मैं लड़की नहीं.. लड़का हूँ - 7

उधर राधे और मीरा मूवी देख कर एक रेस्तरां में गए.. वहाँ से खाना पार्सल करवा कर वापस घर आ गए।
मीरा ने बहुत कहा कि यहीं खाएँगे.. मगर राधे ने उससे कहा.. कुछ खास है घर जाकर बताऊँगा.. तुम खाना ले लो.. मैं अभी आता हूँ।
मीरा- जानू तुमने तो कहा था.. आज ड्रिंक करोगे.. मगर चुपचाप घर आ गए.. ड्रिंक तो की नहीं लगता है.. भूल गए तुम..
राधे- नहीं मेरी जान.. याद है.. खाना लेने के समय में दस मिनट के लिए तुमसे दूर हुआ था.. तब मैंने बियर की बोतल ले ली थीं।
मीरा- झूठ.. तुम्हारे हाथ में कुछ नहीं था.. कहाँ है बताओ?
राधे ने अपनी सलवार के अन्दर से दो बोतलें निकाल कर दिखाईं.. तो मीरा बस देखती रह गई..
मीरा- वाह.. क्या बात है.. मेरे आशिक.. तुम तो बहुत तेज़ निकले.. चलो चेंज कर लो.. पहले पेट भर कर खाना खाएँगे उसके बाद जाम कर पीयेंगे।
राधे- अरे नहीं पगली.. बियर खाने के बाद नहीं.. पहले पीते हैं.. उसके बाद खाना खाते हैं।
मीरा- ओह्ह.. ये बात है.. अच्छा मैं गिलास लेकर आती हूँ.. बाद में मज़े से पीयेंगे.. तुम जल्दी से लड़की से लड़का बन जाओ।
मीरा गिलास लेने गई.. तब तक राधे ने अंडरवियर के अलावा सब कुछ निकाल दिया और बिस्तर पर बैठ गया।
मीरा- ये लो जी.. आप तो बड़े बेशर्म हो.. चेंज करने को कहा था.. तुम तो नंगे ही हो गए।
राधे- मेरी जान पीने का मज़ा दुगुना करना है.. तो तुम भी कपड़े निकाल दो.. आज तुम्हें नये तरीके से पिलाऊँगा।
मीरा- अच्छा ये बात है.. तो लो अभी निकाल देती हूँ.. तुम भी ये अंडरवियर निकाल दो.. जब नंगा होना ही है.. तो पूरी तरह हो जाओ ना..
राधे ने अपना अंडरवियर भी निकाल दिया.. इधर मीरा भी एकदम नंगी हो गई। उसका दूध सा सफ़ेद जिस्म किसी को भी पागल बना दे.. रात को उसकी चुदाई के बाद भी राधे बस उसको ऐसे देखने लगा.. जैसे पहली बार नंगा देखा हो.. उसका लौड़ा अपने आप खड़ा होने लगा।
मीरा- ऐसे क्या देख रहे हो जानू?
राधे- जान तुम हो ही ऐसी कि बस बार-बार देखने को दिल करता है.. आओ मेरे पास आकर बैठ जाओ.. अपने हाथों से मुझे पिलाओ..
मीरा ने दो गिलास में बियर डाली.. अपने हाथ से राधे को पिलाने लगी और राधे उसके मम्मों को सहलाने लगा।
मीरा- जानू इसमें कितनी बदबू आ रही है ना.. मुझसे तो नहीं पी जाएगी..
राधे- मेरी जान शुरू में अजीब लगेगी.. बाद में मज़ा आएगा.. लो मैं पिलाता हूँ तुम्हें..
मीरा ने एक घूँट लिया.. उसको कड़वी लगी.. उसने मुँह हटा लिया।
राधे- अरे क्या हुआ.. थोड़ी तो पियो..
मीरा- नहीं राधे.. प्लीज़ तुम पी लो.. मुझे कल स्कूल जाना जरूरी है.. अगर मैं पीकर लमलेट हो गई.. तो कल उठना मुश्किल हो जाएगा।
राधे- अच्छा ठीक है.. मेरी मीरा यह गिलास तो पीना ही पड़ेगा और मैं ऐसे पिलाऊँगा कि तुम्हें कड़वी भी नहीं लगेगी।
मीरा- अच्छा.. वो कैसे.. जरा बताओ तो..?
