मुझसे लड़ता रहता था, शराब पी कर झगड़ा,पेसे निकाल कर दोस्तों के साथ अय्यासी करता था, कई बार तो तूने शराब के नशे में मुझे बहुत मारा भी था,गन्दी गन्दी गालिया देता था, मेरी सहेली सोनिया,घर की नोकरानीयां और भी कई लड़कियों के साथ तूने जबरजस्ती दुराचार किया, सच कहूँ तो जब मुझे यह पता चला की शंकर डॉन ने तुझे मार दिया है,तब मुझे दुखी होने की जगह बड़ा सुकून मिला था, तेरे कारण ही में मानसिक तनाव में रहती थी" तान्या रोते हुए बोली, सूरज तान्या के पास जाकर तान्या को सीने से लगा लेता है, उसके आंसू पोछता है ।
सूरज-"दीदी चुप हो जाओ, रोते नहीं है,मुझे कुछ याद नहीं है दीदी,मुझे सुनकर बड़ा दुःख होता है की मैंने आपको कितना रुलाया है, बहुत दुःख दिया है न मैंने आपको, आज के बाद कभी आपको हर्ट नहीं करूँगा, में वादा करता हूँ दीदी,जितना आपको रुलाया है न उतना ही आपको प्यार और सम्मान करूँगा, आज के बाद आप हमेसा खुश रहोगी, में आपकी हर ख्वाहिश पूरी करूँगा दीदी" तान्या और सूरज दोनों गले लग कर काफी देर तक रोते हैं, तान्या सूरज को चुप कराती है।
तान्या-" आज में बहुत खुश हूँ सूर्या, बस तू अब हमेसा मेरे साथ रहना" 
सूरज-" दीदी मरते दम तक आपके साथ रहूँगा" 
तान्या-"सूर्या अब मुझे भूक लगी है,चलो खाना खाते हैं" 
सूरज-"दीदी चलो किसी रेस्टोरेंट में चलते हैं" 
तान्या-" ठीक है चलो" तान्या को भी घुमने में मजा आ रहा था।
सूरज और तान्या एक रेस्टोरेंट जाते हैं, रेस्टोरेंट में सभी वेटर अंग्रेजीन लड़की थी, इंडियन टूरिस्ट को देख कर सभी वेटर सूरज और तान्या को खाना लगाते हैं।
खाना खाने के बाद सूरज एक वेटर लड़की को बुलाता है और पेमेंट करता है और थेंक्स बोलता है।
लड़की वेटर-' Nice couples," लड़की मुस्करा कर चली जाती है,तान्या शर्मा जाती है,
तान्या-" उस लड़की ने हमें कपल्स क्यूँ बोला सूर्या" 
सूरज-"उसको क्या पता हम भाई बहन है, जो भी हम दोनों को देखेगा वो कपल्स ही समझेगा" तान्या शर्मा जाती है।
तान्या-" क्या लवर्स कपल्स ही साथ साथ घूम सकते हैं,रेस्टोरेंट में जा सकते हैं,भाई बहन नही?" 
सूरज-'भाई बहन भी जाते हैं घूमने,आप इतनी सुन्दर हो की कोई भी आपको मेरी बहन नहीं बताएगा,सब लोग आपको मेरी गर्ल फ्रेंड ही समझेंगे" 
तान्या-" ओह्ह्ह्ह क्या सच में हम दोनों कपल्स लगते हैं?'" 
सूरज-"हाँ दीदी" 
तान्या-"अच्छा सूर्या ये बता लड़कियां बॉय फ्रेंड क्यूँ बनाती हैं,मैंने तो आज तक बनाया ही नहीं?" सूरज सोच में पड़ जाता है की दीदी को क्या जवाब दे। 
सूरज-"दीदी छोडो न,इस सवाल का जवाब आप खुद सोचना" 
तान्या-"तूने तो बोला था की तू मेरा गुरु है,तो अब अपनी शिष्या को बता न लड़कीयां बॉय फ्रेंड क्यूं बनाती है?"

सूरज-" बॉय फ्रेंड एक दोस्त की तरह ही होता है,जिसे हम अपने दिल की हर बात कह सकें, उसके साथ घूमना फिरना,रेस्टोरेंट जाना,मूवी देखना यह सब लड़कियां अपने बॉय फ्रेंड के साथ ही जाती हैं" 
तान्या-"ओह्ह्ह इस लिए वेटर ने हमें nice coupls बोला था" 
सूरज-"हाँ दीदी" 
तान्या-" सूर्या तेरी कोई गर्ल फ्रेंड है क्या?" 
सूरज-"नहीं है दीदी" 
तान्या-" तूने अभी तक कोई गर्ल फ्रेंड नहीं बनाई, और मैंने भी कोई बॉय फ्रेंड नहीं बनाया है, वैसे सूर्या मुझे तो बॉय फ्रेंड बनाने की जरुरत ही नहीं है, जो काम बॉय फ्रेंड के साथ करती वो काम में तेरे साथ ही कर रही हूँ,घूमना फिरना,और अपने दिल की हर बात बताना, मुझे तो बॉय फ्रेंड की जरुरत ही नहीं है-" तान्या हँसते हुए बोली।
सूरज-"फिर भी दीदी आप एक बॉय फ्रेंड बना लो, और भी बहुत सारी बातें ऐसी होती हैं जो आप बॉय फ्रेंड से कह सकती हो,भाई से नही,और बहुत सी ख्वाहिसे बॉय फ्रेंड ही पूरा कर सकता है" 
तान्या-"मतलब कुछ और भी करते हैं बॉय फ्रेंड के साथ, मुझे तो बिलकुल जानकारी नहीं है सूर्या" 
सूरज-" दीदी आपने प्यार के बारे में नहीं सुना है,गर्ल फ्रेंड बॉय फ्रेंड एक दूसरे को किस्स भी करते हैं" 
तान्या-"किस्स तो में भी तुझे रोज करती हूँ और तू भी मुझे करता है" 
सूरज-" दीदी अब में कैसे बताऊँ आपको की एक पति पत्नी वाले हर काम बॉय फ्रेंड के साथ कर सकते हैं" 
तान्या-"मतलब?"
सूरज-" वही काम जो आज बीच पर सैला और लकी कर रहे थे" 
तान्या-"सेक्सक्सक्स" तान्या हैरान होती हुई बोली।
सूरज-"हाँ दीदी बॉय फ्रेंड गर्ल फ्रेंड सेक्स भी करते हैं,यदि उनका मन हुआ तो" तान्या तो सोच में पड़ जाती है, 
तान्या-"सूर्या अब बहुत रात होती जा रही है होटल चलते हैं" तान्या बात को टालते हुए बोली। दोनों लोग होटल आ जाते हैं, सूरज फ्रेस होकर लोअर पहन कर बेड पर बैठ जाता है,तान्या भी अपने कपडे लेकर बाथरूम में जाती है,और अपने सारे कपडे उतार देती है,ताकि लोअर और टीशर्ट पहन सके,तान्या जैसे ही पेंटी उतारती है तो देखती है उसकी चूत से बहुत सारा पानी निकला हुआ था, इसकी चूत पूरी तरह से गीली थी और पेंटी भी भीग चुकी थी, तान्या हैरान थी की इतना पानी कैसे निकला है। तान्या चूत धोकर लोअर और टीशर्ट पहनती है और रूम में आकर बेड पर लेट जाती है, सूरज भी तान्या के बगल में लेट जाता है।