राधे- पहले मेरे लौड़े को चूसो.. ताकि तेरे मुँह की कड़वाहट कम हो जाए.. उसके बाद पिलाऊँगा..
मीरा घुटनों पर बैठ गई और राधे का लौड़ा चूसने लगी.. राधे खड़ा हुआ और लौड़े को चुसवाते हुए बियर पीने लगा।

मीरा मस्ती से पूरे लौड़े को चूस रही थी। राधे ने अपना गिलास ख़त्म करके मीरा वाला गिलास उठाया और थोड़ी सी बियर लौड़े पर डाली।
राधे- ना ना रुक मत मेरी जान.. अब मेरे लौड़े की बियर चाट कर साफ कर.. इस तरह बियर भी पी लोगी और मेरे लौड़े को भी मज़ा दे दोगी..
इस तरह धीरे-धीरे करके राधे ने पूरा गिलास मीरा को चटवा दिया.. अब उसका लौड़ा भी चूत में जाने के लिए एकदम तैयार था।
राधे- बस कर मेरी जान.. अब सीधी लेट जा.. आज तेरे यौवन के साथ मिक्स करके बियर पीऊंगा.. आज मैं अपनी तमन्ना पूरी करूँगा।
मीरा समझ गई थी कि राधे क्या चाहता है.. वो सीधी लेट गई।
राधे ने उसके जिस्म पर बियर डाल दी और खुद उसको जीभ से चाटने लगा।
मीरा- आह्ह.. मज़ा आ गया.. तुम्हारी जीभ मेरे जिस्म पर बड़ा मज़ा दे रही है..
राधे अब धीरे-धीरे बियर मीरा के मम्मों पर डालता रहा और उसको चूसता रहा.. मीरा बहुत गर्म हो गई थी.. उसकी चूत गीली हो गई थी।
मीरा- आह्ह.. सस्स राधे आह्ह.. अब बस करो आह्ह.. मेरी चूत आह..
राधे ने बोतल की तरफ देखा.. अभी भी उसमें थोड़ी बियर बाकी थी। वो उठा और मीरा के पैरों को अपने कन्धों पर रखा। अब वो बियर चूत पर डाल कर चाटने लगा।
मीरा- आह्ह.. आह ससस्स चाटो.. आह्ह.. मज़ा आ रहा है आह्ह..
राधे ने 5 मिनट तक चूत को बड़े प्यार से चाटा.. अब उसका लौड़ा भी बेकाबू हो गया था।
मीरा- आह्ह.. आह्ह.. राधे.. अब बस.. आह्ह.. डाल दो अपना लौड़ा.. मेरी चूत में.. ऐइ अब बर्दाश्त नहीं हो रहा..
राधे ने पैर कंधे पर ही रखे.. सुपाड़े को चूत पर टिकाया और ‘फुच्च’ की आवाज़ के साथ चूत में घुसा दिया।
मीरा- आह्ह.. मर गई रे.. आह्ह.. तुम्हारा लौड़ा है या कोई बम्बू.. आह्ह.. अन्दर जाते ही.. बड़ा दर्द होता है.
राधे- मेरी जान.. एक महीने तक रोज चुदवा लेगी.. तब दर्द क्या सब कुछ भूल जाएगी.. बाद में तुझे ये लौड़ा भी काम लगेगा।
मीरा- आह्ह.. चोदो आह्ह…. ज़ोर से घुसाओ आह्ह.. मज़ा आ रहा है..।
राधे स्पीड से लौड़े को अन्दर-बाहर करने लगा, मीरा की चूत में लौड़ा जड़ तक ठोकर मार रहा था।
मीरा तो आसमानों की सैर कर रही थी।
मीरा- आह्ह.. फक मी आह्ह.. फक मी हार्ड.. ऊई.. फास्ट.. राधे आह्ह.. पूरा घुसा दो.. आह्ह.. फाड़ दो मेरी चूत को.. आह्ह.. मज़ा आ गया आह्ह.. मैं गई.. ऊई.. मेरी चूत फट रही है..
राधे- उहह उहह.. रुक मेरी जान.. आह्ह.. मेरा लौड़ा भी तेरी चूत के पानी में अपना पानी मिलाने के लिए तैयार है बस.. आह्ह.. थोड़ी देर आह्ह.. आह्ह…
मीरा की चूत ने पानी छोड़ दिया और उसके अहसास से ही राधे का लौड़ा भी झड़ने लगा। दोनों के पानी का मिलन हो गया। मीरा और राधे लंबी साँसें लेने लगे।

थोड़ी देर बाद राधे एक तरफ़ लेट गया आज की चुदाई में मीरा को बहुत मज़ा आया।
मीरा- ओह्ह.. मेरे राधे.. सच्ची तुम बहुत अच्छे हो.. कितना मज़ा दिया मुझे.. तुम एक सच्चे मर्द हो.. मेरी जिंदगी में आकर तुमने खुशियाँ बिखेर दीं।
राधे- अभी कहाँ मेरी जान.. बहुत भूख लगी है.. पहले खाना खा लेते हैं उसके बाद बाकी की ख़ुशी दूँगा.. चलो खाना लगाओ।
मीरा- हाँ जानू.. भूख तो मुझे भी बहुत लग रही है। पहले बाथरूम जाकर आती हूँ.. उसके बाद खाना।
राधे- चलो मैं भी साथ चलता हूँ.. दोनों साथ में हल्के होंगे।
मीरा मुस्कुराने लगी और राधे के साथ बाथरूम चली गई।
मीरा- कमोड तो एक ही है.. हम दो हैं.. अब बताओ कैसे पेशाब करेंगे।

राधे- मेरी जान आज मूतने का एक नया तरीका ईजाद करेंगे.. तुम ये बताओ पेशाब ज़ोर से आ रही है क्या?
मीरा- हाँ.. बहुत ज़ोर से आ रही है.. बस रोक कर रखे हूँ।
राधे- मेरा भी वही हाल है.. अब सुनो कमोड को जाने दो.. दीवार के साथ हाथ लगा कर घोड़ी बन जाओ और मैं रेडी कहूँ.. तब मूतना।
मीरा- आख़िर तुम करना क्या चाहते हो?
राधे- तुम बस देखती जाओ.. जैसा मैं कहता हूँ.. तुम वैसा करो।
राधे का लौड़ा बेजान था.. मीरा घोड़ी बन गई थी और राधे अपने लौड़े को उसकी चूत पर बस घुमा रहा था।

मीरा- राधे क्या कर रहे हो.. मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा।

राधे का लौड़ा धीरे-धीरे खड़ा हो रहा था.. अब उसका भी कंट्रोल आउट हो गया था।
राधे ने ज़ोर से ‘रेडी’ कहा.. मीरा की फुद्दी से पेशाब शुरू हुआ.. इधर राधे ने लौड़ा चूत में घुसा दिया और मूतने लगा।
राधे की गर्म पेशाब का अहसास चूत में मीरा को बड़ा मज़ा दे रहा था।
वैसे तो चूत में लौड़ा हो तो पेशाब आना मुश्किल है.. मगर जब लौड़े की नोक पर पेशाब हो.. तब ऐसा हो सकता है। 
राधे भी मज़े से मूतने लगा।
जब दोनों शांत हुए.. तो खिलखिलाकर हँसने लगे। राधे ने शावर चालू कर दिया और दोनों मज़े से नहाने लगे।
पंद्रह मिनट बाद दोनों बाहर आए.. उनकी भूख अब ज़्यादा बढ़ गई थी। अपने बदन को साफ करके दोनों नंगे ही खाना लेकर बैठ गए।
राधे- ले खा मेरी जान.. पेट भर कर खा।
मीरा- उहह.. बस भी करो.. कितना खिलाओगे.. मेरा पेट भर गया।
राधे- अरे खा.. मेरी जान.. जितना खिलाऊँगा.. वो सारा निकाल दूँगा.. ऐसी चुदाई करूँगा कि दोबारा खाना माँगेगी.. हा हा हा हा !