तान्या और सूरज दोनों अपनी अपनी सोच में डूबे हुए थे।

तान्या और सूरज दोनों बेड पर लेट कर अपनी अपनी सोच में डूबे हुए थे, रात के 8 बज रहे थे,जबकि रात के 11 बजे से पहले न तो सूरज कभी सोता है और न तान्या, दोनों के मन में आज सुबह से लेकर शाम तक की घटनाचक्र का क्रम चल रहा था, 
सूरज जब नैला और उसके परिवार की चुदाई के बारे में सोचता तो लंड झटके मारने लगता, सूरज की इच्छा थी आज हेलिना की चूत और गांड मारने जाए,लेकिन तान्या के डर से उसकी हिम्मत नहीं पड़ रही थी, सूरज करवटे बदल रहा था, इधर तान्या भी अपने जीवन में पहली बार चुदाई देखने के बाद उसका ध्यान सेक्स पर था, तान्या सेक्स के बारे में बस थोडा सा जानती थी की लंड को चूत में डालने से बच्चा पैदा होता है,इससे अधिक कुछ नहीं, तान्या के दिमाग में एक डर था की छोटी सी चूत में इतना बड़ा लंड कैसे घुस जाता है, कितना दर्द होता होगा, लेकिन आज लकी और सैला की आनंदमय चुदाई देख कर उसे पहली बार यह महसूस हुआ की सेक्स में आनंद भी आता है, तान्या के मन में सेक्स को लेकर हजारो सवाल थे लेकिन पूछे किससे,न कोई सहेली और न कोई बॉय फ्रेंड,सूर्या से अब बहुत घुलमिल गई थी लेकिन सवाल उससे भी नहीं पूछ सकती थी चूँकि वो भाई था।
तान्या सोचती है क्यूँ न एक बॉय फ्रेंड बना लिया जाए जो सूर्या की तरह खूबसूरत हो और मेरी फीलिंग को समझने बाला हो।
लेकिन ऐसा बॉय फ्रेंड मिलेगा कहाँ,क्या सूर्या मेरी मदद करेगा, सूर्या से इस बारे में बात करना उचित रहेगा। सूर्या ही है जो मुझे सही सलाह दे सकता है। तान्या सूर्या से बात करने के बारे में सोचती है, 
तान्या सूरज की ओर देखती है जो आँखे खोले किसी सोच में डूबा हुआ था।
तान्या-" सूर्या क्या सोच रहा है?" सूरज एक दम अपनी सोच से बाहर निकल कर आता है ।
सूर्या-"कुछ नहीं दीदी,क्या हुआ आप अभी तक सोई नहीं?" 
तान्या-"अभी नींद नहीं आ रही है सूर्या,तो सोचा तुझसे बात ही कर लू, तुझे नींद तो नहीं आ रही है ?" 
सूरज-"नहीं दीदी में 12 बजे से पहले नहीं सोता हूँ,बोलो क्या हुआ?" तान्या सोचने लगती है।तान्या हिचकिचाते हुए बोलती है।
तान्या-" ब ब बॉय फ फ्रेंड" बहुत हिचकिचा रही थी।
सूरज-"क्या बॉय फ्रेंड,साफ़ साफ़ बोलो दीदी"
तान्या-" सूर्या में बॉय फ्रेंड बनाना चाहती हूँ" सूरज को झटका सा लगता है।
सूरज-" दीदी किसे बनाना चाहती हो, कोई लड़का है क्या जिसे आप चाहती हो?" 
तान्या-"नहीं सूर्या अभी तो ऐसा कोई लड़का नहीं है,में चाहती हूँ तू कोई लड़का देख" 
सूरज-' दीदी कैसा लड़का पसंद है आपको?" 
तान्या-"तेरी तरह ही हो, जो मेरा हमेसा ध्यान रखे" सूरज सोच में पड़ जाता है।
सूरज-"दीदी बॉय फ्रेंड बनाया नहीं जाता बल्कि खुद बन जाता है,यदि कोई लड़का आपको पसंद हो तो आप उसे प्रपोज कर दो" 
तान्या-" ऐसा कोई लड़का नहीं है जो मुझे पसंद हो,मैंने कभी किसी के बारे में सोचा ही नहीं अभी तक"
सूरज-" दीदी आप शादी क्यूँ नहीं कर लेती, मेरे हिसाब से अब तक आपकी शादी हो जानी चाहिए" 
तान्या-" नहीं सूर्या मुझे अभी शादी नहीं करनी,मुझे शादी से डर लगता है" सूरज चोंक जाता है की शादी से कैसा डर, कहीं दीदी को कोई परेसानी तो नहीं है,या सेक्सुअल प्रॉब्लम तो नहीं है।
सूरज-"डर कैसा डर लगता है दीदी, जबकि हर लड़की का सपना होता है की उसकी शादी हो, बच्चे हो,प्यारा परिवार हो" 
तान्या-" पता नहीं क्यूँ लेकिन में अभी शादी के लिए तैयार नहीं हूँ" 
सूरज-"दीदी आप 25 साल की हो चुकी हो, यदि 21 साल की उम्र पर आपकी शादी हो गई होती तो 4 बच्चे आपकी गोद में खेल रहे होते" 
तान्या-"धत् पागल कैसी बात करता है, बच्चों के नाम से ही तो डर लगता है" तान्या शरमाते हुए बोली।
सूरज-" शादी के बाद आप बच्चा नहीं चाहती हो क्या दीदी,डर किस बात का लगता है आपको, कोई परेसानी है तो बताओ डॉक्टर को दिखा देंगे" 
तान्या-"नहीं सूर्या प्रॉब्लम कुछ नहीं है, बच्चे भी मुझे पसंद है लेकिन अभी डर सा लगता है, 
बच्चे....मेरे बस की बात नहीं" तान्या की धड़कन बडी तेजी से धड़क रही थी,एक एक शब्द बोलने में उसे बड़ी कठिनाई हो रही थी। 
सूरज-"दीदी कोई परेसानी हो तो मुझे बताओ, अगर मुझे नहीं बता पा रही हो तो माँ को बता देना"
तान्या-" नहीं सूर्या मुझे कोई परेसानी नहीं है, में ठीक हूँ" तान्या की हिम्मत नहीं हो रही थी, सच बात बताने की, आखिर वो कैसे बताती की ऊसे सम्भोग में होने बाले दर्द के कारण शादी नहीं करना चाहती और यदि सम्भोग ही नहीं करेगी तो बच्चा कैसे होगा, 
सूरज-"दीदी फिर आप बॉय फ्रेंड क्यूँ बनाना चाहती हो, बॉय फ्रेंड इसलिए बनाते है ताकि एक दूसरे को अच्छी तरह जान ले और शादी कर ले" 
तान्या-"बॉय फ्रेंड तो में सिर्फ बात चीत करने के लिए बनाना चाहती हूँ" 
सूरज-"क्या बातचीत, सिर्फ बात चीत" सूरज हैरान होते हुए पूछता है।
तान्या-" हाँ हाँ सिर्फ बातचीत और कुछ नहीं" तान्या हँसते हुए बोलती है,तान्या समझ जाती है सूर्या के दिमाग में क्या चल रहा है, 
सूरज-"ओह्ह्हो दीदी मुझे तो कुछ और ही लगा" इस बार सूर्या हँसते हुए बोलता है।लेकिन तान्या चोंक जाती है।
तान्या-" में जानती हूँ तू क्या सोच रहा है, उसके लिए नहीं" तान्या मुस्कराती और शर्माती हुई बोली।
सूरज-"फिर आपको बातचीत के लिए बॉय फ्रेंड बनाने की क्या जरुरत है, बातचीत तो आप मुझसे भी कर सकती हो" तान्या चोंकती है की अब सूर्या को कैसे बताएं की सेक्स से सम्बंधित जानकारी के लिए बॉय फ्रेंड बनाना चाहती हूँ।
तान्या-" नहीं सूर्या मुझे शर्म आती है तुझसे पूछने में" 
सूरज-" दीदी आपको बोलने में शर्म आती है तो आप व्हाट्सअप पर लिख कर पूछ सकती हो, यदि आप बाहर किसी लड़के को बॉय फ्रेंड बनाओगी तो हो सकता है वो आपका नाज़ायज़ फायदा उठाए, दीदी आप सूर्य कंपनी की मालकिन और डारेक्टर हो, कोई भी आपको बदनाम भी कर सकता है" 
तान्या-'हाँ सूर्या ये बात ठीक है बाहरी लड़का मुझे बदनाम कर सकता है, कल घर चल कर में सोच कर बताउंगी तुझे"
सूरज-"कया सोच कर बताओगी दीदी?"
तान्या-"व्हाट्सअप पर तुझसे बातचीत" 
सूरज-"ओके मेरी प्यारी दीदी" सूरज तान्या के माथे पर एक किस्स करता है, तान्या बड़ा अच्छा लगता है,आज पहली बार सूरज के किस्स करने से उसे अच्छा सा फील हुआ, तान्या भी एक किस्स करती है,तभी दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी। 
सूरज दरवाजा खोलता है तो देखता है सामने हेलिना खड़ी थी,हेलिना सूरज को देख कर एक आँख मारती है और अंदर आ जाती है।
हेलिना-"अरे आप लोग इतनी जल्दी सो गए,अभी तो 9 बज रहें हैं" 
तान्या-"आंटी जी हम लोग बस बातें ही कर रहे थे,अभी सोए नहीं, बताइए आंटी जी क्या बात है" 
हेलिना-" में पब में जा रही थी तो सोचा तुम्हे भी ले चलू, पब इसी होटल में हैं,चलो मेरे साथ" 
तान्या-"चलो में भी चलती हूँ,मैंने कभी पब नहीं देखा है,
सूर्या चलो" सूरज पेंट पहन लेता है और ऊपर टीशर्ट पहने हुए था,तान्या भी बाथरूम जाकर अपना लोअर उतार देती है, 
तान्या ने पेंटी नहीं पहनी हुई थी चूँकि पेंटी बहुत टाइट थी, तान्या चूत पर हाथ फिराती है तो देखती है उसकी चूत गीली थी, तान्या समझ नहीं पा रही थी की उसकी चूत बार बार गीली क्यूँ हो रही है, तान्या चूत को साफ करके स्कर्ट पहन लेती है, जो उसकी जांघो तक ही थी,अंदर पेंटी नहीं पहनटी है, ऊपर टीशर्ट पहनी हुई थी, तान्या तैयार होकर सूरज और हेलिना के साथ निकल जाती है पब में, पब में घुसते ही तान्या देखती है की अंदर अँधेरा सा था, डिस्को बाली लाइट म्यूजिक के साथ जल रही थी, और कई लड़के और लड़कियां डांस कर रही थी,
सभी लड़कियां शराब पी हुई थी,कुछ लड़कियां और लड़के बैठ कर शराब पी रहे थे, हेलिना सूरज और तान्या को लेजाकर एक टेवल पर बिठा देती है और खुद शराब का एक प्याला लेकर पी जाती है और डांस करने लगती है, तान्या और सूरज लोगों को देख रहे थे जो मस्ती में झूम रहे थे और नाच रहे थे। हेलिना सुरज को ले जाती है और डांस करने लगती है, सूरज भी हेलिना के साथ नाचने लगता है, तान्या यह देख हँस रही थी। तभी सूरज तान्या को लेकर जाता है ।
तान्या-"सूर्या मुझे डांस नहीं आता है"
सूरज-"डांस तो मुझे भी नहीं आता है दीदी, एक बार कोसिस करके तो देखो" 
सूरज तान्या का हाँथ पकड़ कर स्लो मोसन में नाचने लगता है, तान्या अपने हाँथ सूरज के कंधे पर रख देती है और सूरज अपने हाँथ तान्या की कमर पर,दोनों लोग एक दूसरे की आँखों में देखते हैं, सूरज के हाँथ कमर पर होने के कारण तान्या की चूत गीली होने लगती है जिसका अहसास तान्या को होता है, तान्या थोड़ी देर नाचने के बाद चली जाती है और कुर्सी पर बैठ जाती है, हेलिना शराब की एक बोतल और तीन ग्लास लेकर आती है, हेलिना तीन पैक बनाती है और एक तान्या को दे देती है।
तान्या-"आंटी में शराब नहीं पीती हूँ"
हेलिना-"यह शराब नहीं है विंटेज विस्की है" हेलिना जबरजस्ती तान्या को एक पैक पिला देती है,सूरज डांस कर रहा था, हेलिना सूरज को भी पिला देती है,और नाचने लगती है, हेलिना सूरज से चिपक कर डांस कर रही थी,हेलिना के बड़े बूब्स सूरज के सीने से दब रहे थे, हेलिना नाचते नाचते सूरज का लंड सहला देती है,तान्या यह देख हैरान रह जाती है क्योंकि सूरज कोई विरोध नहीं कर रहा था, हेलिना और सूरज को यह लगता है की अँधेरे में तान्या कुछ देख नहीं पाएगी, तान्या को हेलिना से बड़ी जलन हो रही थी,गुस्से में टेवल पर रखा एक और पैक पी लेती है, तान्या को फूल नशा हो जाता है,हेलिना की तरफ गुस्से में देख रही थी,तभी हेलिना सूरज की पेंट की चैन खोल देती है और लंड को मसलने लगती है, तान्या कुर्सी से उठ कर लडखडाती हुई सूरज के पास जाती है,सूरज देख लेता है सुर तुरंत हेलिना को हटा कर पेंट सही कर लेता है। तान्या नशे में झूम रही थी,सूरज तान्या का हाथ पकड़ लेता है।
तान्या-"सूर्या यहाँ से चल अब" और नशे में बेहोस सी होने लगती है, सूरज तान्या को कंधे का सहारा देकर अपने रूम तक ले जाता है और बेड पर लेटाता है तभी तान्या की स्कर्ट पेट पर आ जाती है और उसकी चूत साफ़ दिखने लगती है, तान्या की चूत एक दम साफ़ थी,क्योंकि अमेरिका आने से पहले ही उसने चूत के बाल साफ़ किए थे,एक दम गोरी और भूरि चूत को देख कर सूरज का लंड झटके मारने लगता है,आज पहली बार तान्या की चूत देख कर सूरज का मन करता है की चूत चाट लू, सूरज तान्या की चूत को पास आकर देखता है तो उसे चूत से निकलता सफ़ेद पानी दिखाई देता है, सूरज बड़े गोर से देखता है । फिर नाक को पास ले जाकर सूंघता है,तभी सूरज को अपनी गलती का अहसास होता है, तान्या नशे में बेशुध लेटी हुई थी,सूरज को डर था की कहीं दीदी जाग न जाए, सूरज बेड पर पडा तान्या का लोअर पहना देता है, और स्कर्ट उतार देता है, ताकि उसका मन न भटके, सूरज बॉथरूम जाकर खुद पेंट उतार देता है, और अपना लोअर पहन कर बेड पर आकर तान्या के पास सो जाता हैं।

सुबह 6 बजे तान्या की आँख खुलती है
और अपने आपको देखती है तो हैरान रह जाती है,
तान्या अपनी स्कर्ट को देखती है जो पास में 
पड़ी थी,और लोअर पहनी हुई थी,
तान्या सोचने लगती है की मुझे यह लोअर
किसने पहनाया और क्यूँ,तभी तान्या को याद आता है
की रात उसने पेंटी भी नहीं पहनी थी,
होसकता है रात में मेरी स्कर्ट ऊपर हो गई हो
और सूरज ने देख लिया हो,उसी ने मुझे लोअर
पहना दिया होगा, रात शराब पीने के कारण
मुझे तो होश ही नहीं था, 
तान्या को बहुत शर्म आ रही थी,सूरज ने मुझे
ऐसे हालात में देख लिया,और लोअर भी पहना दिया।
सूरज क्या सोच रहा होगा मेरे बारे में,तभी 
तान्या सूरज को ओर देखती है जो
सो रहा था, तभी तान्या की नज़र सूरज के 
लोवर पर जाती है,उसका लंड खड़ा हुआ था,
लोअर में टेंट बना हुआ था......

तान्या सूरज की लोअर की तरफ देखती है तो उसकी धडकन तेज हो जाती है,लोअर में सुरज का लंड विकराल रूप से तना हुआ था, तान्या अपने मन में सोचने लगती है की कितना बड़ा पेनिस है सूर्या का, वेजाइना (चूत) में इतना बड़ा कैसे घुस जाता होगा, तान्या नजदीक से आकर सूर्या का टेंट देखने लगती है, लंड से वीर्य रिसने के कारण धब्बा पड़ गया था, तान्या समझ जाती है की लंड से निकलने बाला रसायनिक पदार्थ का धब्बा है ये,ऐसा तो नहीं रात सूर्या ने मेरी वेजिना देख ली उसी के कारण इसका पानी निकल गया हो, लेकिन में तो इसकी बहन हूँ, क्या मेरी वेजिना देख कर सूर्या का पेनिस खड़ा हुआ होगा, अमेरिका में तो भाई बहन आपस में सेक्स कर लेते हैं, और सूर्या ने बताया की अब तो इंडिया में भी भाई बहन आपस में सेक्स करते हैं, सूर्या ने जरूर किसी भाई बहन का सेक्स देखा होगा तभी बता रहा होगा, यह सोचते सोचते तान्या की चूत से पानी रिसने लगता है, जिसके कारण उसके लोअर पर चूत वाला स्थान गीला हो जाता है, तान्या जब अपना लोअर देखती है तो मन में कहती है आज मेरी वेजिना को क्या हो गया है,सुबह से ही बह जा रही है, क्या में सेक्स की तरफ आकर्षित होती जा रही हूँ, तान्या काफी देर तक सोचती रहती है,और बॉथरूम में जाकर फ्रेस होकर आ जाती है, सूरज भी जग जाता है और तान्या को गुड़ मॉर्निंग बोलता है। सूरज को रात वाली घटना याद आती है, तान्या की चूत को काफी देर तक निहारा था और सुंघा भी था,सूरज का लंड झटके मारने लगता है, सूर्या जल्दी से बाथरूम जाता है और नहा धोकर फ्रेस हैकर बाहर आता है ।
तान्या कोफ़ी और नास्ता मंगवा चुकी थी, दोनों लोग नास्ता करके फ्री हो जाते हैं।
तान्या रात वाली बात पूछना चाहती थी लेकिन कैसे पूछे यही सौच सोच कर परेसान थी । लेकिन तान्या हिम्मत जुटा कर बोल ही देती है।
तान्या-" सूर्या मुझे तुझसे कुछ बात करनी है?" सूरज को घबराहट होती है, वो समझ जाता है दीदी रात की बात पूछेगी।
तान्या-"ह ह हा दीदी बोलो" घबराहट के कारण हकला जाता है।
तान्या-" अरे तू इतना घबरा क्यूँ रहा है" तान्या सूरज का चेहरा देख कर मुस्करा देती है,सूरज का डर कम हो जाता है।
सूरज-" नहीं दीदी घबरा नहीं रहा हूँ" 
तान्या-" में यह पूछना चाहती हूँ, तूने रात में मुझे लोअर पहनाया था?" तान्या बेझिझक बोल देती है,सूरज तो पहले से ही जानता था की दीदी क्या पूछेंगी।
सूरज-" दीदी आप बहुत नशे में थी,आपकी स्कर्ट ऊपर हो गई थी, और आपने पेंटी भी नहीं पहनी थी" सूरज शर्माता हुआ बोला।तान्या भी पेंटी वाली बात सुनकर शर्मा जाती है। 
तान्या-"हाँ मेने रात पेंटी नहीं पहनी थी, मेरी नई पेंटी बहुत टाइट है इसलिए ऐसे ही चली गई थी, ओह्ह्ह सूर्या मुझे तो बड़ी शर्म आ रही है तूने मुझे कल रात बिलकुल नंगी देख लिया, मुझे रात शराब नहीं पीनी चाहिए थी" 
सूरज-" हाँ दीदी शराब पिने के कारण आप बेहोश सी थी, आपको बिलकुल होश नहीं था, आपकी स्कर्ट पेट पर थी, तो मैंने लोअर पहना दिया" 
तान्या-" चल कोई बात नहीं तू मेरा छोटा भाई ही तो है, अच्छा एक बात पुछु तुझसे" 
सूरज-"हाँ दीदी बोलो" 
तान्या-" हेलिना आंटी पब में तेरे साथ क्या कर रही थी?" तान्या के इस सवाल से सूरज घबरा जाता है।
सूरज-" डांस ही तो कर रही थी, और कुछ नहीं" 
तान्या-"झूठ मत बोल सूर्या, घबरा मत में कुछ नहीं कहूँगी तुझसे" 
सूरज समझ चूका था दीदी ने रात हेलिना की हरकत देख ली है,अब झूठ बोलने से कोई फायदा नहीं है।
सूरज-" दीदी मुझे शर्म आ रही है आपके सामने कैसे बोलू, आपने देख लिया था? 
तान्या-"हाँ मैंने देखा था हेलिना का एक हाथ तेरी पेंट के अंदर था और हाथ हिल रहा था,लेकिन वो इस तरह क्या कर रही थी" 
सूरज अब बिना शर्म किए बोल ही देता है।
सूरज-" वो मेरा हिला रही थी" तान्या समझ नहीं पाती है।
तान्या-" क्या हिला रही थी, साफ़ साफ़ बोल न" 
सूरज-" वो मेरा पेनिस हिला रही थी" इस बार सूर्या एक सांस में बोल देता है,तान्या पेनिस शब्द सुनकर शर्मा जाती है, लेकिन तान्या को अभी भी नहीं पता था की पेनिस क्यूँ हिलाते हैं।
तान्या-" ओह्ह्हो छी कितना गन्दा काम कर रही थी और तूने कोई विरोध भी नहीं किया, तुझे दर्द नहीं हुआ उसने जब ऐसा किया" तान्या बेचारी सीधी साधी उसे क्या पता हिलाने से दर्द नहीं मजा आता है।
सूरज-" दीदी हिलाने से दर्द नहीं होता है, हर लड़का अपनी कामाग्नि को शांत करने के लिए हिलाता है, इसे मुठ मारना भी कहते हैं और अंग्रेजी भाषा में masturbation कहते है" तान्या यह सुनकर हैरान रह जाती है, उसे यह बात बिलकुल पता नहीं थी।तान्या की चूत में अचानक सरसराहट पैदा हो गई थी,उसे अब इन बातों के बारे में सुनना बहुत अच्छा लग रहा था।
तान्या-" क्या तू भी हिलाता है हाँथ से?"
सूरज-"दीदी इस विषय को बंद कर दो,मुझे शर्म आ रही है आपको बताने में" 
तान्या-" भूल गया तू मेरा गुरु है और अपनी शिष्या की जिज्ञासा को शांत करना हर गुरु का फर्ज है, सूर्या मेरे मन में कई सवाल है उन सवालो को किसी और से में पूछ नहीं सकती हूँ, एक तू ही तो है जिससे में बात कर साकती हूँ" 
तान्या के सीधे सवाल सुनकर सूरज हिल जाता है,लेकिन तान्या की बात भी उसे ठीक लगती है,आखिर अपने सवालो के जवाब किससे पूछेगी वो,सूरज सोफे पर बैठा था और सामने तान्या बेड पर उकडू बैठ कर सूरज की बातों को ध्यान से सुन रही थी,सूरज की नज़र तान्या की टांगो के बीच में चली जाती है,चूत बाली जगह लोअर गीला हो गया था, सूरज समझ जाता है दीदी की चूत पानी छोड़ रही है। 
सूरज-" हाँ दीदी करता हूँ कभी कभी?" तान्या यह सुनकर शरमा जाती है।
तान्या-"अच्छा सुर्या यह बता यह काम करते क्यूँ है,मतलब हिलाते क्यूँ हैं?" सूरज अब बिना जिझक बोलने लगता है।
सूरज-" जब सेक्स करने का मन होता है तो हाँथ से हिला कर लड़के मजा ले लेते हैं, जिन लड़को की शादी हो जाती है या उनकी गर्ल फ्रेंड होती है वो सेक्स कर लेते हैं उनको हिलांना नहीं पड़ता" तान्या बड़े गोर से सुनती है, तभी तान्या मुस्करा कर बोलती है।
तान्या-"अच्छा इसका मतलब तेरा मन सेक्स करने के लिए करता है इसलिए तू हिलाता है" 
सूरज-"हाँ दीदी, लेकिन यह काम तो लड़कियां भी करती हैं"तान्या यह सुनकर चोंकती हैं।
तान्या-"लड़कियां कैसे करेगी इस काम को, वो क्या पकड़ कर हिलाएगी?" 
सूरज-"लड़कियां ऊँगली करती है" तान्या हैरान रह जाती है क्योंकि उसने तो कभी ऊँगली की ही नहीं।
तान्या-"क्या ऊँगली करती हैं,जब सेक्स करने का मन होता है तब" 
सूरज-"हाँ दीदी, आप नहीं करती हो कभी" तान्या अब तक काफी हॉट फील कर रही थी,जीवन में पहली बार उसे कुछ कुछ हो रहा था,जो बड़ा आनन्दायक लग रहा था तान्या को ।
तान्या-" नहीं सूर्या मैंने आज तक ऐसा कभी नहीं किया" 
सूरज-" दीदी आपको सेक्स करने का मन नहीं करता कभी" 
तान्या-'अब तक तो कभी नहीं किया लेकिन कल से पता नहीं क्यूँ बड़ा अजीब सा लग रहा है मुझे" 
सूरज-"दीदी कल आपने नैला और लकी को सेक्स करते देखा तो कुछ अजीब सा महसूस किया आपने" सूरज का लंड जोर जोर से झटके मार रहा था,लोअर में तम्बू बन गया था जिसे तान्या देख लेती है।
तान्या-"नहीं सूर्या मुझे कुछ भी महसूस नहीं हुआ,क्या कोई कमी है मुझमे" घबराती हुई बोली।
सूरज-" कमी तो नहीं है दीदी,अगर कमी होती तो आपका पानी नहीं निकलता वहां से, स्खलन तो रहा है आपको" सूरज तान्या की चूत की ओर इशारा करते हुए बोला,तान्या यह देख शर्मा जाती है।
तान्या-"धत् बेशरम अपनी दीदी की ओर इशारा कर रहा है" 
सूरज-" दीदी अब शर्म कैसी आप मेरी शिष्या हो तो सटीक जानकारी तो देनी ही पड़ेगी,रात भी आपके वहां से पानी निकल रहा था" 
तान्या-"तूने देखा था पानी निकलते हुए,पता नहीं कल से ही ये प्रॉब्लम हुई है,किसी डॉक्टर को दिखाना पड़ेगा क्या?" 
सूरज-" दीदी डॉक्टर की जरुरत नहीं है, एक बार आप ऊँगली कर लो,सारा पानी एक बार में ही निकल जाएगा,फिर बार बार नही निकलेगा" तान्या शर्मा जाती है।
तान्या-"नहीं सूर्या मुझे डर लगता है, ऊँगली जाएगी तो दर्द होगा" 
सूरज-"दीदी शादी के बाद क्या करोगी आप जब पेनिस अंदर जाएगा, आप अपना डर अभी ख़त्म कर लो तो अच्छा है बाद में परेसानी होगी,ऊँगली तो फिर भी छोटी होती है अन्य लड़कियां तो केला,मूली गाजर और पता नहीं क्या क्या डालती हैं" 
तान्या-" नहीं सूर्या मुझसे नहीं होगा यह, मुझे डर लगता है" 
सूरज-"दीदी ऊँगली करने में तो मजा आता है,आप बाथरूम में जाकर एक बार ऊँगली करके आओ,बरना आपका लोअर ऐसे ही गिला होता रहेगा" तान्या शर्मा रही थी,लेकिन फिर कुछ सोच कर बाथरूम में चली जाती है,लोअर उतार कर कमोड पर टाँगे फेला कर चूत को मसलती है, चूत की फांको को सहलाती है,तान्या को हल्का हल्का सुरूर चढ़ता है, तान्या होले होले चूत को रगड़ती है,चूत से लगातार पानी रिस रहा था, तान्या अपनी एक ऊँगली आराम से चूत में घुसेड़ती है,उसे ऐसा लगा जैसे लंड घुसेड़ दिया हो,तान्या घुसेड़ती है फिर निकालती है ऐसा कई बार करने से उसे मजा आने लगता है, तान्या जोर जोर से ऊँगली अंदर बाहर करने लगती है, तान्या तेज तेज सिसकियाँ लेती है, कभी चिल्लाती है, बाहर खड़ा सूरज सब सुन रहा था। सूरज बाथरूम के दरबाजे के बाहर से ही बोलता है।

सूरज-" दीदी कैसा लग रहा है आपको, 
तान्या सूरज की बात सुनकर बोलती है,तान्या की सिसकियाँ बड़ी तेजी से चलने लगती है,कभी कभी उत्तेजना के मारे कमोड पर गांड उछाल देती थी।
तान्या-"ह ह हाँ सच कहा सूर्या बहुत मममजा अ अ आ रहा ह ह है,मुझे कुछ हो रहा ह है सूर्यआआ" तान्या झड़ जाती है,चूत से पानी की पिचकारी छुट्ती है, बहुत सारा पानी निकलता है,ऐसा लग रहा था, तान्या मूत रही हो। तान्या का जिस्म ठंडा पड़ने लगता है, तान्या पानी से साफ़ करती है अपनी चूत और टाँगे,सूरज का लंड झटके मार रहा था, सूरज भी मुठ मारे बिना नहीं रह पाएगा ऐसा उसे लगता है। तान्या बाथरूम से निकलती है,पसीना से लथपथ होती है। 
सूरज और तान्या की नज़रे मिलती है,तान्या शरमा जाती है।
सूरज-" दीदी मजा आया न, अब जब भी आपका मन करे तब कर लिया करो"
तान्या-" मुझे लगता था की दर्द होता होगा,पर बाकई में बहुत अच्छा लगा, वास्तव में तू एक अच्छा गुरु है" 
सूरज-" मान गई न,अब मुझे बाथरूम जाने दो,मेरा भी मन कर रहा है बहुत" सूरज हँसते हुए बोलता है,तान्या सूरज के लंड की तरफ देखती है जो पूरा खड़ा हुआ था, 
तान्या-"ओह्ह्हो जा जल्दी से कर ले" 
सूरज-" क्या कर लू दीदी" सूरज मजाक करते हुए बोलता है।और हँसाने लगता है।
तान्या-" इसको हिला कर शांत कर ले" तान्या सुरज के खड़े लंड की ओर इशारा करती है,लोअर में तम्बू बना हुआ था,सूरज जैसे ही बाथरूम में घुसता है तो फिसल जाता है,सूरज फर्स पर पड़े पानी को हाँथ से छु कर देखता है,गाड़ा और चिपचिपा पानी पड़ा हुआ था,सूरज समझ जाता है की यह तान्या की चूत से निकलने बाला कामरस है, बाथरूम का दरबाजा खुला हुआ था, तान्या भी सूरज को फिसलता देख दौड़ कर आती है।
सूरज-"दीदी यह आपकी चु... सॉरी वेजिना से निकला हुआ पानी है,बहुत चिपचिपा और गाढ़ा है इसलिए फिसल गया" सूरज हाँथ पर लगे चूतरस को दिखाते हुए बोला। सूरज के द्वारा चूत बोलने पर शर्मा जाती है, सूरज भी चूत शब्द पूरा म बोलकर वेजाइना बोल देता है। 
तान्या-"ओह्ह सॉरी सूर्या साफ़ करना भूल गई, तू हाँथ धो ले ये गन्दा होता है" 
सूरज-" दीदी यह गन्दा नहीं होता है,लड़को को यह पानी बहुत पसंद है, इसी पानी से में अपने पेनिस की मसाज करूँगा, मुझे झड़ने में आसानी होगी" तान्या हैरान रह जाती है।
तान्या-"ओह्हो सूर्या ऐसा मत कर तेरे इंफेक्सन हो सकता है" सूरज एक नहीं सुनता है,बाथरूम का दरबाजा बंद करके लोअर से लंड को आज़ाद करता है और तान्या के चूतरस अपने लंड पर लगा कर मसाज करता है,और तेज तेज मुठ मारने लगता है, तान्या का चूतरस सुरज की उत्तेजना बढ़ा देता है और कुछ ही देर में झड़ जाता है,और सफाई करने के बाद रूम में आता है । इधर तान्या की चूत फिर से फड़कने लगती है।सूरज भी पसीने से लथपथ था, और सोफे पर लेट जाता है ।
सूरज लेटे लेटे थोड़ी देर सो जाता है, दोपहर के 12 बज जाते हैं। सूरज उठता है और फोन से खाना मंगबा लेता है, तान्या और सूरज खाना खाते हैं । 
सूरज-"दीदी आज बीच पर चलें, आज नहाने का मन कर रहा है" 
तान्या-"तू नहा लेना,में नहीं नहाउंगी,मुझे शर्म आती है पेंटी ब्रा में नहाते हुए" 
सूरज-"दीदी मुझसे कैसी शर्म, में तो आपको बिलकुल नंगा भी देख चूका हूँ" 
तान्या-" लेकिन वहां और भी तो लोग होंगे, सबके सामने मुझे शर्म आएगी सूर्या, प्लीज़ में वहां सबके सामने नहीं ब्रा पेंटी पहन कर नहा पाउंगी" 
सूरज-"कोई नहीं दीदी,फिर रहने दो" सूर्या मायूस होकर बोलता है।
तान्या-" तू नहा लेना सूर्या, में सिर्फ देखूंगी तुझे नहाते हुए" 
सूरज-"दीदी मेरा मन तो आपको पेंटी ब्रा में देखने का था" 
तान्या-'ओह्ह सूर्या मेरी ब्रा और पेंटी तो बहुत छोटी हैं, उन्हें तो पहनने का मन ही नहीं करता" 
सूरज-"लेकिन दीदी उसने तो ब्रा और पेंटी आपके साइज़ की दी थी,34 30 34 साइज़ था आपका, लगता है आपकी चूचियों का साइज़ बढ़ गया होगा" 
तान्या-"धत् पागल चूचियाँ बोलता है तुझे शर्म नहीं आती,बाथरूम में भी तूने चू बोला था,में समझ गई थी तू क्या बोलना चाहता था" 
सूरज-"ओह्ह्ह दीदी इनको चूचियाँ ही बोलते हैं और इसको चूत" 
तान्या-"ओह्ह्ह कितना गन्दा बोलता है तू,पक्का बेशरम है तू सूर्या, चूची को बूब्स और चूत को वेजिना बोला कर, तू अपने पेनिस को क्या बोलता है? 
सूरज-" लंड बोलता हूँ दीदी इसको, और मुझे तो सुद्ध देहाती भाषा बोलना अच्छा लगता है" 