मीरा- अच्छा ये बात है.. मैं भी देखूँगी.. इस बात पर थोड़ा और खाऊँगी मैं।
राधे- खा मेरी जान खा.. आज तुझे ऐसे अपने लौड़े पर कुदवाऊँगा कि सारा खाना हजम हो जाएगा।
दोस्तो, जब तक ये खाना खाते हैं.. हम रोमा का हाल देख आते हैं। उसने अपनी लाइफ में पहली बार लंड को हाथ से ठंडा किया है। अब घर जाकर कुछ तो करेगी.. वो तो चलो रोमा के घर चलते हैं।
रोमा अपने कमरे में लेटी हुई आज के उन सेक्सी पलों को याद कर रही थी, उसका चेहरा साफ बता रहा था कि वो बेहद खुश है.. यानि नीरज की हरकतें उसको अच्छी लगीं।रोमा ने नाईटी पहनी हुई थी और बस नीरज के बारे में सोच रही थी.. तभी उसके फ़ोन पर रिंग हुई।
रोमा- हैलो कौन..?
नीरज- अच्छा जी.. हमारी आवाज़ भी नहीं पहचान रही हो.. मैं नीरज बोल रहा हूँ मेरी जान।
रोमा मस्ती के मूड में थी.. तो उसने कह दिया- कौन नीरज?
नीरज- अच्छा कौन नीरज.. मेरे सामने होती.. तो अभी बता देता कौन नीरज।
रोमा- हा हा हा हा अच्छा क्या करते.. अगर मैं सामने होती तो?
नीरज- बताऊँ.. सुन पाओगी तुम.. इतनी हिम्मत है तुम्हारे अन्दर?
रोमा- मुझमें तो बहुत हिम्मत है.. चाहो तो मेरे ब्वॉय-फ्रेण्ड से पूछ लो.. आज उसके साथ बड़ा हिम्मत का काम किया है मैंने.. आप बताओ आप कितने बड़े हिम्मत वाले हो.. आप क्या करते अगर अभी मैं सामने होती तो?
नीरज- अच्छा जी.. मेरी हिम्मत देखना चाहती हो.. तुम्हारे ब्वॉय-फ्रेण्ड से ज़्यादा पावर है मेरे में.. उसने तो तुम्हें सिर्फ टच करके ठंडा किया होगा.. मैं फ़ोन पर बात करके ही कर सकता हूँ.. समझी!
रोमा बड़े सेक्सी मूड में थी- अच्छा जी.. इतना ही पावर है तो बताओ.. अभी यहाँ होते तो क्या करते?
नीरज- बताता हूँ.. पहले तुम ये बताओ इस वक़्त तुम कहाँ हो.. और तुमने क्या पहना हुआ है।
रोमा- मैं अपने कमरे में हूँ.. दरवाजा लॉक है और मैंने एक शॉर्ट नाईटी पहनी है।
नीरज- अच्छा मेरी जान.. अन्दर क्या पहना है.. वो तो बताओ।
रोमा- अन्दर तो ब्रा और पैन्टी है.. क्यों ये सब आप क्यों पूछ रहे हो?
नीरज- इसलिए पूछ रहा हूँ जान.. ताकि जब मैं बताना शुरू करू कि मैं वहाँ होता तो क्या करता.. मुझे सब पता होना चाहिए ना।
रोमा- अब तो मैंने सब बता दिया ना.. अब आप बताओ क्या करते?
नीरज- चुपके से आता और तुम्हारे मखमली होंठों को चुम्बन करता.. एक हाथ से तुम्हारे सन्तरे सहलाता।
रोमा- अच्छा आगे बोलो..
नीरज- नहीं.. तुम महसूस करो.. जो मैं कहता हूँ.. तब ही मज़ा आएगा।
रोमा- ओके.. अब करूँगी।
नीरज- मैं तुम्हारे मम्मों को धीरे-धीरे दबाता हूँ एक हाथ से.. तुम्हारी नाईटी को ऊपर करता हूँ।
रोमा- आह्ह.. मज़ा आ रहा है.. करते रहो आह्ह.. आराम से दबाओ ना।
नीरज- अब तुम्हारी नाईटी निकाल दी मैंने.. तुम सिर्फ़ ब्रा-पैन्टी में हो। अब मैं तुम्हारे जिस्म को बेतहाशा चूम रहा हूँ।
रोमा- आह्ह.. आह्ह.. नहीं उफ़फ्फ़.. आईईइ.. नहीं।
नीरज- अब मैंने तुम्हारी ब्रा भी निकाल दी.. तुम्हारे मस्त मम्मों को दबा रहा हूँ।
रोमा सच में गर्म हो गई थी.. उसकी उत्तेजना बढ़ने लगी थी। वो अपने मम्मे खुद दबाने लगी थी।
नीरज- अब मैंने तुम्हारी पैन्टी भी निकाल दी.. तुम्हारी गुलाबी चूत अब आज़ाद हो गई। अब मैं कभी तुम्हारे मम्मों को चूस रहा हूँ.. चूत को चाट रहा हूँ.. तुम पागल हो रही हो।
रोमा- आह्ह.. ऐइ.. मज़ा आ रहा है.. करते रहो आह्ह।
नीरज- अब मैंने अपने कपड़े निकाल दिए.. मेरे लौड़े को तुम्हारी चूत पर रगड़ रहा हूँ।
रोमा- आह्ह.. ऐइ.. नहीं ऐसा मत करो.. आह्ह.. तुम्हारा बहुत बड़ा है आह्ह।

नीरज- नहीं मेरी जान.. घबराओ मत.. मैं बड़े आराम से तुम्हारी चूत को चोदूँगा.. बस तुम मज़ा लो। अब मैं धीरे-धीरे लौड़े को चूत में घुसा रहा हूँ।
रोमा ने नाईटी में हाथ डाल दिया और चूत को रगड़ने लगी।
नीरज- अब मैं लंड को चूत में घुसा रहा हूँ.. महसूस करो तुम.. आह्ह.. तुम्हारी चूत बहुत टाइट है.. आह्ह.. जा नहीं रहा आह्ह…
रोमा इतनी उत्तेजित हो गई थी कि चूत को ज़ोर-ज़ोर से रगड़ने लगी। उसका फुव्वारा निकल गया- आह्ह.. आईईइ उईईइ.. बस करो.. आह्ह.. मेरा पानी निकल गया.. अब घुसाने की जरूरत नहीं..
नीरज- धत तेरी की.. लौड़ा अन्दर गया नहीं कि तुम झड़ गईं..
रोमा- आप बहुत बदमाश हो.. मुझे नहीं घुसवाना आपका.. ऐसे ही मुझे मज़ा आ गया.. समझे अब सो जाओ.. रात बहुत हो गई है.. सुबह मुझे स्कूल भी जाना है। 
नीरज- रोमा.. मैं तुम्हें बहुत चाहता हूँ कल मिल सकती हो क्या?
रोमा- ना बाबा.. आज ही आपने मेरी हालत खराब कर दी.. अब दोबारा मिलूंगी तो पता नहीं क्या करोगे।
नीरज- अपने दिल पर हाथ रख कर कहो.. मैंने कुछ भी तुम्हारी मर्ज़ी के खिलाफ किया क्या..? या कुछ ऐसा किया जो गलत हो? बताओ रोमा क्या तुम्हें मेरा प्यार करना अच्छा नहीं लगा?
रोमा- नहीं नहीं नीरज.. ऐसी बात नहीं है.. यहाँ तक तो ठीक है.. मगर सेक्स करना ठीक नहीं होगा.. किसी को पता लग गया तो?
नीरज- मैं कब कह रहा हूँ सेक्स के लिए.. तुम कहोगी तो ही करूँगा.. वरना नहीं करूँगा.. बस तुम्हारी मस्त चूत को चूस कर तुम्हें मज़ा दूँगा.. हाँ हो सके तो अपनी चूत के बाल साफ कर लेना.. चिकनी चूत चूसने में ज़्यादा मज़ा आता है.. प्लीज़ कल किसी भी तरह आ जाओ ना.. प्लीज़ तुम्हें मेरी कसम है।
रोमा- अच्छा बाबा.. मैं कोशिश करूँगी अब सो जाओ.. बाय लव यू मेरे जानू..