तान्या-"तू पागल है एक दम और तू मुझे भी बेशरम बना कर छोड़ेगा" 
सूरज-" दीदी पागल नहीं हूँ में, बिंदास हूँ, इतना बिंदास भाई आपको नहीं मिलेगा कहीं,जो आपको ज्ञान भी दे" 
तान्या-"हाँ तू तो बिंदास गुरु है" 
सूरज-" दीदी अपने गुरु को गुरु दक्षिणा में कुछ नहीं दोगी" 
तान्या-" हाँ बोलो मेरे गुरु जी,आपको क्या चाहिए?"
सूरज-" पहले प्रोमिस करो,जो मांगूगा वो दोगी" तान्या पहले सोचती है फिर हाँ कर देती है ।
तान्या-" हाँ बोल क्या चाहिए,मिलेगा" 


सूरज-" बीच पर तो आप नहाओगी नहीं, आपको ब्रा और पेंटी में मेरे साथ बाथरूम में नहाना होगा" 
तान्या सुनकर चोंक जाती है।
तान्या-"नहीं सूर्या यह मुझसे नहीं होगा" 
सूरज-"दीदी प्लीज़ आपको ब्रा और पेंटी में देखना चाहता हूँ में, आपने वादा किया है मुझसे" तान्या बहुत देर सोचती फिर हाँ बोल देती है ।
तान्या-" ठीक है, कब देखेगा?"
सूरज-" अभी "
तान्या-" रुक में पहले बाथरूम में पहन कर आती हूँ, अभी तो पहनी नहीं है मैंने" तान्या ब्रा और पेंटी निकालने लगती है, सूरज एक हॉट ब्रा और एक पारदर्शी पेंटी उठा लेता है।
सूरज-" दीदी ये वाली ब्रा और पेंटी पहनो" तान्या देख कर शर्मा जाती है ।
तान्या-" नहीं सूरज इसमें सबकुछ दीखता है, ये नहीं" 
सूरज-" प्लीज़ दीदी यही पहनो" तान्या मान जाती है और बाथरूम में अपने कपडे उतार कर ब्रा पेंटी पहन लेती है । तान्या बाहर जाने में शर्मा रही थी, बाहर खड़ा सूरज बैचेनी से तान्या का इंतज़ार कर रहा था। तान्या शर्माती हुई दरबाजा खोल देती है ।

तान्या जैसे ही बाथरूम से निकल कर आती है, सूरज प्यासी नज़रो से तान्या के मदमस्त जिस्म को देख कर झकझोर जाता है, सफ़ेद दूधिया जिस्म पर लाल ब्रा जिसमे उसकी चुचिया समा नहीं पा रही थी, उसका कोमल पेट और उसकी नाभि चार चाँद लगा रही थी, जैसे ही नज़र पेंटी पर गई तो लण्ड ने लोअर के अंदर बगाबत सुरु कर दी, सूरज का लंड झटके के साथ संघर्ष करने लगता है और आज़ादी पाने के लिए जंग छेड़ देता है, तान्या की पारदर्शी पेंटी में उसकी कोमल अनछुई चूत की दरार साफ़ झलक रही थी, पेंटी इतनी छोटी थी सिर्फ चूत की दरार ही छुपी हुई थी,गोल और गदराई गांड साफ़ दिखाई दे रही थी, सूरज आँखें फाड़े तान्या के जिस्म को निहार रहा था,तान्या बेचारी खड़ी शरमा रही थी।
तान्या-"सूर्या तुझे शर्म नहीं आती अपनी बड़ी बहन को इस तरह आँखे फाड़े देख रहा है, अब मुझे शर्म आ रही है सूर्या" सूरज होश में आता है ।
सूरज-" दीदी रुको तो सही, बाकई में दीदी आप तो बहुत हॉट हो,सेक्सी हो, आपकी चूचियाँ देख कर मेरा मन ललचा रहा है,मन कर रहा है इन्हें निहारता रहूं, और ये आपकी लाल पेंटी पुरे बदन को और ज्यादा कामुक बना रही है" सूरज का लंड लोअर में तम्बू बना हुआ था जिसे तान्या देख लेती है।
तान्या-"कितना बेशरम है तू,अपनी ही दीदी के बूब्स देख कर तू ललचा रहा है, तेरा लालच तेरी पेंटी में तम्बू बनकर मुझे डरा रहा है" तान्या लंड की ओर इशारा करती है।
सूरज-" ओह्ह दीदी मेरा लंड ही नहीं पूरा रोम रोम खड़ा है आपकी सुंदरता देख कर" तान्या लंड शब्द सुनकर शर्मा जाती है।
तान्या-" छी कितना गन्दा बोलता है तू सूर्या, लंड की जगह पेनिस भी तो बोल सकता है तू" तान्या हलकी कामुक मुस्कान के साथ बोलती है। 
सूरज-"दीदी में गुरु हूँ आपका, मेरे द्वारा बोले गए हर शब्द से एक प्रतिक्रिया भी होती है, अब देखो न मैने लंड शब्द बोला तो आपकी चूत से पानी बहने लगा, आपकी पेंटी फिर से गीली हो गई दीदी" तान्या जैसे ही अपनी पेंटी देखती है तो हैरान रह जाती है, पेंटी भीग चुकी थी ।
तान्या-" ओह्ह्हो सूर्या तेरी बातों में ये कैसा जादू है, इस तरह से यह गीली होती रही तो मेरे सारे कपडे गंदे हो जाएंगे आज, क्या तेरे साथ भी ऐसा होता है, मतलब तेरा कच्छा भी गिला हो जाता है क्या" सूरज अपने लोअर की तरफ देखता है, फिर अपना लोअर उतार देता है, फ्रेंची पर भी सूर्या का वीर्य लगा हुआ था। फ्रेंची में उसका लंड खड़ा हुआ था, ऐसा लग रहा था जैसे कोई बन्दुक रखी हो फ्रेंची में, तान्या देख कर स्तंब्ध रह जाती है, आँखे फाड़े सूरज के कच्छे को देखती है,और अपनी कल्पना में लंड की लंबाई चौड़ाई का मापन करने लगती है।

सूरज-"देखो दीदी मेरा भी पानी निकला है, आपको इस तरह देख कर, लेकिन आपकी चूत से ज्यादा पानी निकल रहा है,मन करता है चाट लू जीव्ह डालकर" तान्या यह सुनकर हैरान रह जाती है,चूत चाटने के नाम पर पानी और ज्यादा बहने लगता है।
तान्या-" कैसा भाई है तू अपनी ही बहन की चूत चाटने की बात कर रहा है, बहुत गन्दा है तू, यह भी कोई चाटने की चीज है" 
सूरज-' दीदी आज में आपका भाई नहीं बल्कि गुरु हूँ, आप मेरी शिष्या हो, दीदी एक बात सच सच बोलो!"
तान्या-" हाँ बोल सूर्या"
सूरज-" क्या आपको मेरी बातें सुनकर अच्छा लग रहा है" तान्या सोच में पड़ जाती है ।
तान्या-" हाँ सूर्या मुझे अच्छा लग रहा है, तेरी बातों में पता नहीं कैसा जादू है"सूरज यह सुनकर खुश हो जाता है ।
सूरज-"दीदी क्या मुझे आप अपनी चूचियाँ दिखा सकती हो, और चूत भी" तान्या फिर से चोंक जाती है,लेकिन आज आग तान्या के जिस्म में भी लग चुकी थी, तान्या भी चाहती थी,सुर्या चूत को चाटे,और बूब्स को मसले" 
तान्या-" देख कर क्या करेगा सूर्या, तू तो मुझे पहले भी नंगा देख चूका है, यह मुझसे न हो पाएगा" 
सूरज-"प्लीज़ दीदी एक बार" तान्या कुछ देर सोचती है फिर बोलती है।
तान्या-"तू खुद देख ले सूर्या,मुझे कपडे उतारने में शर्म आती है" सूरज यह सुनकर खुश हो जाता है और तान्या को गले लगा लेता है, तान्या की चूची सूरज के सीने से रगड़ जाती है,और सूरज का लंड तान्या की चूत पर रगड़ता है ।
सूरज-"दीदी आपके राशीले होठ चूसने का मन कर रहा है" सूरज इतना ही बोलता है और तान्या के राशीले होठो को चूसने लगता है, तान्या भी गर्म थी,दोनों लोग एक दूसरे को चूमने चाटने लगते हैं, तान्या अपनी जीव्ह सूरज के मुह में डाल देती है,सूरज उसको लोलीपोप की तरह चुस्त है।
दस मिनट लिप्स चूसने के बाद सूरज तान्या की चूचियाँ मसलने लगता है, ब्रा उतार कर निप्पल मरोड़ने लगता है, सूरज तान्या को बेड पर लेटा कर बूब्स मसलता है,चूसता है,तान्या के लाल निप्पल को होठो से मसलता है, तान्या कामुक हो जाती है, सूरज एक हाँथ से पेंटी के ऊपर से चूत मसलता है। एक ऊँगली से कुरेदता है, तान्या झटके लेने लगती है,उसकी सिसकारी और चीखे फूटने लगती है। सूरज पेंटी उतार कर तान्या की चूत में जीव्ह घुसाने का प्रयास करता है, तान्या मचल जाती है, सूरज अपनी कठोर और नुकीली जीव्ह से तान्या को चोदने लगता है, तान्या झड़ने लगती है,सूरज चूत का सारा पानी पी जाता है । 
सूरज-"दीदी सेक्स करोगी मेरे साथ" तान्या तड़पते हुए"
तान्या-"हाँ सूर्या सेक्स करुँगी तेरे साथ" तान्या झटके खा कर कई बार में झड़ती है ।
तान्या-"ओह्ह्ह्ह सूर्या बहुत अच्छा लगा" 
सूरज-" दीदी जब ये लंड़ चूत में घुसेगा तो और मजा आएगा" सूरज कच्छे से लंड को आज़ाद कर देता है,तान्या सूरज के लंड़ को देख कर हैरान रह जाती है ।
तान्या-" ओह्ह इतना बड़ा,ये कैसे घुसेगा,में मर जाउंगी सूर्या, इसको मत डालना" 
सूरज -"दीदी कुछ नहीं होगा,में अपनी दीदी को प्यार से चोदुंगा, दीदी एक बार इसको पकड़ कर देखो"तान्या कपकपाते हांथो मूसल जैसे लंड को पकड़ती है,ऐसा लग रहा था जैसे कोबरा सांप पकड़ा हो।
तान्या-"कितना भयानक है ये,फड़फड़ा रहा है, मेरी चूत तो फट जाएगी इससे"
सूरज-"नहीं दीदी, आप चूत की गहराई को नहीं जानती हो, एक बार चूत में घुस गया तो,फिर आपके मजे हो जाऐंगे,रोज लंड मांगोगी, दीदी अब मेरे लंड को चूस कर तो देखो" 
तान्या-"नहीं सिर्फ किस्स कर ले रही हूँ,तान्या लाल टोपे पर जीव्ह फिराती है,लंड झटके मारने लगता है। 
सूरज-"दीदी अब मुझपर रुका नहीं जा रहा है,आप लेट जाओ, आज आपकी चूत का उदघाटन कर देता हूँ" तान्या को लेटा कर चूत के मुह पर लंड रख कर सहलाने लगता है, और एक हलके झटके के साथ लंड का टोपा चूत में घुस जाता है।
तान्या-"ओह्ह्हफ़्फ़ग़ाफ़ सूर्या आराम से दर्द हो रहा है" सूरज लण्ड को निकाल कर दुबारा डालता है,कई बार अंदर डालता और निकालता तभी सूरज ने एक झटके के साथ पूरा लंड ठोंक देता है। तान्या दर्द से चिल्लाई।
तान्या-"ओह्हफ़्फ़्फ़्फ़् सूर्या ये क्या किया,प्लीज़ निकाल लंड को दर्द हो रहा है" तान्या की चूत से खून निकलने लगता है, सूरज चूत को साफ़ करता है, चूत को एक कपडे से बिलकुल साफ कर देता है । अब सूरज लंड को निकाल कर तान्या की चूत में फुक मारता है,थोड़ी देर बाद फिर से लंड घुसेड़ता है, इस तरह तीन चार बार घुसेड़कर निकालता है और फूंक मारता है,तान्या को अब आराम मिलता है, सूरज फिर से लंड डालकर धक्के मारता है, तान्या की चूत भी अब पानी छोडने लगती है जिससे लंड आराम से अंदर जाता और बहार निकल आता। 
तान्या-"उफ्फ्फ्फ्फ्फ्फ्फ़ आह्ह्ह्ह्ह् सूर्या अब धक्के मार, सुरज तेज तेज चोदने लगता है।
तान्या-"दीदी बहुत टाइट है आपकी चूत, मेरे लंड को जकड़ लिया है चूत ने" सूरज लगा तार धक्के मरता है ।
तान्या झड़ने बाली होती है ।
तान्या-"सूर्या में झड़ने बाली हूँ" 
सूरज-"दीदी आप मेरे मुह में झड़ना, में आपकी चूत का पानी पिऊंगा" इतना कह कर तान्या सूरज के मुह पर बैठ जाती है, और ऊँगली से चूत की फांको को मसलती है तभी एक तेज धार के साथ तान्या की चूत से पानी का सैलाब निकलता है। सूरज सारा कामरस पी जाता है ।चूत को चाट कर सारा पानी पिने के बाद, तान्या को चौदने लगता है और 5 मिनट बाद तान्या की चूत में झड़ जाता है ।तान्या भी सूरज के साथ झड़ जाती है । 1 5मिनट बाद सूरज और तान्या बाथरूम में नहाते हैं,

तान्या और सूरज बाथरूम में जाकर फब्बारे से नहाते हैं, तान्या अपनी चूत पानी से धोती है,उसकी चूत की फांके सूज चुकी थी,अंदर पूरा लाल हो चूका था, तान्या को बड़ा दर्द सहना पड़ रहा था। सूरज तान्या के जिस्म में साबुन लगा कर उसके बूब्स और पुरे जिस्म को साफ करता है।
सूरज जैसे ही तान्या की सूजी हुई चूत देखता है तो हैरान रह जाता है।
सूरज-' दीदी आपकी चूत सूज कर लाल हो चुकी है" 
तान्या-'इतना बड़ा मूसल इस बेचारी कोमल जगह में डालेगा तो सुजेगी नहीं क्या" सूरज चूत को साफ करता है तो तान्या दर्द से चीखती है।
सूरज-"दीदी क्या ज्यादा दर्द हो रहा है?" 
तान्या-"हाँ बहुत दर्द हो रहा है, अंदर से चूत पूरी घायल हो चुकी है, ठीक होने में समय लगेगा" 
सूरज-" परेसान न हो दीदी,में दवाई ले आऊंगा" 
तान्या-" हाँ ठीक है सूर्या" दोनों लोग नहा कर रूम में आकर खाना खाते हैं। खाना खाने के बाद सूरज दवाई के लिए मार्केट निकल जाता है हेलिना को लेकर, तभी संध्या का फोन आता है ।
संध्या-"सूर्या कैसा है तू,कब आएगा"
सूरज-"माँ में ठीक हूँ,आज रात में फ्लाइट है" 
संध्या-"तेरी बहुत याद आ रही है सूर्या,तेरे बिन सब सूना सूना सा है" 
सूरज-" माँ याद तो मुझे भी आपकी बहुत आ रही है, माँ आपको मेरी याद आ रही है या मेरे लंड की?"
संध्या-" अब क्या बताऊ यकीन नहीं कर पाती हूँ ,
तुमने भी मुझको याद किया !
और मैं हूँ ऐसी पगली ,तेरी खातिर खुदा को भुला दिया !!
जब चंदा मुस्काता था ,मस्त हवा जब बहती थी !
याद तुम्हारी आते ही ,गुदगुदी चुत में होती थी !!
रिमझिम -रिमझिम बरखा में ,जब बिलकुल तनहा मैं होती !
तकिये पे सर को रख करके ,
तेरे लंड की याद में थी रोती !!सोच के दिल भर आता है ,
संग होते तो क्या हो सकता था !
मैं हर पल चूमा करती तुमको ,हर लम्हा मेरा हो सकता था !!
अब जब तुम आ जाओगे ,चुन लेंगे हम फिर से खुशियाँ !
चूमुंगी हर पल लंड को , मधुर बनायेंगे घड़ियाँ !!एक 3 दिन से तनहा हूँ ,
मिलने पर आँखें भर आएँगी !तेरे बदन को छूते ही ,चुत मेरी बह जायेगी!""" संध्या कविता के माध्यम से कामुक सिसकियाँ लेते हुए बोली। सूरज समझ जाता है माँ चूत में ऊँगली कर रही है ।

सूरज-" वाह्ह्ह् माँ आपने तो मेरा खड़ा कर दिया, आपकी रस भरी बहती चूत का पानी पिने के लिए में और मेरा लंड दोनों बैचैन है, माँ बस आज का दिन और जैसे तैसे काट लो,कल से तुम्हारी चूत को बहुत प्यार करूँगा आकर" 
संध्या-"अब और सहा नहीं जा रहा है, बस तू आजा मेरे लाल, पानी मेरी आँखों से न निकल कर मेरी चूत से बह रहा है, अब तो छोटे डिडलो से भी मेरी प्यास नहीं बुझती है" 
सूरज-" माँ अच्छा किया आपने याद दिला दिया,आपके लिए एक मोटा डिडलो लेते आऊंगा, मेरी गैर मौजूदगी में आप अपना काम चला सकती हो उससे" 
संध्या-"ठीक है सूर्या" 
सूरज फोन काट देता है, हेलिना सूरज की हिंदी भाषा समझ नहीं पा रही थी, सूरज एक मेडिकल सोप पर जाकर चूत के दर्द के लिए एक जैल क्रीम लेता है और एक 7 इंच लंबा और तीन इंच मोटा डिडलो लेकर अपने बेग में रख लेता है, हेलिना कार में ही बैठी थी। सूरज कार में बैठ जाता है तभी तनु और पूनम का फोन आता है ।
तनु-" हेलो सूरज कहाँ है अभी" 
सूरज-"दीदी अमेरिका आया हूँ बिजनेस के सिलसिले में" तनु सुन कर चोंक जाती है।
तनु-" क्या अमेरिका, तू सच बोल रहा है सूरज" 
सूरज-"हाँ दीदी" 
तनु-" सूरज अमेरिका से मेरे लिए कुछ ले आना" 
सूरज-" बोलो दीदी क्या लेकर आऊं"
तनु-"तू कुछ भी ले आना सूरज" 
सूरज-"ठीक है दीदी ले आऊंगा" तभी पूनम तनु से फोन लेकर अलग जगह जाकर बात करने लगती है ।
पूनम-" सूरज मेरे लिए क्या लेकर आएगा,अमेरिका से?" 
सूरज-" बोलो दीदी आपके लिए क्या लेकर आऊँ?" 
पूनम-" मेरे लिए अच्छी सी ड्रेस लेकर आना" सूरज सोच में पड़ जाता है की दीदी अमेरिकन ड्रेस कैसे पहनेंगी, अमेरिका में ड्रेस लेने के लिए लड़की का पूरा फिगर पता होना चाहिए।
सूरज-"दीदी अमेरिका के लोग अच्छे कपडे नहीं पहनते हैं, आप यहाँ की ड्रेस पहन नहीं पाओगी" 
पूनम-"तुझे नहीं लाना है तो मना कर दे" पूनम नाराज होती हुई बोली ।
सूरज-"अरे दीदी नाराज क्यूँ होती हो, अच्छा ठीक है में कुछ न कुछ लेकर आऊंगा आपके लिए" पूनम खुश हो जाती है ।
पूनम-" अमेरिका किसके साथ गया है?"
सूरज-"तान्या दीदी के साथ" 
पूनम-' ओह्ह्हो तान्या, अब तो वाही तेरी बहन है मुझे तो तू भूल ही गया, जब से शहर में आई हूँ तू मुझे कहीं घुमाने नहीं ले गया है" 
सूरज-' दीदी इंडिया आने पर आपको कहीं घुमाने ले जाऊँगा" 
पूनम-"सच में या मुझे गोली दे रहा है" 
सूरज-"सच में दीदी" 
पूनम-" कब आएगा तू" 
सूरज-"आज रात में बैठूंगा,कल आपके पास आऊंगा' 
पूनम-"ठीक है सूरज, जल्दी आना, और हाँ अमेरिका कैसा है मुझे व्हाट्सअप पर फोटो भेज, तान्या के भी फोटो भेज देना, में भी देखूं कैसी है तेरी नई दीदी" 
सूरज-"ठीक है दीदी में फोटो भेज दूंगा" फोन काट कर सूरज मार्केट जाता है। तनु और पूनम के लिए कपडे खरीद कर बेग में रख लेता है । सूरज को तनु का साइज़ पता था इसलिए ब्रा और पेंटी खरीदता है नई नई ब्रांड की औए पूनम के लिए एक सिम्पल सी जीन्स और टीशर्ट खरीदता है ।
मार्केट से खरीदारी करने के बाद सूरज होटल जाता है, तान्या सो रही थी ।
सूरज अपना बेग छुपा कर रख देता है। जेल क्रीम निकाल कर तान्या के पास आता है। सोते हुए तान्या बहुत मासूम और प्यारी लग रही थी, सूरज तान्या को किस्स करता है । सूरज तान्या का लोअर निकाल कर सूजी हुई चूत देखने लगता है । सूरज चूत पर किस्स करने लगता है जिससे तान्या की आँख खुल जाती है ।
तान्या-"अरे सूर्या तू आ गया, दवाई लाया नहीं, मुझे बहुत दर्द हो रहा है" 
सूरज-" हाँ दीदी दवाई ले आया हूँ, अभी लगाता हूँ" सूरज तान्या की दोनों ताँगे फेला कर चूत के अंदर जेल क्रीम लगता है ।
तान्या-"ओह्ह्हूफ्फ् सूर्या आराम से,ऊँगली ज्यादा अंदर मत घुसा" 
सुरज-" दीदी देखना आज शाम तक आपकी चूत सही हो जाएगी, शाम को चुदाई भी कर सकते हैं" 
तान्या-" नहीं सूर्या तीन चार दिन तक तुझे कुछ करने नहीं दूंगी, अब घर चल कर सेक्स करेंगे" तान्या रोनी सूरत बना कर बोलती है ।
सूरज-" दीदी घर जाकर में आपको कैसे चौद पाउँगा, घर पर मम्मी भी तो हैं" 
तान्या-"में कोई न कोई रास्ता ढूंढ़ ही लूंगी, अब बिना सेक्स के में भी नहीं रह पाउंगी सूर्या" 
सूरज-" ठीक है दीदी,हमें शाम को निकलना है इंडिया,तैयारी कर लो" 
जैल क्रीम लगाने से तान्या को थोडा आराम मिल चूका था । तान्या अपना बेग तैयार कर लेती है । तभी तान्या के फोन पर अमेरिका के बिजनेस असोसिएसन हेड का फोन आया जिन्होंने ने तान्या को सम्मान दिया था, वो भारत के ही निवासी थे ।
तान्या-"हेलो अंकल कैसे हैं आप" 
अंकल-"में ठीक हूँ, आपने वादा किया था मेरे घर आने का, आप आई नहीं" 
तान्या-" ओह्ह्ह अंकल में भूल गई, बस अभी 10 मिनट में आपके घर पहुँचती हूँ" तान्या अंकल जी का ऐड्रस ले लेती है और सूरज के साथ अंकल के घर पहुँच जाती है ।अंकल जी का घर बहुत ही आलीसान कोठी थी, बहुत से नोकर चाकर काम कर रहे थे ।
अंकल तान्या और सूरज को देख कर बहुत खुश होते हैं। काफी देर बातें करते हैं।
तान्या-" अंकल जी आप इंडिया में कौनसी जगह रहते हैं"
अंकल-" बेटा में मुम्बई में रहता था, 22 साल पहले अमेरिका आया और यहाँ आकर अपना बिजनेस खड़ा किया" 
सूरज-"अंकल जी आपका परिवार कहाँ है? 
अंकल-"मेरी बीवी और बच्चे मुम्बई में ही रहते हैं, मेरी पत्नी मुझे पसंद नहीं करती थी इसलिए में यहाँ आ गया" सूरज को झटका सा लगता है यह सुनकर, एक दिन संध्या माँ ने मधु मौसी को बताया था की उनके पति अमेरिका रहते हैं, 
सूरज-"मन में"- कहीं यही तो तान्या दीदी के पापा तो नहीं है, तान्या दीदी के पापा का नाम बी.पी. सिंह है, मुझे पता करना होगा।
सूरज-"अंकल जी आपका नाम क्या है?" 
अंकल-" मेरा नाम बी.पी.सिंह है, अमेरिका में मुझे सिंह साहब के नाम से जानते हैं" जैसे ही सूरज यह सुनता है तो हैरान रह जाता है, यही तान्या के पिता हैं, 22 साल पहले जब इन्होंने घर छोड़ा तब तान्या की उम्र 4 बर्ष थी और सूर्या तब पैदा हुआ था।