नीरज ने भी रोमा को ‘लव यू’ कहा और फ़ोन काट दिया।
लो दोस्तो, फ़ोन सेक्स तो हो गया.. अब अपने हीरो के पास भी देख लेते हैं, अब तक तो उनका खाना ख़त्म हो गया होगा।
मीरा- आह.. बहुत खा लिया मैंने.. अब तो हिला भी नहीं जा रहा।
राधे- बिस्तर पर चल मेरी जान.. अभी खाना हजम कर देता हूँ।
मीरा- हाँ चलो.. मैं डरती हूँ क्या.. देखती हूँ कितना दम है तुम्हारे अन्दर.. आ जाओ..
दोनों बिस्तर पर लेट गए। राधे तो बीयर की धुन में मस्त था। हाँ मीरा ने एक गिलास ही लिया था.. जिसका उस पर इतना असर नहीं हुआ।
राधे मीरा के मम्मों को सहलाने लगता है..
मीरा- जानू मेरी चूत को चाटो ना.. मन कर रहा है..
राधे- मन तो मेरा भी लौड़ा चुसवाने का हो रहा है.. चल ऐसा कर 69 के पोज़ में हो जाते हैं.. दोनों का मन रह जाएगा..
दोनों 69 के पोज़ में हो गए.. राधे मज़े से चूत को चाट रहा था.. वहीं मीरा भी पीछे नहीं थी.. पूरा लौड़ा जड़ तक चूस रही थी।
कुछ देर बाद राधे सीधा लेट गया और मीरा को कहा- अब तुम धीरे से लौड़े पर बैठ जाओ..
मीरा लौड़े पर बैठ गई.. सर्रर.. से लौड़ा चूत में घुस गया..
मीरा- आह्ह.. मज़ा आ गया.. अब चोदो..

राधे- मैं नहीं.. मेरी जान तुम चोदोगी.. खुद चलो अपने जिस्म का पूरा भार पैरों पर ले लो और गाण्ड को ऊपर-नीचे करो.. मज़ा आएगा..
मीरा समझ गई कि उसको क्या करना है। अब वो लौड़े पर कूदने लगी और मस्ती में अजीब सी आवाजें निकालने लगी।
मीरा- आह्ह.. आह.. आईईइ फक मी… आह्ह.. फक मी.. माय टार्जन.. आह्ह.. तुम्हारा लौड़ा किसी जंगली जैसा है.. आह्ह.. बहुत बड़ा है आह्ह.. आह्ह..
उसकी बातों से राधे भी उत्तेजित हो गया और नीचे से धक्के मारने लगा।
दस मिनट तक मीरा वैसे ही उछलती रही.. उसको मज़ा तो बहुत आ रहा था.. मगर पैर दुखने लगे थे।
मीरा- आह्ह.. आह.. मेरे प्यारे राधे आह्ह.. प्लीज़.. अब मैं नीचे आई.. आह्ह.. आह्ह.. आ जाऊँ.. पैर दुखने लगे हैं आह्ह.. खाना भी हजम हो गया.. ऐइ चूत में मीठा सा दर्द भी हो रहा है आह्ह..
राधे कुछ बोला नहीं.. बस मुस्कुराता रहा। अचानक उसने मीरा को ऊपर से हटा दिया। अभी वो संभल पाती कि उसके पहले उसके सर को पकड़ कर तकिये पर लगा दिया और उसकी पीठ पकड़ कर उसको घोड़ी बना दिया और एक ही झटके में पूरा लौड़ा चूत में घुसा दिया।
मीरा- आह्ह.. आईईइ.. ये क्या है.. आह्ह.. जो भी है.. आह्ह.. अच्छा है.. चोदो आह्ह.. फास्ट मज़ा आ रहा है.. आह्ह…
राधे- मेरी जान तुम्हें घोड़ी बनाकर चोदने में ज़्यादा मज़ा आ रहा है.. आह्ह.. अब मेरा पानी निकलने वाला है.. आह्ह.. उहह उहह.. आह्ह.. उहह..