सूरज अपना मोबाइल निकाल कर संध्या के मोबाइल पर बी.पी.सिंह का फोटो भेजता है। ताकि सब कुछ साफ़ हो जाए। संध्या जैसे ही व्हाट्सअप पर अपने पति का फोटो देखती है तो हैरान रह जाती है और सूरज को तुरंत कॉल कर देती है। सूरज अलग जगह जाकर संध्या से बात करने जाता है। तान्या और बी पी सिंह सोफे पर बैठ कर बिजनेस की बातें ही कर रहे थे ।
संध्या-"सूर्या तू अभी कहाँ है" परेसान होते हुए ।
सूरज-' माँ में अमेरिका एक बहुत बड़े बिजनेस मैन बी पी सिंह अंकल के घर बैठा हूँ,क्या हुआ आप इतनी परेसान क्यूँ हो,कोई बात है क्या?"
संध्या-"बेटा जिनके पास तू बैठा है उन्हें अपने और मेरे बारे में कुछ मत बताना" सूरज समझ चूका था माँ क्यूँ परेसान है।
सूरज-"क्यूँ माँ क्या हुआ,आप उन्हें जानती हो क्या" 
संध्या-" समझा कर बेटा, वक़्त आने पर बता दूंगी" 
सूरज-"माँ क्या बात है तुम्हे मेरी कसम सच सच बताओ" सूरज कसम देता है तो संध्या बता देती है ।
संध्या-'बेटा वो तुम्हारे पिता हैं, मेरे पति बी पी सिंह" 
सूरज-"क्या सच में माँ, यह मेरे पिता है, माँ आपने इन्हें छोड़ क्यूँ दिया?" 
संध्या-" अभी कुछ मत पूछ जब तू घर आएगा तब बताउंगी" संध्या रोते हुऐ बोली।
सूरज-" माँ आप परेसान मत हो" फोन काट देता है, सूरज तान्या के पास जाकर बैठ जाता है।दोनों बाप बेटी एक दूसरे से अनजान होकर बात कर रहे थे । बी पी सिंह को भी नहीं पता था की तान्या मेरी ही बेटी है, लेकिन तभी बी पी सिह पूछता है।
बी पी सिंह-" बेटे तुम्हारे पिता क्या करते हैं?" 
तान्या-" अंकल मेरे पिता तो इस दुनिया में रहे नहीं,मेरी माँ ने ही मुझे पाला है,और बिजनेस भी संभाला है"
बी पी सिंह-" ओह्ह तुम्हारी माँ बहुत अच्छी है, क्या नाम है तुम्हारी माँ का" सूरज यह सुनकर भयभीत हो जाता है की कहीं दीदी माँ का नाम न बोल दे लेकिन उससे पहले ही दीदी ने नाम बोल दिया।
तान्या-"मेरी माँ का नाम संध्या है अंकल जी" बी पी सिंह को एक तगड़ा झटका लगता है वो अपनी सीट से उछाल जाते हैं।अपनी ही बेटी से अनजान थे अब तक।बी पी सिंह की आँखों में आंसू थे । तान्या हैरान थी की अंकल को एकदम क्या हो गया। सूरज तो सब जानता ही था।

बी पी सिंह जब अपने बेटा और बेटी को देखता तो उसके आंसू नहीं रुकते हैं। 
तान्या-"क्या हुआ अंकल आ रो क्यूँ रहे हो" बीपी सिंह कुछ बोल नहीं पाता है, आज 22 वर्ष के बाद उसने अपने बच्चों को देखा है । तान्या समझ नहीं पा रही थी, की अंकल को क्या हुआ है ।पास में बैठा सूरज भी बीपी सिंह के आंसू देख कर दया होने लगती है।
तान्या-"क्या हुआ अंकल जी कुछ तो बोलो" 
बीपी सिंह-" बेटी मुझे अंकल मत बोलो,में तुम्हारा बाप हूँ,जिसे तुम्हारी माँ ने 22 साल पहले मुझे अपने से और बच्चों से दूर कर दिया था, में तुम्हारा और तुम्हारी माँ का दोषी हूँ बेटा" तान्या यह सुनकर हैरान रह जाती है और सूरज भी। तान्या भी यह सुनकर रोने लगती है।
तान्या-" क्या आप मेरे
पिता हो,लेकिन माँ ने बताया की वो मर चुके हैं" तान्या रोती हुई बोली।
बीपी सिंह-" नहीं बेटा जिन्दा हूँ में" तान्या समझ नहीं पा रही थी की ये कैसा मोड़ है जीवन का । सूरज ख़ामोशी से सब सुन रहा था । आखिर माँ ने पिता जी से दुरी क्यूँ बनाई यही सोच रहा था ।
तान्या-" आखिर माँ ने मुझसे झूठ क्यूँ बोला और आप कभी हमसे मिलने क्यूँ नहीं आए" 
बीपी सिंह-" बेटा संध्या ने मुझसे एक वचन लिया था की कभी में वापिस लौट कर न आऊं तब से आज तक घुट घुट कर जिया हूँ, अमेरिका में धन दौलत तो बहुत है मेरे पास बस मेरा परिवार नहीं है, में अपने पापो की सजा आज तक भुगत रहा हूँ" तान्या यह सुनकर हैरान थी, और सुरज भी की आखिर कौनसा पाप किया है।
सूरज-"ऐसा कौनसा पाप किया था आपने, की माँ ने आपको हमसे दूर कर दिया" 
बी पी सिंह-" मैंने तुम्हारी माँ से शादी लालच में की जबकि में पहले से ही शादी शुदा था" यह बात सुनकर तान्या और सूरज हैरान रह जाते हैं। 
सूरज-"क्या आप शादी शुदा थे, फिर कहाँ है आपका परिवार, और लालच में आपने मेरी माँ से शादी क्यूँ की" सूरज यह राज जानने के लिए उत्सुक होता है ।


बीपी सिंह-" मेरा नाम भानु प्रताप सिंह है में उत्तर प्रदेश के जिला शामली में बसा मेरा छोटा सा गाँव किशनगढ़ का रहने वाला हूँ, मेरी पत्नी रेखा और मेरे तीन बच्चे पूनम तनु और सूरज हँसी ख़ुशी से रहते थे, में चौधरी राम सिंह के खेतो में काम करके अपना गुज़ारा करता था, एक दिन मेरे बेटे सूरज की तबियत ख़राब थी इलाज के लिए मैंने चौधरी से दस हज़ार रुपया कर्ज के रूप में लिया था, मैंने चौधरी के यहाँ दिन रात मेहनत की और कर्जे से ज्यादा रुपया चूका दिया लेकिन चौधरी मुझसे ब्याज के रूप में ज्यादा पैसा माँगता था,चौधरी बहुत जालिम और मक्कार किस्म का व्यक्ति था। मैंने चौधरी की नोकारी छोड़ कर शहर आ गया, चौधरी आग बबूला हो गया,कई बार उसने मुझे मारने की कोसिस भी की । इधर शहर में संध्या के पिताजी की फेक्ट्री में काम करके अपना घर चलाने लगा,में फेक्ट्री में बहुत मेहनत करता था और ईमानदार था ईसलिए संध्या के पिताजी ने मरते समय मुझसे वचन लिया की में संध्या से शादी कर लू, मै उनसे मना नहीं कर पाया और शादी कर ली। यह बात मैंने कभी रेखा को नहीं बताई की मैंने शहर में दूसरी शादी कर ली है । दो तीन साल तक सब कुछ ठीक चला, इधर चौधरी की नोकारी छोड़ने के कारन चौधरी ने मेरी पहली बीबी रेखा और बच्चों को मार दिया, यह बात मुझे चौधरी के ख़ास आदमी ने मुझसे बताई और कहा की यदि में गाँव गया तो मुझे भी मार देंगे। में अपनी बीबी और बच्चों के गम में रहने लगा, एक दिन यह संध्या को पता चला की में शादी शुदा हूँ तो उसने मुझसे दुरी बना ली और मुझसे अलग हो गई, में बहुत परेसान था, इसलिए सबसे दूर अमेरिका आकर बस गया, आज 22 साल हो गए मुझे परिवार से अलग हुए" सूरज जैसे ही यह सुनता है उसके पाँव तले जमीन खिसक जाती है। 
सूरज और तान्या का एक ही बाप है, 
सूरज-" आपका परिवार जिन्दा है, चौधरी के आदमी ने झूठ बोला है आपसे, आपके बीबी और तीनो बच्चे भी जिन्दा हैं" जैसे ही सूरज यह बोलता है तो बीपी सिंह और तान्या सूरज की ओर हैरत से देखने लगते हैं। 
तान्या-"तुझे कैसे पता सूर्या की इनका पहला परिवार जिन्दा है?" हैरानी से पूछा।
बीपी सिंह-" बेटा यह तू क्या कह रहा है, मेरी पत्नी रेखा और तीनो बच्चों को चौधरी मार चूका है" अब सूरज सारी बताता है।
सूरज-" दीदी में सूर्या नहीं सूरज हूँ, इनकी पहली पत्नी रेखा का बेटा" सूरज सारी सच्चाई बता देता है की कैसे गाँव में चौधरी के अत्याचार के कारण शहर आया और संध्या माँ को मंदिर में बचाया, सूर्या का हमशकल होने के कारण सब उसे सूर्या समझने लगे।जैसे ही सूरज यह सच्चाई बताता है तान्या सुनकर हैरान हो जाती है, बीपी सिंह सूरज को गले लगा लेता है। 
बीपी सिंह-" बेटा में अपनी पत्नी रेखा और दोनों बेटियो को देखना चाहता हूँ, आज में बहुत खुश हूँ यह सुनकर की तुम सब जिन्दा हो, अब में सुकून से मर सकूँगा" 
सूरज-" पापा अब में सब ठीक कर दूंगा, दीदी आप भी माँ को कुछ मत बताना अभी बरना माँ सूर्या की मौत का सदमा सह नहीं पाएगी" 
तान्या-"तूने इतना कुछ किया है सूरज, परिवार को बिखरने से बचाया है, में हमेसा तेरे साथ हूँ" 
बीपी सिंह-" मुझे गर्व है अपने बेटे पर,बेटा मुझे पापा बोल दो, मेरे कान तरस गए हैं यह सुनने के लिए"
तान्या और सूरज पापा कह कर गले लग जाते हैं। 
सूरज-"दीदी अब चलो फ्लाइट का समय हो गया है, पापा आप इंडिया आना जल्दी से" 
पापा-"ठीक है बेटा में जल्दी आऊंगा, तुम दोनों जाओ" सूरज और तान्या दोनों लोग एअरपोर्ट जाते हैं, प्लेन में बैठ जाते हैं ।

सूरज-" दीदी आपको कोई शिकायत तो नहीं है मुझसे, मैंने यादास्त जाने का बहाना किया अब तक" 
तान्या-"नहीं सूरज तूने तो घर आकर हमारी खुशियाँ लौटा दी, और हाँ तू गैर थोड़े ही है, मेरा भाई है तू, अब हम साथ साथ रहेंगे सूरज, तू मुझे मेरी बहनो से मिलवाना इंडिया चल कर" 
सूरज -" ठीक है दीदी, माँ से और दोनों दीदी से मिलवाऊंगा" दोनों लोग बाते करते हैं । काफी लंबे सफ़र के बाद दोनों इंडिया आ जाते हैं । सूरज और तान्या घर आते हैं। संध्या सूरज को गले लगा लेती है और तान्या को भी।सूरज और तान्या फ्रेस होकर नीचे सोफे पर बैठकर 
काफी देर आपस में बातें करते हैं । 
तान्या और सूरज पापा से हुई बात को तान्या को नहीं बताते हैं । रात के 10 बज चुके थे,तान्या सोने चली जाती है, सूरज और संध्या सोफे पर बैठ कर अभी बातचीत कर रहे थे । संध्या सूरज को अपने कमरे में ले जाती है ।
संध्या जैसे ही सूरज को कमरे के अंदर लेकर जाती है, सूरज को कस कर गले लगा लेती है और होंठ से होंठ जोड़ कर चूसने लगती है, सूरज भी संध्या को अपने सीने से लगा कर जकड़ लेता है । किस्स करते करते संध्या सूरज को बेड पर धक्का देकर लेटा देती है, संध्या जंगली औरत की भाँती सूरज के ऊपर कूद कर पुन उसके होंठो को चुस्ती है, सूरज का लंड झटके मारने लगता है। सूरज संध्या की मेक्सी को उतार देता है,संध्या ने अंदर ब्रा और पेंटी नहीं पहनी थी। सूरज भी अपना लोअर और टीशर्ट उतार कर नंगा हो जाता है।
संध्या-" सूर्या मेरी चूत को चाट,बहुत तंग किया है इस चूत ने मुझे" संध्या यह कह कर सूरज के मुह पर अपनी चूत और भारी भरकम गांड रख देती है, सूरज चूत के अंदर अपनी जीव्ह डालकर चौदने लगता है ।
संध्या-"आह्ह्ह्होह्ह्हफ़्फ़्फ़्फ़् सूर्या तेरी जीव्ह भी तेरे लंड की तरह लंबी है, ऐसा लग रहा है जैसे में मेरी चूत में लंड घुसा हो" संध्या सिसकियाँ लेती हुई बोली। दस मिनट तक चूत चाटने के बाद सूरज संध्या को घोड़ी बना कर चूत में लंड डालकर चौदने लगता है ।
संध्या-"आह्ह्हफ़्फ़्फ़् मेरे लाल चौद अपनी माँ को,तेरी माँ बहुत प्यासी है, आज मेरी चूत की अग्नि को शांत कर दे अपने पानी से" सूरज तेज तेज धक्के मारने लगता है।
सूरज-" ओह्ह्ह्ह माँ तुम्हारी चूत बाकई में बहुत गर्म है,ऐसा लग रहा है चूत में भट्टी जल रही हो" सूरज गांड पर तमाचे मारता है तो कभी बूब्स को मसलता है। 
संध्या सूरज को नीचे लेटा कर खुद लंड पर बैठ कर कूदने लगती है, संध्या के बड़े बड़े बूब्स उछालने लगते हैं, सूरज संध्या के बूब्स के दोनों निप्पल को मसल कर मरोड़ता है। संध्या कामुक आवाज़ के साथ झड़ जाती है ।सूरज संध्या को नीचे लेटा कर चौदने लगता है। थोड़ी देर बाद सूरज भी चूत में ही झड़ जाता है । सूरज काफी देर तक संध्या के ऊपर ही पड़ा रहता है, तभी उसे तान्या की याद आती है की कहीं दीदी जग न जाए इसलिए जल्दी से अपने कपडे पहन कर संध्या को किस्स करके सीधे तान्या के रूम में जाता है। तान्या लोअर और टीशर्ट पहने सो रही थी, सूरज तान्या के पास जाकर तान्या को किस्स करता है तभी उसे याद आता है की तान्या की चूत में जैल क्रीम लगानी है, सूरज तान्या के पर्स में से क्रीम निकाल कर तान्या की टांगो की तफ बैठ जाता है । लोअर और पेंटी को निकालकर दोनों टांगो को बिपरीत दिशा में फैलाकर चूत के मुख पर क्रीम लगाने लगता है, तान्या की चूत में सूजन ठीक हो चुकी थी,लेकिन हलके जख्म अब भी थे, सूरज जेल क्रीम को ऊँगली में लेकर तान्या की चूत में लगाने लगता है, चूत में ऊँगली के घर्षण से तान्या कामुक हो जाती है और सिसकियाँ भरते ही आँख खुल जाती है।
तान्या-" ओह्ह सूर्या तू दवाई लगा रहा है या चूत में ऊँगली कर रहा है" 
सूरज-"दीदी में तो दवाई ही लगा रहा हूँ लेकिन ये देखो आपकी चूत तो बहने लगी, आपकी चूत तो रस छोड़ रही है" तान्या को मजा आने लगता है, सूरज चूत के लाल दाने को कुरेदने लगता है।
तान्या-"ओह्ह्हउफ़ सूर्या मजा आ रहा है, तेरी ऊँगली में जादू है, ऐसे ही ऊँगली कर दे में झड़ जाउंगी" 
सूरज-"दीदी आप कहे तो लंड डालकर आपकी चूत की आग बुझा दू" 
तान्या-"नहीं सूरज आज नहीं कल चौद लेना, कल तक में ठीक हो जाउंगी" सुरज तेजी से ऊँगली अंदर बहार करने लगता है और तान्या का जिस्म अकड़ने लगता है और एक तेज पिचकारी के साथ पानी छोड़ने लगती है, सूरज चूत का सारा पानी मुह लगा कर पी जाता है । चूत में जीव्ह डालकर साफ़ करके तान्या के पास ही सो जाता है ।
सुबह 8 बजे तान्या और सूरज जागते हैं। 
तान्या-"गुड़ मॉर्निंग मेरे प्यारे भाई" गले लगा कर किस करती है सूरज भी गले लगा कर किस्स करता है और गुड़ मॉर्निंग बोलता है। दोनों लोग कंपनी जाने के लिए फ्रेस और तैयार होकर नीचे जाते हैं, 
संध्या-" जाग गए मेरे दोनों अनमोल रत्न" सूरज और तान्या संध्या को गले लगा कर किस्स करते हैं और गुड़ मॉर्निंग बोलते हैं।
संध्या दोनो बच्चों को नास्ता देती है । 
सूरज-"दीदी आप कंपनी अकली जाओ आज,मुझे कुछ काम है" तान्या समझ जाती है की सूरज अपनी सगी माँ बहनो से मिलने तान्या-"ठीक है मेरे भाई, तू जहाँ जा रहा है वहां में भी आउंगी,कंपनी का काम निपटा कर" तान्या कंपनी चली जाती है। सूरज भी अपना बेग लेकर फ़ार्म हाउस निकल जाता है । 
फ़ार्म हाउस पहुँचते ही तनु दौड़ती हुई सूरज को गले लगा लेती है, ऐसा लग रहा था जैसे दो प्रेमी वर्षो बाद मिल रहे हो ।
तनु-" क्यूँ रे सूरज तुझे मेरी बिलकुल याद नहीं आती, तू तो अब बिलकुल मेरा ख्याल नहीं रखता" 
सूरज-"दीदी अब में आ गया हूँ,अब आपका ही ख्याल रखूँगा" यह कह कर सूरज तनु को कस कर गले लगा लेता है और होंठो पर किस्स करता है । तनु सूरज को घर के अंदर लेकर जाती है तभी पूनम सूरज को देख कर उसे गले लगा लेती है। 
रेखा किचेन में खाना बना रही थी, सूरज दौड़ कर माँ को गले लगा लेता है ।
रेखा-"मेरा बच्चा मुझे तो भूल ही गया, तुझे मेरी याद नहीं आती" रेखा सूरज से गुस्सा होते हुए बोली।
सूरज-"अरे माँ कंपनी के काम से फुरसत नहीं मिल पाती है, अब बस कुछ ही दिन की परेसानी है, फिर देखना माँ में इस घर को खुशियों से भर दूंगा" सूरज का इशारा पापा की तरफ था ।
रेखा-" तू आ गया ये ही मेरे लिए सबसे बड़ी ख़ुशी है" 
सूरज-" माँ एक और ख़ुशी है जिसे में वक़्त आने पर बताऊंगा आपको, आप सुनकर खुश हो जाओगी" रेखा को लगा शायद सूरज ने अपने लिए कोई लड़की देख ली है, 
रेखा-" क्या कोई लड़की देख रखी है तूने?" 
पूनम और तनु भी थोड़ी हैरान होती है।
सूरज-"अरे नहीं माँ लड़की बडकी मेरे बस की बात कहाँ है,आप बस कुछ दिन रुको, तब बताऊंगा" रेखा हँसाने लगती है यह सुनकर ।तनु और पूनम भी काफी उत्सुकता से जानना चाहती थी की कौनसी खुशियाँ लाएगा सूरज । 
रेखा-" पूनम बेटा खाना बनबाने में मेरी मदद कर दे, सूरज भूका होगा" 
पूनम-"ठीक है माँ" 
तनु-"सूरज तू मेरे साथ आ तुझसे बहुत सारी बातें करनी है आज" तनु सूरज को पकड़ कर फ़ार्म हॉउस में बनी झाड़ियों में ले जाती है और एकांत में जाकर सूरज को गले लगा कर चूमने लगती है। सूरज भी तनु को चूमने चाटने लगता है । दस मीनट बाद सूरज तनु के बूब्स और गांड मसलने लगता है । तनु घाघरा चोली पहने थी, सूरज घाघरा उठा कर तनु की चूत चाटने लगता है, तनु पेंटी नहीं पहनी थी। सूरज तनु को हरी घास में लेटा कर चूत में लंड घुसेड़ देता है। और तेज तेज धक्के मारने लगता है ।तनु बहुत दूँ की प्यासी थी इसलिए आज मन भर कर चुदना चाहती थी ।

इधर पूनम घर की साफ़ सफाई करती है तभी उसे सूरज का बेग दिखाई देता है ।
पूनम समझ जाती है सूरज उसके लिए अमेरिका से कपडे लेकर आया होगा, पूनम जल्दी से बेग को अपने कमरे में ले जाकर खोलती है । पूनम बेग में से कपडे निकलती है जिसमे नई फेशनेवाल ड्रेस थी जो ऊपर और नीचे से शार्ट थी । पूनम अपने साइज़ की दो स्कर्ट टीशर्ट और जीन्स निकाल कर देखती है। बहुत ही मोर्डन ड्रेस को देख कर पूनम खुश हो जाती है। पूनम तनु की ड्रेस देखने लगती है जो उसी के साइज़ की थी। पूनम के बूब्स और गांड तनु से बड़ी थी जिससे पूनम ने अंदाज़ा लगा लिया था और पूनम काफी लंबी भी थी।तनु की ड्रेस भी ठीक थी । लेकिन पूनम की स्कर्ट और टीशर्ट बहुत छोटी थी जिसे पहनना पूनम के लिए सोचनीय था चूँकि आज तक उसने सलवार सूट और जीन्स कुरता ही पहना था। पूनम बेग में हाँथ डालकर एक पोलिबेग निकाळती है जिसमे दो जोड़ी ब्रा और पेंटी थी, पूनम ब्रा और पेंटी देख कर हैरान रह जाती है की सूरज यह फेसनेवल जालीदार ब्रा और पेंटी मेरे लिए लाया है । पुनम पेंटी देखती है जो बहुत छोटी थी चूत बाली जगह जाली थी और गांड बाले हिस्से में एक लेस थी जो गांड में समां जाती हो । पूनम ऐसी पेंटी देख कर शर्मा जाती है की सूरज यह मेरे लिए क्यूँ लाया है । पूनम काफी देर तक सोचने लगती है । पूनम ब्रा और पेंटी वापिस बेग में रखने लगती है तभी बेग में उसे कुछ कठोर सा डंडा स्पर्श होता है । पूनम हाँथ डालकर निकालती है तो हैरान रह जाती है, पूनम के हाँथ में रबड़ का लंड था,(सूरज संध्या के लिए लाया था जिसे देना भूल गया और बेग में ही रह गया) पूनम उसे देख कर हैरान थी, पूनम ने इंटरनेट पर सहेली के साथ एक दो बार पोर्न फिल्मे देखि थी उन फिल्मो में लड़कियां ऐसे ही नकली लंड से अपनी हवस को शांत करती हैं। पूनम की साँसे तेजी से चलने लगती हैं। पूनम डिडलो को हाँथ में लेकर मुठियाने लगती है । बहुत ही मोटा और लंबा लंड को देख कर पूनम की चूत पानी छोड़ने लगती है । सूरज कभी भी आ सकता था इसलिए डिडलो और सारे कपडे ज्यो के त्यों बेग में रख देती है और बेग जहां से उठाया था वहीँ रख देती है ताकि सूरज को शक न हो ।
इधर सूरज तनु की ताबड़ तोड़ चुदाई करने के बाद जल्दी से कपडे पहन कर आने लगता है । तनु तीन चार बार झड़ चुकी थी चुदाई के दौरान इस लिए तनु आज बहुत खुश थी । सूरज और तनु घर आकर फ्रेस होकर डायनिंग टेवल पर बैठ जाते हैं । पूनम गुमसुम थी उसके दिमाग में अभी तक ब्रा पेंटी और डिडलो ही घूम रहा था । कई सवालो ने उसे घेर लिया था आखिर सूरज यह किसके लिए लाया है ।
पूनम-' मन में! सूरज ऐसी जालीदार पेंटी और ब्रा किसके लिये लाया है,और वो डिडलो, कहीं ऐसा तो नहीं है यह सामान तान्या लेकर आई हो, उसी ने सूरज के बेग में रख दिया हो, मेरा भाई बहुत सीधा है । उसका तो अभी कहीं किसी के साथ अफेयर भी नहीं है।और कोई भाई अपनी बहन के लिए ला नहीं सकता, जरूर ये तान्या ने ही धोके से रख दिए होंगे""""
पूनम यह सोच ही रही थी तभी फ़ार्म हॉउस पर तान्या की गाडी आकर रुकी। तान्या जैसे ही अंदर आती है सूरज खुश हो जाता है, पूनम समझ जाती है ये तान्या है ।
सूरज तान्या का सबसे परिचय करवाता है।
सूरज-" ये मेरी सबसे बड़ी बहन पूनम हैं" तान्या पूनम को गले लगा लेती है ।तभी तनु बोलती है।
तनु-"और में सूरज की दूसरी बहन तनु" तान्या खुश होकर तनु को हग कर लेती है। तभी रेखा आ जाती है। 
सूरज-"मेरी प्यारी माँ हैं" तान्या रेखा को गले लगाती है, रेखा भी तान्या के सर पर किस्स करती है फिर सूरज तान्या का परिचय देता है और वास्तविक सच्चाई छुपा लेता है ।
सूरज-"यह मेरी तान्या दीदी हैं,इन्ही की कंपनी में मैं नोकरी करता हूँ," पुनम समझ जाती है की सूरज कुछ छुपा रहा है क्योंकि सूरज तान्या की नज़र में उसका भाई सूर्या है । रेखा और तनु तो बहुत खुश थी तान्या से मिल कर सब लोग साथ में खाना खाते हैं। सब लोग आपस में बातें करते है । तान्या पूनम और तनु के साथ काफी घुल मिल जाती है । शाम के 7 बज जाते हैं।
तान्या-" सूरज चलो अब घर चलते हैं"
सूरज-"दीदी आज बहुत दिनों बाद आया हूँ आप अकेली चली जाओ,में सुबह आ जाऊँगा" तान्या सबको हग करके चली जाती है । इधर पूनम अभी भी अपनी सोच में डूबी थी। सूरज अपने कमरे में बेग लेकर जाता है तनु और पूनम के कपडे निकाल देता है। तनु अपने कपडे देख कर बहुत खुश होती है। पूनम भी खुश थी लेकिन अभी भी ब्रा और पेंटी डिडलो के बारें में सोच रही थी। रात के 9 बजे पूनम सूरज के कमरे में जाती है ।