मीरा- आह्ह.. आह्ह.. मेरी चूत भी आह्ह.. ठंडी होने वाली है आह्ह.. आह्ह.. फास्ट..
राधे स्पीड से घपाघप लौड़ा पेलने लगा। कुछ ही देर में दोनों शांत हो गए।
मीरा- ओह्ह.. राधे.. तुम कितना मज़ा देते हो.. मेरी चूत तो मस्त हो गई.. तुम्हारे लौड़े से..
राधे- मेरी जान ये तो शुरूआत है.. आगे और मज़ा आएगा.. बस तेरी ये मुलायम गाण्ड भी मरवाले.. तब मज़ा दुगुना हो जाएगा!
मीरा- मरवा लूँगी मेरे राजा.. सब्र करो और हाँ ये पानी जो चूत में भर कर आए हो.. कहीं मुझे बच्चा ना हो जाए।
राधे- अरे गोली ले रही हो ना.. कुछ नहीं होगा बच्चा तो ममता को देना है।
मीरा- अरे हाँ.. अच्छा याद दिलाया.. कल सुबह ही शुरू हो जाना.. बेचारी बहुत परेशान है। अब मुझे सोने दो.. वरना कल लौड़े में ताक़त नहीं रहेगी..
राधे- मेरी जान अभी कहाँ सोने दूँ.. आज पूरी रात चोदूँगा तुझे और कल का तू टेंशन मत ले.. मेरा लौड़ा बहुत पावर वाला है.. कल भी ममता को बराबर चोदेगा..
मीरा- नहीं नहीं.. अब सो जाओ.. कल मुझे स्कूल भी जाना है प्लीज़.. समझो बात को.. सोने दो…
राधे- अच्छा ठीक है मेरी जान.. चल आजा चिपक कर सोते हैं.. मज़ा आएगा..

दोनों एक-दूसरे को बाँहों में लेकर नंगे ही सो गए.. कब उनको नींद ने अपने आगोश में ले लिया.. पता भी नहीं चला।
आज का दिन अलग ही मोड़ लेकर आएगा। आज सुबह के 7 बजे ममता काम पर आ गई। आज उसको देख कर कोई नहीं कह सकता था कि ये वही ममता है। आज तो वो किसी गुलाब की तरह खिली हुई लग रही थी।
उसने गुलाबी साड़ी पहनी हुई थी.. बाल भी सलीके से बँधे हुए थे.. उसकी मटकती गाण्ड आज अलग ही समा बाँध रही थी।
ममता अन्दर आई और सबसे पहले मीरा के कमरे को देखा.. वो खुला है या बन्द है।
ममता बुदबुदाई- ये देखो 7 बज गए.. बीबी जी अभी तक सोई है।
ममता ने दरवाजा को ज़ोर से पीटा और आवाज़ लगाई.. तब कहीं मीरा की आँख खुली.. वो हड़बड़ा कर उठी।
मीरा- उठ गई ममता.. तुम जल्दी से नास्ता बनाओ.. मैं अभी रेडी होती हूँ।
ममता कुछ ना बोली और रसोई में नाश्ता बनाने चली गई।
मीरा जल्दी से नहाकर बाहर आई.. राधे अभी भी नंगा सोया हुआ था।
मीरा- राधे उठो.. देखो ममता आ गई है.. चलो फ्रेश हो जाओ.. मैं बाहर जा रही हूँ.. जल्दी करो।
राधे- अरे सोने दो ना.. ममता को यहीं भेज दो.. अब क्या फ्रेश होना.. उसकी चुदाई तो करनी है न.. जाओ।
मीरा- तुम तो बड़े बेशर्म हो.. उठो नहीं तो मार खाओगे।
मीरा ने मस्ती करके राधे को उठा दिया। वो बाथरूम चला गया और मीरा बाहर आ गई।
ममता- क्या बात है बीबी जी.. आजकल बहुत देर तक सोती रहती हो।
मीरा- अरे क्या बताऊँ ममता.. रात देर से सोई.. तो आँख नहीं खुली।
ममता- ओयएए होये.. बीबी जी.. क्या बात है.. लगता है साहब जी बहुत परेशान करते हैं आपको.. वैसे उनका भी कोई कसूर नहीं.. आप है ही इतनी अच्छी कि कोई भी आपको सोने ना दे।