रात के 9 बजे फ़ार्म हाउस पर सभी लोग जल्दी सो जातें हैं। तनु आज तीन चार बार चुदाई करवाने के कारण जल्दी सो जाती है। पूनम को नींद नहीं आ रही थी,चुकीं उसके मन में कई सवाल चल रहे थे। पूनम अकेली अपने कमरे में सोती है और तनु अलग कमरे में।
सबके पास अपना अलग कमरा है ।पूनम और सूरज का कमरा बराबर में ही था,जब कभी सूरज आता तो अपने कमरे में ही सोता था । पूनम सूरज के रूम में जाती है, सूरज मोबाइल पर तान्या से बात कर रहा था। जैसे ही पूनम अंदर आती है सूरज खड़ा हो जाता है और फोन काट देता है ।
सूरज-"अरे दीदी आप अभी तक सोई नहीं?" 
पूनम-" मुझे नींद नहीं आ रही है सूरज तो सोचा तुझसे ही बात कर लू" पूनम मेक्सी पहनी हुई थी।
सूरज-" ओह्ह ठीक किया दीदी आओ बैठो" सूरज पूनम को बेड पर बैठाता है ।
पूनम-" सूरज मुझे तुझसे कुछ बात करनी थी!"
सूरज-" हाँ दीदी बोलो" 
पूनम-" तान्या को तूने बता दिया क्या की तू सूर्या नहीं सूरज है?"
सूरज-" हाँ दीदी बता दिया,लेकिन अब वो हमारी सगी बहन ही है" 
पूनम-"मतलब सगी बहन, में समझी नहीं" सूरज अमेरिका वाला पूरा वाक्या बता देता है की अमेरिका में हमारे पापा मिले। तान्या और हमारा वाप एक ही है, पापा ने दो शादी की । सूरज सब समझाता है,पूनम यह सुनकर हैरान रह जाती है।
पूनम-"मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा है की पापा जिन्दा है, मुझे उनका फोटो दिखा सूरज" सूरज मोबाइल पर फोटो दिखाता है।
सूरज-" दीदी अब सबकुछ ठीक हो जाएगा, कुछ ही दिन में पापा आएंगे घर पर लेकिन तुम यह बात माँ और तनु दीदी को मत बताना" 
पूनम-"ठीक है मेरे भाई मुझे तूझपर नाज़ है तुने हमारी सबकी ज़िन्दगी ही बदल दी" 
सूरज-" दीदी मुझे तुम्हारा साथ चाहिए, पापा और माँ को मिलवाने में,संध्या माँ को में संभाल लूँगा" 
पूनम-"में हमेसा तेरे साथ हूँ मेरे भाई"
सूरज-" सब कुछ ठीक होते ही में आपके लिए अच्छा सा लड़का देख कर शादी कर दूंगा" पूनम पहले शर्मा जाती है फिर बोलती है।
पूनम-" तुझे मेरी शादी की बड़ी फ़िक्र है, में तुझे और घर को छोड़ कर कहीं नहीं जाउंगी" 
सूरज-"दीदी शादी भी तो बहुत जरुरी है, इसलिए ही तो फ़िक्र है, आप कहीं मत जाना लड़का घर जमाई ढूंढ लेंगे" सूरज हँसते हुए बोला।
पूनम-"लड़का घर जमाई होगा तब तो ठीक है, लेकिन शादी अभी तीन चार साल तक नहीं करनी है" 
सूरज-" ओह्ह दीदी तीन चार साल में क्या कर लोगी आप, आपके बाद तनु दीदी की भी तो शादी करनी है और तान्या दीदी की, अभी से नम्बर लगाउँगा तो चार पांच साल इन शादियों के झमेले में ही निकल जाएगी" 
पूनम-' सबकी शादी करने के बाद तू अपनी शादी करने के फ़िराक में होगा, तू ही कर ले अपनी, कोई लड़की देख ली है क्या तूने?" 
सूरज-"अरे दीदी मुझसे भला कौन शादी करेगा, मुझे शादी की जरुरत नहीं है अभी" 
पूनम-" तू झूठ बोल रहा है सच बता कोई गर्ल फ्रेंड है क्या तेरी, अगर हो तो बता में माँ से बात में कर लुंगी शादी की" 
सूरज-"नहीं दीदी कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है, में आपकी शादी की बात कर रहा हूँ और आप मेरे ही पीछे पड़ गई, गाँव में आपके साथ की सभी लड़कियों की शादी हो चुकी है और सब पर तीन चार बच्चे भी हैं" पूनम यह सुनकर शर्मा जाती है ।
पूनम-" ओह्ह्ह सूरज तू भी पागल है, मतलब अगर में भी उस समय शादी कर लेती तो तीन चार बच्चे मुझपर भी होते" 
सूरज-"हाँ दीदी चार पांच तो हो जाते अभी तक" पूनम शर्म से मरी जा रही थी,पहली बार सूरज से इतनी बातचित कर रही थी।
पूनम-"ओह्ह अभी तो तीन चार बच्चे कह रहा था अब ये पांच बच्चे कहाँ से आ गए?" 
सूरज-" अब तक पांचवां भी हो जाता" सूरज भी शर्मा कर बोला।पूनम भी अंदर ही अंदर बहुत शरमा रही थी ।
पूनम-" ओह्ह्ह पांच बच्चे, मेरे बस की बात नहीं, बच्चों की लाइन तो तू ही लगाना अपनी शादी के बाद, में तो एक या दो बच्चे बस" 
सूरज-" मेरी शादी तो पता नहीं कब होगी दीदी, लेकिन अभी आपकी शादी हो जाए तो आप लाइन लगा सकती हो" 
पूनम-"उफ्फ्फ तू न पागल है, तुझे मेरी शादी की फ़िक्र है या मेरे बच्चों की लाइन लगवानी है" 
सूरज-" दीदी मुझे मामा बनना है, आपके बच्चे घर में खेलेंगे तो सबका मन लगा रहेगा, माँ का भी अकेलापन दूर हो जाएगा" 
पूनम-" ज्यादा सपने मत देख,में अभी शादी नहीं करुँगी और शादी के चार पांच साल तक बच्चा नहीं" 
सूरज-"मतलब दीदी आपने अपनी फेमिली प्लानिंग कर ली है, और शादी के चार पांच साल तक बच्चे नहीं करोगी,फिर क्या करोगी" 
पूनम-" ऐश करुँगी, दुनिया की सैर करुँगी" 
सूरज-" ओह्ह्ह वाव्व्व् दीदी,लेकिन आपके पति नहीं माने तो और बच्चा कर लिया तो" 
पूनम-"में करने ही नहीं दूंगी" 
सूरज-"मतलब समझा नहीं में" 
पूनम-"तू अभी नहीं समझेगा पगले" हँसते हुए बोली । तभी पूनम को डिडलो और पेंटी ब्रा की याद आती है जो सूरज के बेग में थी।
पूनम-"सूरज एक बात पुछु तुझसे?" 
सूरज-"हाँ बोलो दीदी" 
पूनम-" कुछ देर सोचती है फिर मना कर देती है-" कुछ नहीं बस ऐसे ही" 
सूरज-"अरे दीदी बोलो न" 
पूनम-" बात को घुमा देती है-" वो तू कपडे बहुत अच्छे लाया है लेकिन स्कर्ट और टॉप बहुत शार्ट है, सबके सामने कैसे पहनूँगी उसे" 
सूरज-"दीदी मैंने तो पहले ही आपसे बोला था की अमेरिका में लड़कियां शार्ट कपडे पहनती है, आपके बाले तो फिर भी ठीक है बरना वहां तो इससे भी छोटे कपडे पहनती हैं" 
पूनम-" हाँ पता है मुझे" सूरज चोंक जाता है।
सूरज-"आपको कैसे पता दीदी, आपने कहाँ देखे" अब पूनम चोंकती हैं चुकी उसने अमेरिकन पोर्न मूवी देखी हैं इंटरनेट पर कई बार ।
पूनम-" सॉरी देखा नहीं है सुना है सहेलियों से" पूनम फिर से बात घुमा देती है।
सूरज-"मतलब आपकी सहेलियों ने देखें हैं, दीदी आपकी सहेलियां तो बहुत एक्सपर्ट हैं" 
पूनम-"हाँ लेकिन तू इतना क्यूँ चोंक रहा है तू तो अमेरिका घूम कर आया है तुने कैसे कपड़ो में लड़कियों को देखा, फोटो खेंच कर लाया है दिखा मुझे भी" 
सूरज-" दीदी बहुत गन्दा देश है, आप मत देखो फोटो" 
पूनम-"क्यूँ कैसे फोटो हैं, अच्छा दिखा मत मुझे व्हाट्सअप पर सेंड कर दे, अब में अपने कमरे में जा रही हूँ" 
पूनम अपने कमरे में जाकर लेट जाती है और व्हाट्सअप चलाने लगती है ।
पूनम बेड पर लेटते ही मोबाइल उठाकर सूरज को व्हाट्सअप पर मेसेज भेजती है।
पूनम-" तूने फोटो नहीं भेजी अभी तक?"
सूरज-" ओके दीदी wait,अभी भेज रहा हूँ" सूरज नैला और सैला तान्या के साथ बाला फोटो भेजता है।
पूनम नैला और सैला को पेंटी ब्रा में देखती है तो हैरान रह जाती है ।
पूनम-" ओह्ह्ह यह अंग्रेजिन कौन है" 
सूरज-" दोनों माँ बेटी हैं,हमें बीच पर मिले थे, देखा दीदी अमेरिका में लड़कियां कैसे कपडे पहनती हैं" 
पूनम-" मतलब तू और तान्या बीच पर भी गए थे, क्या तान्या ने भी ऐसे ही कपडे पहन कर नहाईं थी" 
सूरज-"नहीं दीदी! तान्या दीदी शर्म की बजह से नहीं नहाईं" 
पूनम-"ओहके! जगह तो बहुत सुन्दर है" 
सूरज-" दीदी आप चलोगी अमेरिका घूमने, बीच पर घुमा कर लाऊंगा आपको" 
पूनम-" सच! तू लेकर जाएगा मुझे" 
सूरज-"हाँ दीदी जब भी मन हो तो बता देना' 
पूनम-" आज तक तूने मुझे इस शहर में तो घुमाया नहीं, अमेरिका क्या घुमाएगा, तू बस मेरा मन बहलाने के लिए बोल देता है" 
सूरज-" ओह्ह दीदी सच बोल रहा हूँ, चलो कल आपको शहर घुमा ही देता हूँ, अब सो जाओ दीदी" 
पूनम-" ठीक है सूरज, गुड़ नाईट" 

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