मीरा- चल हट बदमाश.. तू अपने आप को देख.. कैसे तैयार होकर आई है.. आज तो राधे तुझे कच्ची खा जाएगा।
ममता शर्मा जाती है.. वो कुछ बोलना शुरू करती.. इसके पहले मीरा बोल पड़ी- बस अब बातें बन्द कर नाश्ता करवा.. मुझे स्कूल जाने में देर हो रही है। उसके बाद तू अपने साहब के मज़े लेना.. ठीक है।
मीरा की बात सुनकर ममता को कल का सीन याद आ गया.. उसके जिस्म में राधे के लौड़े को याद करके करंट सा दौड़ गया।
ममता ने मीरा को नाश्ता कराया.. तब तक राधे भी फ्रेश हो कर बाहर आ गया। उसकी नज़र ममता पर गई तो वो बस उसको देखता रह गया।
मीरा- ऐसे क्या देख रहे हो.. आज तुम्हारे लिए तैयार होकर आई है हा हा हा हा।
सभी हँसने लगे.. उसके बाद बस ऐसे ही एक-दूसरे को छेड़ते हुए नाश्ता करने लगे।
उधर रोमा बाथरूम में थी और ना जाने क्या सोच कर वो मुस्कुरा रही थी।
रोमा एकदम नंगी बैठी हुई थी और अपने हाथ-पाँव और चूत के बाल साफ कर रही थी.. शायद नीरज की बात उसको याद थी.. या आज उसका इरादा कुछ और ही था। चलो जो भी हो.. इसको चुदना तो पड़ेगा ही।
रोमा ने अच्छे से सारे बाल साफ किए और नास्ता करके स्कूल चली गई।
स्कूल के मेन गेट पर उसको टीना मिली।
टीना- हाय रोमा.. क्या हुआ.. कहाँ खोई हुई हो तुम?
रोमा- कहीं नहीं यार.. तुम सुनाओ क्या चल रहा है.. परसों स्कूल क्यों नहीं आई तुम?
टीना- अरे क्या बताऊँ.. पीरियड्स प्राब्लम.. दो दिन से.. आज आई हूँ.. क्लास में क्या चल रहा है?
रोमा- कुछ खास नहीं यार.. अच्छा हुआ तू आज आ गई.. मेरा एक काम करेगी?
टीना- हाँ बोल.. क्या काम है?
रोमा- यार मेरी छुट्टी की एप्लीकेशन दे देना.. आज मैं घर वापस जा रही हूँ.. कुछ काम है।
टीना- अरे काम था तो आई ही क्यों.. घर से फ़ोन कर देती यार।
रोमा- तब सोचा नहीं था यार.. और घर पर नहीं पता था.. तू ऐसा करना.. छुट्टी के बाद मैं तेरे घर आ रही हूँ.. आकर सब बताऊँगी।
टीना- अरे आख़िर बात क्या है.. कुछ तो बता.. ऐसे कहाँ जा रही है यार?
रोमा- आकर सब बताती हूँ ना.. प्लीज़ प्लीज़.. मेरी बेस्ट फ्रेण्ड है ना.. अब मैं जाती हूँ.. बाय।
रोमा वहाँ से चली गई और टीना बस उसको देखती रही कि आख़िर बात क्या है.. कहाँ गई है ये?
दोस्तों टीना याद है ना आपको.. या भूल गए.. इसका भी कहानी में एक अहम किरदार है.. मगर अभी नहीं.. वक़्त आने पर इसके बारे में भी बताऊँगी। अभी तो मीरा और रोमा पर ही ध्यान दो कि इनकी किश्ती किनारे लगती है या डूब जाती है।
रोमा चलती जा रही थी और उसने नीरज को फ़ोन किया कि वो स्कूल के पास उसको लेने आ जाए।

Comments

Popular posts from this blog

लालाजी का सेवक

चढ़ती जवानी की अंगड़ाई

लालाजी का सेवक - 5 - रंगीली की सुहागरात PART-2